डॉ. भानु प्रताप सिंह को पत्रिका डॉट कॉम का एडीटोरियल हेड बनाया गया
आगरा के तेजतर्रार वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह ने पत्रिका समूह संग फिर से पारी शुरू की है। इस बार उन्हें आगरा में पत्रिका डॉट कॉम का एडीटोरियल हेड बनाया गया है। उन्होंने कार्यभार संभाल लिया है। इससे पहले वे 2010 में पत्रिका के आगरा और अलीगढ़ मंडल के ब्यूरोचीफ रह चुके हैं।पत्रिका आठ राज्यों में 37 संस्करण हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नम्बर वन है।
डॉ. भानु प्रताप सिंह ने पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक जागरण के साथ की थी। अमर उजाला में 15 साल काम किया। राष्ट्रीय सहारा नोएडा में हरियाणा डेस्क के प्रभारी रहे। हिन्दुस्तान की आगरा लॉन्चिंग की कोर टीम में रहे। हिन्दुस्तान अलीगढ़ को अपने बलबूते लॉन्च कराया। आगरा से प्रकाशित हुए हिन्दी दैनिक द सी एक्सप्रेस के सम्पादक रहे। फिलवक्त वे कल्पतरु एक्सप्रेस के कंटेंट एडीटर के रूप में कार्य कर रहे थे।
पत्रकार-सम्पादक के रूप में: 1989-90 से पत्रकार। 3000 से अधिक बाईलाइन खबरें प्रकाशित। दैनिक जागरण, आगरा में आगरा नगर निगम के बारे में लगातार 40 दिन तक बाईलाइन खबरें प्रकाशित, जो एक रिकॉर्ड। आगरा के सांध्य दैनिक स्वराज्य टाइम्स से पत्रकारिता की शुरुआत। आगरा में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को महत्वपूर्ण बीट के रूप में स्थापित करने का श्रेय। जुलाई, 2001 में भारत-पाक शिखर वार्ता में विदेश मंत्री जसवंत सिंह की लाइव प्रेसवार्ता में 400 पत्रकारों के बीच आगरा से प्रश्न पूछने का साहस करने वाला एकमात्र पत्रकार। अमर उजाला में गपशप और खरी-खरी तथा दैनिक जागरण में शहरनामा के नाम से लोकप्रिय व्यंग्य कॉलम लिखे। श्रीराम जन्म-भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की कवरेज के लिए अमर उजाला ने दिसम्बर, 1992 में अयोध्या भेजा। शहरी जनसमस्या, विकास, सामाजिक समस्याएं, पर्यटन, प्रशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पुरातत्व, कृषि, राजनीति में अनेक न्यूजब्रेक। काव्यात्मक खबरें लिखने का पहली बार प्रयोग।
विशेष उपलब्धि: एमबीए करने के बाद डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा द्वारा अप्रैल, 2008 में प्रबंधन में विद्या वाचस्पति (पीएचडी) की उपाधि से सम्मानित। एमबीए में हिन्दी में उत्तर लिखने पर प्रथम सत्र में अनुत्तीर्ण। प्रबंधन क्षेत्र में हिन्दी माध्यम से किया गया पहला शोध प्रबंध।
सम्मान: हिन्दी के लिए कार्य करने पर साहित्य मंडल, नाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ‘पत्रकार प्रवर’ की मानद उपाधि से सम्मानित। श्रुतसेवा निधि न्यास, फीरोजाबाद द्वारा आचार्य महावीर कीर्ति श्रुतसेवा अलंकरण-2013 और पत्रकार विद्यामार्तण्ड की मानद उपाधि से सम्मानित। सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्थाओं द्वारा अनेक सम्मान।
प्रकाशित पुस्तकें: पुरातात्विक साक्ष्यों पर आधारित और अकबर से पूर्व जैन धर्म के प्रभुत्व को दर्शाने वाली पुस्तक ‘जैन धर्म का प्रमुख केन्द्र थी फतेहपुरसीकरी’। ताजमहल के गीत, ताजमहल में राम, क्या इंसान अमर हो सकता है?, हां, मुझे लुटेरा बनना है (काव्य संग्रह), तीरंदाज (व्यंग्य संग्रह), मेरी प्रेम कहानियां (उपन्यास) आदि पुस्तकें प्रकाशनाधीन हैं।
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