वैलेन्टाइन डे के मौके पर upsacc के अध्यक्ष प्रांशु मिश्रा को मोहम्मद कामरान का खुला लव लैटर……

…… बदलता मौसम ये कह रहा है चलो नफरतो को ही हम भुला दे – See more at: 

logobये कैसे हो सकता है कि कोई अपने नेता की प्रशसा करे, सराहना करे, जय- जयकार करे और नेता जी अपने प्रशंसक/वोटर को धमकी दे। प्रेस क्लब की सदस्यता के रास्ते खोलने पर आपकी सराहना करने के एवज में जब आपने कहा कि मौसम बदल रहा है, संभल जाओ, अपनी सेहत का ख्याल रखो। लम्बा झेलना पड़ सकता है। मैने इसको धमकी समझा । डर गया। घबरा गया। भाई नवेद शिकोह ने जान बचाने के लिये एक सलाह दी। कहा की आज वैलेन्टाइन डे के मौके पर अध्यक्ष जी से मोहब्बत का इजहार कर दो। हो सकता है बख्शदिये जाओ।

तेरा रुतबा, तेरा ओहदा तेरी कुर्सी का गुरूर
मेरी हिम्मत, मेरा जज्बा मेरे मकसद का सुरूर

चलो हमअपनी जिदे भुला दे, चलो तुम अपना घमंड मिटा दो
बदलता मौसम ये कह रहा है चलो नफरतो को ही हम भुला दो ।

नफरत की आग को मोहब्बत की शीतलता ठंडा कर दे। जिस मौसम के बदलने के इशारे से अध्यक्ष प्रांशु जी ने धमकी दी थी। उसी बदलते मौसम को लेकर भाई नवेद शिकोह ने कल की धमकी और आज के वैलेन्टाइन डे को लेकर मोहबब्बत/ समझौते की पैरवी करते हुए एक लम्बी-चौड़ी नज्म लिख डाली। जिसके कुछ उक्त अंशो के साथ इस पत्र मे मै आपसे मुखातिब हुआ हूँ। हमसे आपकी कहे की नाराजगी है ? हम किसकी कठपुतली है? प्रेस क्लब की सदस्यता का रास्ता खोलने की मुहिम का शंखनाद किया। इसके प्रस्ताव को पास किया। जिसका प्रेस नोट जारी किया। जो छपा उस अखबार की कतरन वाट्सअप पर भेजी। इस पर अगर हमने आपकी प्रशंसा और सराहना कर दी तो इसके एवज में आपने मुझे सेहत खराब हो जाने की धमकी क्यों दी ? आखिर मै किसकी कठपुतली हूँ ? मेरा boss कौन है ? मै खुद नही जानता। अगर किसी पत्रकार संगठन और पत्रकार नेता को मै सबसे बेहतर समझता हूँ तो वो आप और आपका संगठन है। और यदि आप के शक और कल्पना के आधार पर मान भी ले कि मै किसी की कठपुतली हूँ। मै किसी boss के इशारे पर काम करता हूँ। तो इसका मतलब ये है कि मेरा boss आप का दोस्त, शुभचिनतक और प्रशंसक है। क्योकि मैने तो हमेशा आपकी प्रशंसा औल सराहना ही की है। इससे पहले किसी ने आपको पत्र लिखकर सवाल किया था कि आप जैसे साफ छवि वाले पत्रकार का ifwj जैसे बदनाम संगठन मे पदासीन होना ठीक नही। या तो आप ifwj की व्यवस्था मे सुधार लाइये या फिर ifwj से इस्तीफा दीजिए। क्योकि जिस चुनाव मे आपको निर्विरोध चुना गया था वो पूरी औरह बेईमानी पर आधारित था। पूर्व मे आपको भेजे गये इस पत्र के हर सवाल से आपका हर चाहने वाला सहमत था। हर कोई आप द्वारा इसका जवाब चाहता था। सो मै भी यही चाहता था। आपकी नजर मे शायद ये मेरी पहली गलती थी। हमसे आपकी कहे की नाराजगी है ? हम किसकी कठपुतली है? प्रेस क्लब की सदस्यता का रास्ता खोलने की मुहिम का शंखनाद किया। इसके प्रस्ताव को पास किया। जिसका प्रेस नोट जारी किया। जो छपा उस अखबार की कतरन वाट्सअप पर भेजी। इस पर अगर हमने आपकी प्रशंसा और सराहना कर दी तो इसके एवज में आपने मुझे सेहत खराब हो जाने की धमकी क्यों दी ? आखिर मै किसकी कठपुतली हूँ ? मेरा boss कौन है ? मै खुद नही जानता। अगर किसी पत्रकार संगठन और पत्रकार नेता को मै सबसे बेहतर समझता हूँ तो वो आप और आपका संगठन है। और यदि आप के शक और कल्पना के आधार पर मान भी ले कि मै किसी की कठपुतली हूँ। मै किसी boss के इशारे पर काम करता हूँ। तो इसका मतलब ये है कि मेरा boss आप का दोस्त, शुभचिनतक और प्रशंसक है। क्योकि मैने तो हमेशा आपकी प्रशंसा औल सराहना ही की है। इससे पहले किसी ने आपको पत्र लिखकर सवाल किया था कि आप जैसे साफ छवि वाले पत्रकार का ifwj जैसे बदनाम संगठन मे पदासीन होना ठीक नही। या तो आप ifwj की व्यवस्था मे सुधार लाइये या फिर ifwj से इस्तीफा दीजिए। क्योकि जिस चुनाव मे आपको निर्विरोध चुना गया था वो पूरी औरह बेईमानी पर आधारित था। पूर्व मे आपको भेजे गये इस पत्र के हर सवाल से आपका हर चाहने वाला सहमत था। हर कोई आप द्वारा इसका जवाब चाहता था। सो मै भी यही चाहता था। आपकी नजर मे शायद ये मेरी पहली गलती थी।
हमसे आपकी किस बात की नाराजगी है ? हम किसकी कठपुतली है? आपने प्रेस क्लब की सदस्यता का रास्ता खोलने की मुहिम का शंखनाद किया। इसके प्रस्ताव को पास किया। जिसका प्रेस नोट जारी किया। जो छपा उस अखबार की कतरन भी आपने वाट्सअप पर भेजी। इस पर अगर हमने आपकी प्रशंसा और सराहना कर दी तो इसके एवज में आपने मेरी सेहत खराब हो जाने की धमकी क्यों दी ? आखिर मै किसकी कठपुतली हूँ ? मेरा boss कौन है ? मै खुद नही जानता। अगर किसी पत्रकार संगठन और पत्रकार नेता को मै सबसे बेहतर समझता हूँ तो वो आप और आपका संगठन है। और यदि आप के शक और कल्पना के आधार पर मान भी ले कि मै किसी की कठपुतली हूँ। मै किसी boss के इशारे पर काम करता हूँ। तो इसका मतलब ये है कि मेरा boss आप का दोस्त, शुभचिनतक और प्रशंसक है। क्योकि मैने तो हमेशा आपकी प्रशंसा औल सराहना ही की है। इससे पहले किसी ने आपको पत्र लिखकर सवाल किया था कि आप जैसे साफ छवि वाले पत्रकार का ifwj जैसे बदनाम संगठन मे पदासीन होना ठीक नही। या तो आप ifwj की व्यवस्था मे सुधार लाइये या फिर ifwj से इस्तीफा दीजिए। क्योकि जिस चुनाव मे आपको निर्विरोध चुना गया था वो पूरी तरह बेईमानी पर आधारित था। इन सवालो पर आधारित पूर्व मे आपको भेजे गये पत्र के हर सवाल से आपका हर चाहने वाला सहमत था। हर कोई आप द्वारा इसका जवाब चाहता था। सो मै भी यही चाहता था। आपकी नजर मे शायद ये मेरी पहली गलती थी। उसके बाद प्रेस क्लब की सदस्यता खोले जाने के आपके प्रयासो की सराहना करना शायद मेरी दूसरी गुस्ताखी थी।
मोहब्बत के इस दिन ” वैलेन्टाइन डे” के मौके पर मोहब्बत का इजहार करते हुए एक बार फिर आपके प्रति अपनी आस्था व्यक्त करता हूँ। आपकी प्रशंसा करने की जो मैने गुस्ताखी की थी उसके लिये क्षमा चाहता हूँ। भविष्य मे कभी ऐसे गलती नही करुगा।

kamranआपका वोटर/ प्रशंसक
मोहम्मद कामरान
09335907080

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