अखिलेश सरकार में पुलिस का गुंडाराज चरम पर

हरदोई के एसओ राकेश गुप्ता हिन्दूस्तान अखबार के एक रिपोर्टर को फोन पर कुछ इस अंदाज में बता रहे हैं कि पत्रकार को वो क्या समझते हैं, आप लोग भी सुहनए एसओ साहब की भाषा

गत्ï दिनों शाहजहांपुर में दबिश के नाम पर एक कलम के सिपाही को आग के हवाले कर दिया गया। लखनऊ में इलाज के दौरान इस कलम के सिपाही ने दम तोड़ दिया। जब इस पूरी घटना पर गंभीरता से नजर डाली गई तो सामने आई अखिलेश सरकार की गुंडागर्दी और उनके पुलिसिया राज का गुंडई तांडव। मामला तूल पकड़ रहा है और बावजूद इसके क्षेत्र के पुलिस अधिकारी भी मौज उड़ा रहे हैं और एफआईआर दर्ज होने के बाद भी अखिलेश के मंत्री और उनका भतीजा शान से पूरे कानून को ठोकर मारकर घूमते दिखाई दे रहे हैं। अखिलेश के मंत्रियों की यह नई कहानी नहीं है। पहले भी सपा की सरकार बनते ही इनके तमाम छोटे-बड़े गुंडे नेता मीडिया को टारगेट करते रहे हैं। ऐसा लगता है कि यह अपनी गुंडई कायम रखने के लिए मीडिया का खात्मा कर देना चाहते हैं। नया मामला हरदोई के एसओ राकेश गुप्ता का है। माननीय एसओ साहब फोन पर हिन्दुस्तान अखबार के एक पत्रकार को पूरी पत्रकार बिरादरी को क्या समझते हैं बेबाकी से बयां कर रहे हैं। पत्रकारों के लिए जिन अश्लील शब्दों का प्रयोग वह कर रहे हैं उन्हें लिखा तो नहीं जा सकता लेकिन पत्रकार को किए गए फोन पर एसओ साहब की पूरी वार्ता का विवरण का ऑडियो खबर के साथ लगाया जा रहा है। आप लोग भी सुनिए और इस बात को महसूस कीजिए कि सरकार के मंत्री और उनके मातहत पुलिस कर्मी किस हद को पार कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि हमारे युवा मुख्यमंत्री को इनकी जानकारी नहीं है। कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि सब उन्हीं की शह पर हो रहा है। एसओ साहब ने जिस अश्लीलता का परिचय दिया है वह पूरे पत्रकार बिरादरी पर एक दाग है। जिसे लेकर पूरी पत्रकार बिरादरी आक्रोशित है। बजाय इसके न युवा मुख्यमंत्री पर इसका कोई असर दिख रहा है और न ही माननीय एसओ साहब राकेश गुप्ता पर कोई असर है। देखना है कि मीडिया को इस तरह से टारगेट करके यूपी सरकार और यूपी का पूरा पुलिस महकमा क्या संदेश देना चाह रहा है।

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