रवीश के भाई का सेक्स स्कैंडल रफा-दफा!, रवीश कुमार की भूमिका संदिग्ध

जैसी कि उम्मीद थी वही होता दिख रहा है। खबर है कि एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार के सगे भाई ब्रजेश कुमार पांडेय के सेक्स रैकेट का मामला रफा-दफा होने की उम्मीद है। खबर है कि पीड़ित लड़की पर दबाव बनाकर उसे केस वापस लेने के लिए तैयार कर लिया गया है। बिहार की राजनीति में तूफान ला देने वाले इस केस में ब्रजेश कुमार पांडे के अलावा एक दूसरा आरोपी निखिल प्रियदर्शी है। निखिल एक रिटायर्ड आईएएस अफसर का बेटा है। बताया जा रहा है कि निखिल प्रियदर्शी ने ये कहकर लड़की को सुलह के लिए मनाया है कि वो उससे शादी कर लेगा। इस केस में ब्रजेश कुमार पांडेय फरार चल रहा है। आरोप लगने से पहले तक वो बिहार कांग्रेस का उपाध्यक्ष था, लेकिन उसे पद से हटाना पड़ा था। पीड़ित लड़की लगातार कहती रही है कि उसे जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।

 ताजा खबरों के मुताबिक शिकायत करने वाली लड़की सुलह को तैयार हो गई है। इसके तहत जेल में बंद आरोपी निखिल प्रियदर्शी उससे शादी करेगा। इसी केस में निखिल का पूर्व आईएएस पिता भी जेल में बंद है। शादी की तैयारियां चल रही हैं और इसके लिए दोनों को बाकायदा कोर्ट से जमानत भी मिल गई। अभी कुछ हफ्ते पहले ही अखबारों में खबरें आई थीं कि पुलिस शिकायत करने वाली लड़की को परेशान कर रही है। एक सीनियर सीआईडी अफसर पर आरोप लगे कि उन्होंने लड़की को डरा-धमकाकर शिकायत वापस लेने को तैयार किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि आरोपी निखिल ने खुलकर धमकी दे दी थी कि मेरे पास कई बड़े लोगों के ‘आपत्तिजनक हालत’ में वीडियो हैं। इसी के बाद पूरी बिहार सरकार मामले पर मिट्टी डालने में जुट गई थी। हालांकि सरकारी वकील ने इस सुलह का विरोध किया है और कहा है कि ये दो लोगों का निजी मामला नहीं है। पीड़ित लड़की को उसके राजनेता पिता ने भी छोड़ दिया है, जिसके कारण उसके पास सुलह के सिवा कोई दूसरा चारा नहीं बचा था।
पीड़ित लड़की पुलिस और मजिस्ट्रेट के आगे बयान दे चुकी है कि निखिल प्रियदर्शी और ब्रजेश कुमार पांडेय ने न सिर्फ उसका शारीरिक शोषण किया, बल्कि वो उसे पटना के दूसरे हाई प्रोफाइल लोगों के पास भी भेजा करते थे। इसके बदले में उन्हें मोटी रकम मिला करती थी। यह भी खबर आई कि पॉकेट मनी और ऐशो-आराम का लालच देकर इन लोगों ने कई लड़कियों को अपने गिरोह में शामिल किया था। बिहार के एक बड़े सरकारी अफसर की बेटी को इस रैकेट में फंसने के बाद खुदकुशी तक करनी पड़ी थी। अगर ये मामला आगे बढ़ता तो बिहार के कई सफेदपोशों के असली चेहरे बेनकाब हो सकते थे। इनमें बड़े नेता, सरकारी अफसर और यहां तक कि कई बड़े पत्रकारों के होने की बात सामने आ चुकी है।

भाई के देह व्यापार का खुलासा होने के बाद रवीश कुमार ने इस मसले पर चुप्पी साध ली। उन्होंने अपने फैन क्लब के जरिए प्रचार करवाया कि दरअसल वो उनका भाई ही नहीं है, लेकिन जब इस झूठ की पोल खुली तो यह कहा जाने लगा कि भाई तो हैं लेकिन आपसी रिश्ते ठीक नहीं हैं। लेकिन मीडिया में ऐसी रिपोर्ट्स लगातार आती रहीं कि रवीश कुमार बिहार सरकार के कुछ रसूखदार नेताओं के जरिए अपने भाई को बचाने में जुटे हैं। आरोप लगने के बाद से रवीश कुमार के भाई लगातार फरार रहे और ये खबरें आती रहीं कि उनकी लोकेशन दिल्ली और गुड़गांव के बीच है। इससे भी शक होता है कि उन्हें छिपाने में रवीश कुमार का हाथ था। दलितों का सबसे बड़ा हितैषी होने का दावा करने वाले एनडीटीवी और रवीश कुमार ने इस मामले पर अपने चैनल पर कोई खबर तक नहीं चलने दी। भाई के अलावा कथित तौर पर रवीश कुमार की बहन के भी भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल होने के आरोप लग चुके हैं। वो बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की अधिकारी हैं और पद पर रहते हुए उन पर करोड़ों की लूट के आरोप हैं।

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