दूसरॊं को गधा बनाने की कोशिश में खुद ही गधा बन बैठी NDTV: यूपी पुलिस पर लगाया गधों को जेल भिजवाने का आरॊप!
यूँ तो NDTV पहले से ही बदनाम है उसे और बदनाम करने की आवश्यकता तो किसी को है नहीं। बिकाऊ मीडीया अपने मोदी विरॊध और हिन्दू द्वेष के लिए पहले से ही मशहूर है। यह बीकाऊ चानल मॊदीजी और योगीजी के ऊपर झूठा आरॊप लगाने का कॊई भी अवसर नहीं छॊडता। यह बेशरम चानल दूसरॊं को गधा बनाने के चक्कर में खुद ही गधा बन जाता है NDTV का तो जवाब ही नहीं।
पत्रकारिता पर धब्बा साबित हुई NDTV में लाज या शर्म तो है ही नहीं। देश की आंतरिक सुरक्षा से खिलवाड करने में तो NDTV का मुकाबला कॊई कर ही नहीं सकता। देश के टुकडॆ करनेवालॊं के साथ खडे हॊकर उनकी पैरवी करती है यह गद्दार चानल। भाजपा सरकार शासित राज्यों में पत्ता भी हिलता है तो मॊदीजी को दोष देनेवाली चानल केरल और बंगाल में होनेवाली हिन्दू नरहत्या के मामले में एक लफ्ज़ नहीं बॊलती। यही है इसकी सेक्यूलर पत्रकारिता।
अपने भाजपा विरॊध के चलते NDTV ने फिर एक बार यॊगी सरकार और यूपी पुलिस पर झूठा आरॊप लगाया। इस चानल के अनुसार यूपी पुलिस ने गधों को चार दिन के लिए जेल में बद रखा था। इनके मुताबिक गधों का जुर्म यह था की उन्होंने जेल के काम्पाऊंड के बाहर के बहुमूल्यवान पौधों को खाया है! लॊ कर लो बात ये है इनकी पत्रकारिता!! जब और कुछ ना मिला तो गधों का सहारा लिया।
मत मारी गयी है इस चानल की। न्यूस एन्कर का कहना था की यूपी सरकार ने गधों को गिरफ़्तार कर चार दिन के लिए जेल में रखा और चार दिन के बाद उन्हें रिहा किया गया। रिहाई के बाद गधे बहुत ही खुश नज़र आ रहे थे ऐसा एन्कर का कहना था। इन्हें तो मीडीया में नहीं बल्की PETA में काम करना चाहिए था जो गधों की मन को पढ़ लेतें हैं।
यूपी पॊलिस ने NDTV की इस बेतुकी रेपॊर्ट को खारिज करदिया और उन्हे बताया की इस बात से उनका कॊई लेना देना नहीं है। अगली बार से कॊई भी झूठी खबर फेलाने से पहले यूपी पुलिस से सत्यांश की जाँच करने की नसीहत भी पुलिस ने इस बिकाऊ चानल को दिया है। अब वास्तव में गधा कौन है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। NDTV की इस बेवकूफी वाले रिपॊर्ट का ट्विटेराटीयों ने जम कर मज़ाक उडाया है। बेशरम चानल ने इस झूठी खबर के लिए यूपी पुलिस से माफी तक नहीं माँगी है।
Dear @ndtv #uppolice has nothing to do with their arrest or custody.
We request you to check your facts with us next time. https://t.co/6i9wN0nGZN— UP POLICE (@Uppolice) November 28, 2017
अपने घटिया पत्रकारिता के चलते यह चानल इतना गिर चुका है की अब जनता इस की किसी भी बात पर विश्वास ही नहीं करते। वास्तव में देखा जाए तो गधों को नहीं बल्की NDTV वालॊं को झूठ और समाज को गुमराह कर नफ़रत फेलाने के जुर्म में जेल भेजना चाहिए।