महिला मित्र का बयांन, खुद को आग लगाई जगेन्द्र ने, दो नेताओं की जंग में मोहरा बन गए पत्रकार

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शाहजहांपुर के पत्रकार जगेन्द्र की कथित तौर पर जला कर हत्या करने की मामले में रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं.जांच में आई तेजी और इन नए खुलासों से इस काण्ड की जो तस्वीर सामने आ रही है वह सियासी दावपेंच में मीडिया के बेरहम इस्तेमाल की कहानी भी बता रही है.और अब घटना की प्रत्यक्षदर्शी रही जगेन्द्र की महिला मित्र भी अपने बयांन  से पलट गयी है.
शाहजहाँपुर के पत्रकार को जलाने का आरोप सूबे की सरकार के मंत्री राम मूर्ती वर्मा पर है और मुख्यमंत्री पर उनके इस्तीफे का दबाव भी बढ़ा है. जानकार बताते हैं कि इस पूरे कांड की पीछे शाहजहाँपुर के दो नेताओं की आपसी जंग है . पहला किरदार वर्तमान मंत्री और ददरौल के विधायक राम मूर्ती वर्मा है और दूसरा किरदार है ददरौल के पूर्व विधायक देवेंद्रपाल. 2012 के विधान सभा चुनावों में देवेन्द्र पाल का टिकट काट कर समाजवादी पार्टी ने राम मूर्ती वर्मा को दे दिया था और तभी से दोनों के बीच जंग शुरू हो गयी थी. राम मूर्ती वर्मा के मंत्री हो जाने के बाद देवेन्द्र पाल ने वर्मा पर हमले के लिए फेसबुक पर शाहजहांपुर समाचार नाम से पेज चलने वाले जगेन्द्र का इस्तेमाल किया. राम मूर्ती वर्मा के समर्थको का इल्जाम भी यही था कि राम मूर्ती के खिलाफ सारी सामग्री देवेंद्रपाल ही जगेन्द्र को उपलब्ध करा रहे हैं. इसके बाद वर्मा समर्थको को भी सोशल मीडिया पर लिखने वाला एक और पत्रकार अमित भदौरिया मिल गया. जगेन्द्र और अमित के जरिये दोनों ही एक दूसरे पर आक्रमण करने लगे. मामला इतना बढ़ा कि जगेन्द्र ने अमित को अपने फेस बुक पेज पर स्मैकिया बता दिया और 23 मई को लिखा “ अमित भदौरिया नाम का यह नशेड़ी दिन भर गूगल पर सर्च करके ज्ञान बघारता रहता है और न्यूज पोर्टल से खबरें कापी कर पत्रकार बनने की कोशिश कर रहा है। जितना लिखता है उसका आधा भी लोगों की समझ में नहीं आता। सिर्फ गंदगी के सिवा फेसबुक पर कुछ लिखता नहीं। यह एक ऐसी गंदी मछली है जो फेसबुक के पूरे तालाब को गंदा कर रही है। फेसबुक मित्रों से रिक्वेस्ट है कि इसे ब्लाक करते जाओ, यह खुद खत्म हो जाएगा। नशे ने इसके दिमाग पर असर डाला है अब इसे कांशीराम कालोनी में अपनी बहन के पास रहते हुए सिर्फ वेश्याएं और कांशीराम कालोनी नजर आती है। साथ में जगेंद्र सिंह का भूत इसे सताता है। इसीलिए अपनी आईडी का नाम भी शाहजहांपुर समाचार रख लिया लोगों को बरगलाने के लिए।“ जगेन्द्र ने अमित पर यह भी आरोप लगाया था कि उसने शाहजहांपुर समाचार नाम से एक नकली आईडी बनायीं है, जगेन्द्र ने 22 मई को अपनी पोस्ट में राम मूर्ती वर्मा पर आरोप लगते हुए लिखा था  “राममूर्ति सिंह वर्मा मेरी हत्या करा सकते हैं। इस समय नेता, गुंडे और पुलिस सब मेरे पीछे पड़े हैं। सच लिखना भारी पड़ रहा है जिंदगी पर। राममूर्ति वर्मा के कुछ कारनामों का खुलासा किया तो हमला करा दिया। उनके लोगों पर रिपोर्ट दर्ज करा दी तो राममूर्ति ने एक स्मैकिया अमित से मेरे खिलाफ लूट, अपहरण और हत्या के प्रयास की रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज करवा दी। 28 अप्रैल को हुए हमले में मेरे पैर का पंजा टूटा था और प्लाटर चढ़ा हुआ था। अब पुलिस को कैसे समझाएं कि पैर टूटा आदमी अपहरण कैसे कर सकता”
जगेन्द्र ने मंत्री राम मूर्ती वर्मा पर कई आरोप लगाए थे और उनसे सम्बंधित अखबारों में छपी कटिंग्स को भी फेस बुक पेज पर लगाया था. जगेन्द्र के खिलाफ अमित भदौरिया द्वारा दर्ज कराये गए मुकदमे के बाद अमित पर भी एक महिला ने गैंग रेप का आरोप लगाया था और कोर्ट में 156/3 के तहत परिवाद दायर किया था . कहा जा रहा है कि  जगेन्द्र ने अपनी कथित महिला मित्र के जरिये यह परिवाद दायर कराया था. पूर्व विधायक देवेन्द्रपाल ने जगेन्द्र की मौत के बाद लखनऊ में मीडिया के जरिये भी राम मूर्ती वर्मा को घेरने की कोशिश की.  मगर समाजवादी पार्टी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया .
इस बीच में बीते मंगलवार को जगेन्द्र की महिला मित्र का भी बयांन बदल गया है. उसने पहले पुलिस और बाद में कोर्ट में दिए बयान में कह दिया कि जगेन्द्र ने खुद ही आग लगाई थी. हालाकि जगेन्द्र की मौत के बाद उसने मीडिया से कहा था कि घटना के समय मंत्री का करीबी गुफरान उसका हाँथ पकडे हुए था और जब वह हाँथ छुड़ा कर घर के अन्दर गयी तो जगेन्द्र जल रहे थे. तब इस महिला ने यह भी कहा था कि पुलिस ने उसे भी जलने की कोशिश की थी.
कोर्ट में अपने बयांन के बाद यह महिला अपने वकील से भी नहीं मिली और निकल गयी.कुलमिला कर दो राजनेताओं के आपसी दावपेंच का दुखद शिकार पत्रकार जगेन्द्र हो गया. मगर अपनी मौत से पहले टीवी चैनलों को दिए गए बयांन में उसने खुद को जलने का आरोप राम मूर्ती वर्मा पर लगाया और अब यही बयांन मंत्री के गले की फांस बन गया है. जगेन्द्र की मौत के बाद उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार एसोशिएशन ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दे कर मामले की तकाल निष्पक्ष जांच और पीड़ित परिवार को मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की थी और प्रदेश के जिलों से ले कर दिल्ली के जंतर मंत्र तक पत्रकारों ने प्रदर्शन किये थे. प्रेस काउन्सिल आफ इण्डिया ने भी एक टीम भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है. इस बीच जगेन्द्र का परिवार न्याय की मांग ले कर शाहजहांपुर में धरने पर बैठा है.
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