सहारनपुर में जातियां तक बता देने वाली मीडिया, रामपुर में दरिंदों का मजहब नहीं बता पा रही

अगर आप भूल गए है तो आपको बता दें की वर्ल्ड इकनोमिक फोरम ने दुनिया भर की मीडिया पर एक सर्वे पोस्ट किया था, और भारतीय मीडिया को दुनिया में दूसरे नंबर की सबसे नीच मीडिया का ख़िताब दिया था ऐसी मीडिया जो फरेब, एजेंडा और झूठ चलाती है सहारनपुर में जातियां तक बता देने वाली मीडिया, रामपुर में दरिंदों का मजहब नहीं बता पा रही
और ये बात हम ऐसे ही नहीं लिख रहे है, ये तथ्य है
सहारनपुर और रामपुर दोनों ही पास के जिले है पडोसी जिले है, दोनों जगहों पर पिछले दिनों ऐसी घटनाएं हुई जिनसे दोनों जिले चर्चा में आये पहले आपको दोनों जिलों में हिन्दू-मुस्लिम संख्या के बारे में बता दें सहारनपुर में 45% मुस्लिम है, और 54% हिन्दू, बाकि अन्य 1%, जबकि रामपुर में 55% मुस्लिम है और हिन्दू लगभग 45%, रामपुर में हिन्दू अल्पसंख्यक है, खैर पिछले दिनों सहारनपुर में दंगे हुए, मीडिया ने बार बार ये बताया की, राजपूत और दलित आपस में लड़ रहे है ठाकुरों ने दलितों पर अत्याचार किया, और इसी तरह मीडिया के लोग सहारनपुर दंगे में खूब नफरत भरते रहे, ताकि देश भर के दलित ठाकुरों के खिलाफ और ठाकुर दलितों के खिलाफ हो जाये अरे भैया, जो हिन्दू एकजुट हो रहा है, वो ऐसे ही तो टूटेगा
जितनी बात मीडिया सहारनपुर दंगों के बारे में नहीं बताती, उस से अधिक ठाकुर-दलित किया गया सहारनपुर के बाद ही रामपुर में 14 मुस्लिमो ने 2 दलित लड़कियों से बर्बरता की, 1 दलित लड़की को उठाकर रेप के लिए ले जाने की कोशिश की, पर यही मीडिया इस मामले में दरिंदो का मजहब तक नहीं बता पायी मीडिया ने नहीं बताया “मुस्लिमो ने दलित लड़कियों पर अत्याचार किया” सहारनपुर में ठाकुर-दलित, राजपूत-दलित करने वाली मीडिया रामपुर में दरिंदो का मजहब तक नहीं बता सकी, और इसे केवल आम सी छेड़छाड़ की घटना बता दिया जबकि ये आम छेड़छाड़ नहीं था, क्यूंकि जिहादी तत्व मुस्लिम लड़कियों को नहीं छेड़ते, उनके निशाने पर हिन्दू लड़कियां ही होती है अब आप आसानी से समझ सकते है की वर्ल्ड इकनोमिक फोरम ने भारतीय मीडिया को दूसरी सबसे नीच मीडिया का ख़िताब क्यों दिया था
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