मुख्यमंत्री के लोकार्पण से पहले ही मार्केट में पहुंच गया था एनबीटी
जो अखबार लखनऊ से नवभारत टाइम्स के स्वरूप में बंद हुआ था वह उसी लखनऊ शहर में दोबारा तो लौट आया है लेकिन एनबीटी बनकर। टाइम्स समूह के इस एनबीटी का तमाम झंझटों के बीच रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकार्पण कर दिया। हालांकि यह बात दीगर है कि जिस अखबार का लोकार्पण दिन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हाथों करवाया गया वह सुबह से ही लखनऊ की गली गली में लोगों के हाथ में पहुंच चुका था।
लखनऊ से एनबीटी की इस दोबारा लांचिग की अस्तव्यस्तता आखिर आखिर तक नजर आई। मसलन कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बुलाया गया था। अखिलेश यादव आये भी लेकिन जिस प्रिंटिंग प्रेस पर बटन दबाकर उन्हें एनबीटी की छपाई शुरू करनी थी उस प्रिंटिग प्रेस पर बटन दबाकर तकनीकि रूप से उन्होंने एजूकेशन टाइम्स की छपाई शुरू की। मुख्यमंत्री ने समूह के उपस्थित प्रबंधकों से इस बारे में सवाल भी किया तो उन्हें बताया गया कि एनबीटी का सिर्फ लोकार्पण करना है, मशीन पर तो सिर्फ छपाई की शुरूआत करनी है। असल में मुख्यमंत्री के लोकार्पण से पहले ही अखबार छपकर बाजार में बांटा जा चुका था। जिस अखबार का लोकार्पण मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को दिन में किया वह अखबार सुबह से ही लखनऊ की गली गली में नजर आ रहा था।
लेकिन एनबीटी की गड़बड़ी सिर्फ लांचिग से ही जुड़ी हुई नहीं है। किसी जमाने में जिस नवभारत टाइम्स के लखनऊ संस्करण के लिए समूह के संपादक रहे राजेन्द्र माथुर कहा करते थे कि सबसे योग्य लोग इसी संस्करण में काम करते हैं, उस अखबार को दोबारा लांच किया गया तो संपादक के नाम पर अब भी भ्रम बना हुआ है, क्योंकि लखनऊ में कहा गया था कि संपादक सुधीर मिश्रा होंगे लेकिन अखबार की जो प्रति छपकर जनता में पहुंचाई गई है उसमें महीन अक्षरों में बतौर संपादक राजेश मित्तल का नाम छपा हुआ है।
लखनऊ से दोबारा निकलने के बाद अब एनबीटी के तीन संस्करण हो गये हैं। दिल्ली, मुंबई के अलावा लखनऊ अब ऐसा तीसरा शहर है जहां से एनबीटी का प्रकाशन शुरू किया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जहां खुशी व्यक्त की वहीं टाइम्स के हिन्दी ब्रांड एम्बेसडर के बतौर कार्यक्रम में पहुंचे गीतकार प्रसून जोशी ने इस अखबार के जरिए हिन्दी कनेक्शन जोड़ने की बात कही।
इस बीच, बंद नवभारत टाइम्स के छंटनीग्रस्त कर्मचारी आज भी टाइम्स समूह से अपना हक पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और कह रहे हैं कि उनकी सेवा शर्तों का पालन हो। अगर नवभारत टाइम्स का दोबारा प्रकाशन शुरू हुआ है तो छंटनीग्रस्त कर्मचारियों की खोज खबर भी ली जानी चाहिए और उन्हें दोबारा से नौकरी का प्रस्ताव मिलना चाहिए। नवभारत टाइम्स संघर्ष समिति के मुदित माथुर कहते हैं कि इस संबंध में हमने रविवार को ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की है और उन्होंने भरोसा दिया है कि वे इस दिशा में जरूर कोई पहल करेंगे।