प्रशांत मिश्र को गिरफ्तार करो, यूनियन ने केंद्रीय गृहमंत्री को लिखा पत्र, पटना में पत्रकारों ने दिखाए काले झंडे
दैनिक जागरण के राजनैतिक संपादक प्रशांत मिश्र पर यौन शोषण के आराेप का मामला तूल पकड़ रहा है। कहीं पर उनकी गिरफ्तारी और मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की जा रही है तो कहीं पर उन्हें काले झंडे दिखाए जा रहे हैं। पटना से खबर मिली है कि प्रशांत मिश्र दैनिक जागरण कार्यालय भवन के उद्घाटन अवसर पर पटना गए हैं। उन पर लगे आरोपों से पत्रकारों में इतना रोष बढ़ गया कि वहां उन्हें काले झंडे दिखाए गए और उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई। उधर, यूपी न्यूज पेपर इंप्लाइज यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष आरपी सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर प्रशांत मिश्र को गिरफ्तार किए जाने की मांग की है। उन्होंने आश्चर्य जताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निकट ऐसे लोग भी हैं, जो अपनी सहयोगी महिला का यौन शोषण करते हैं और अपने पद और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग कर मामले को दबा दिए जाने का कुचक्र रचते हैं। उन्होंने कहा है कि जब तक प्रशांत मिश्र को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, यौन शोषण की शिकार महिला के मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच नहीं हो सकेगी।
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मूल खबर
दैनिक जागरण के राजनैतिक संपादक प्रशांत मिश्रा पर यौन शोषण का आरोप
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी के करीबी और दैनिक जागरण के राजनैतिक संपादक प्रशांत मिश्रा पर यौन शोषण का आरोप लगाया गया है। आइर्एनएस में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने इस संबंध में संसद मार्ग थाने में जनवरी के पहले सप्ताह में एक तहरीर भी दी। इस महिला ने अपने साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई है। महिला की शिकायत पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने दैनिक जागरण के सीईओ और प्रधान संपादक संजय गुप्ता को इस शिकायत पर कार्रवाई कर आयोग को 15 दिनों में जवाब देने को कहा है। एक पेज के शिकायती पत्र में महिला ने प्रशांत मिश्रा पर कई तरह के संगीन आरोप लगाए हैं। महिला का आरोप है कि प्रशांत मिश्रा उससे (शिकायतकर्ता) अपने व्यक्तिगत मेल पर अश्लीाल मेल मंगाकर पढ़वाते थे। इस तरह के मेल को डिलीट कर देने पर गुस्सा करते थे और अपने कमरे में बुलाकर अश्लील हरकत करते थे। महिला का हाथ तक पकड़ने का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि इस तरह की हरकत करने से मना करने पर उसे नौकरी से निकालने की प्रशांत मिश्रा दिया करते थे। अपनी शिकायत में महिला ने कहा कि इसकी जानकारी सीएमडी, सीईओ सहित सभी वरिष्ठं अधिकारियों को उसने दी लेकिन प्रशांत मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई होने के बजाय उसे ही नौकरी पर न आने को कह दिया गया। गौरतलब है कि प्रशांत मिश्रा को प्रधानमंत्री के काफी करीब माना जाता है और 19 दिसंबर को जो प्रधानमंत्री राहत कोष में दैनिक जागरण की ओर से चार करोड़ रुपये दिए गए थे उसके लिए उन्होंने (प्रशांत मिश्रा) ही मालिकों को प्रधानमंत्री मोदी से मिलवाया था। इस मुलाकात के दौरान प्रशांत मिश्रा भी मालिकों के साथ ड्राफ्ट देने साथ गए थे। दैनिक जागरण के अधिकारियों पर यह पहला अवसर नहीं है जब उनपर यौन शोषण का आरोप लगा है। इससे पहले कानपुर, नोएडा और पटना के कई संपादकों मैनेजरों पर यौन शोषण का आरोप लग चुका है। इस दौरान संस्थान में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार विशाखा समिति गठित करने की मांग उठती रही है लेकिन दैनिक जागरण के मालिकान को न तो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की परवाह है और न ही देश के नियम-कानून की। उन्हें लगता है उनकी ऊंची पहुंच के कारण उनका कोई बाल बांका नहीं कर सकता।