रवीश NDTV यदि सच दिखाता है तो कबाड़ी वाले अरविन्द और पतंग बेचने वाले अशोक की कहानी भी दिखाएं
दीपक शर्मा। एक वक़्त था जब प्रोफेसर राम गोपाल के पास साईकिल खरीदने के पैसे नही थे लेकिन आज वो चार्टर्ड प्लेन से उड़ते हैं। मुलायम के छोटे भाई शिवपाल की तंगहाली का आलम तो ये था कि उन्होंने चमड़े के जूते तब ख़रीदे जब वो पहली बार लखनऊ पहुंचे। आज शिवपाल की संपत्तियां और अलग अलग बिज़नेस में उनकी हिस्सेदारी इतनी ज्यादा है कि उनका नाम देश के सबसे अमीर नेताओं में शुमार होता है। मुलायम के भाई छोड़िये, उनकी दूसरी पत्नी के भाई यानी साले साहब की प्रॉपर्टी अगर आपको पता लगेगी तो गारंटी है आप गश खा जायेंगे। और मुलायम के छोटे बेटे प्रतीक की तो बात ही क्या ।।जब प्रतीक 14 -15 साल के थे तभी अरबपति बन गए थे!
बात जब नेताओं के भाई भतीजों की चली है तो आज कुछ नाम दे रहा हूँ और उन नामो के आगे उनकी हैसियत भी दर्ज करा हूँ। इस फेहरिस्त पर पहले नज़र डालें फिर बात करते हैं।
1) सोमभाई (75 वर्ष) रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी,आश्रम में प्रवास
2) अमृतभाई (72 वर्ष) निजी फैक्ट्री में वर्कर, रिटायर्ड
3) प्रह्लाद (64 वर्ष) राशन की दूकान
4) पंकज (58 वर्ष) सूचना विभाग में कार्यरत
5) भोगीलाल (67 वर्ष) परचून की दूकान
6) अरविन्द (64 वर्ष) कबाड़ का फुटकर काम
7) भरत (55 वर्ष) पेट्रोल पंप पर अटेंडेंट
8) अशोक(51 वर्ष) पतंग और परचून की दूकान
9) चंद्रकांत (48 वर्ष) गौशाला में सेवक
10) रमेश (64 वर्ष ) कोई जानकारी नही
11) भार्गव (44 वर्ष) कोई जानकारी नही
12) बिपिन (42 वर्ष ) कोई जानकारी नही
ऊपर के चार व्यक्ति, प्रधानमंत्री मोदी के सगे भाई है। नंबर 5 से लेकर 9 तक मोदी के सगे चाचा नरसिंहदास मोदी के बेटे है यानी प्रधानमंत्री के चचेरे भाई। नंबर 10 पर रमेश, जगजीवन दास मोदी के पुत्र है। नंबर 11 पर भार्गव, चाचा कांतिलाल के बेटे हैं और सबसे अंतिम यानी बिपिन, प्रधानमंत्री मोदी के सबसे छोटे चाचा जयंती लाल मोदी के बेटे है।
मेरी गुजारिश टीवी के उन क्रांतिकारी पत्रकारों से है जो एक वक़्त एक नीली वैगन ‘आर’ कार को दिन रात दिखाकर राजनीती की शुद्धिकरण की दुहाई देते थे। मेरी गुजारिश खासकर रविश कुमार जी से है जो कभी बिरयानी बेचने वाले की कहानी तो कभी दिल्ली में सब्जी का ठेला लगाने वालों के इंटरव्यू अक्सर अपने शो में दिखाते हैं। मेरा निवेदन रविश से इसलिए है क्योंकि उनके बारे में कहा जाता है कि वो दिल से रिपोर्टिंग करते हैं और उनकी नज़र हमेशा सड़क पर खड़े आम आदमी पर रहती है।
रविश भाई यूपी के चुनाव निपटा कर आने वाले दिनों में जब आप गुजरात के चुनाव कवर करें तो ज़रा ऊपर दी गयी फेहरिस्त में दर्ज लोगों के पास भी कैमरा लेकर जाइयेगा। आप आम आदमी की बातें बड़े मार्मिक अंदाज़ में स्क्रीन पर उतारते हैं। हम आप के इस हुनर के कायल हैं। तो ज़रा गुजरात जाकर ,हमे कबाड़ी वाले अरविन्द और पतंग बेचने वाले अशोक की कहानी भी दिखाएं। प्रधानमंत्री का भाई कबाड़ बेच रहा है और एक भाई पतंग और मांझा। ये स्टोरी तो JNU और NDTV के मज़दूर समर्थक वामपंथियों को भा जाएगी। सुपर हिट होगी साहब। क्या TRP मिलेगी रविश जी आपको। आप दस नम्बरी चैनल से सीधे दो नंबर पर आ जायेगे! गारंटी है!
और हाँ, वाडनगर के लालवाड़ा पेट्रोल पंप पर जाकर ज़रा अपनी टैक्सी में अटेंडेंट, अशोक भाई से तेल भरवाते हुए बाइट ज़रूर लीजियेगा। अच्छे विसुअल होंगे इस कहानी में! NDTV में सब देखेंगे कैसे मोदी का भाई आपकी गाडी में तेल भर रहा है। मौक़ा मिले तो मोदी के एक और भाई अरविन्द जी से टीन के पुराने कनस्तर खरीद लाइयेगा। और हाँ वाडनगर के घीकांटा बाजार में मोदी की भाभी आपको एक फूड स्टाल में मिलेंगी। भाभी जी से खरीदारी करके कुछ न कुछ तो हमारे लिए लाइयेगा। रविश भाई आपकी मानव मूल्यों की सार्थक कहानियां वाकई कमाल होती हैं। खासकर जब आप स्क्रीन काली करते हैं। जब आप गूंगे रंगकर्मी स्टूडियो में बैठाते हैं। जब आप अभय दुबे से हमे मुलायम के समाजवाद का ज्ञान दिलाते हैं। इसलिए मुझे उम्मीद है कि आप वाडनगर की गलियों के इस सच को भी दिखाएंगे।
जुबान वाला सच!
जी हाँ वही जावेद अख्तर साहब का लिखा!
जुबां पर सच!
दिल में इंडिया
NDTV इंडिया
“तो हिम्मत कीजिये…
हौंसला मै दे रहा हूँ…
अरे सोच क्या रहे हैं भाई,
कुछ दिन तो गुजारिये गुजरात में!”
साभार: पत्रकार दीपक शर्मा का यह पोस्ट आशीष जोशी जी के फेसबुक वाल से लिया गया है।