₹50 लाख से कैसे बनाया ₹2000 करोड़? ‘नेशनल हेराल्ड’ केस में सोनिया-राहुल गाँधी के खिलाफ चार्जशीट, ED ने लैंड स्कैम में दामाद से भी की पूछताछ: जानिए सबकुछ
2022 में राहुल गाँधी इस मामले में पूछताछ के लिए 5 बार ED के समक्ष उपस्थित हुए थे। CBI भी इस मामले की जाँच कर रही है, इसका मनी लॉन्ड्रिंग वाला हिस्सा ED के पास है। पूरा मामला आपराधिक साजिश का भी बताया गया है।
कॉन्ग्रेस मुखपत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पार्टी के पूर्व अध्यक्षों सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के विरुद्ध ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने चार्जशीट दायर की है। कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे बदले की राजनीति करार दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार (25 अप्रैल, 2025) को होगी। YIL (यंग इंडिया लिमिटेड) नामक कंपनी ‘नेशनल हेराल्ड’ को संचालित करती है। इस कंपनी में 76% शेयर सोनिया व राहुल गाँधी के हैं। दोनों के इसमें 38-38% शेयर हैं।
क्या है ‘नेशनल हेराल्ड’ का मामला, जिसमें सोनिया-राहुल गाँधी के ख़िलाफ़ चार्जशीट
इससे पहले ‘नेशनल हेराल्ड’ का स्वामित्व AJL (एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड) के पास था, लेकिन YIL ने इसका अधिग्रहण कर लिया। 11 फरवरी को ED ने इस मामले से जुड़ी 661 करोड़ रुपए की संपत्तियों की ज़ब्ती की कार्रवाई शुरू की थी। ये संपत्तियाँ दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में था। इसमें दिल्ली में बहादुरशाह ज़फर मार्ग स्थित ‘हेराल्ड हाउस’ भी शामिल है। YIL के बचे हुए 24% शेयर कॉन्ग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के नाम था।
अब ये दोनों ही नेता इस दुनिया में नहीं हैं। उनके निधन के बाद उनके शेयरों पर किसी ने दावा नहीं ठोका। ED का कहना है कि ये शेयर भी सोनिया और राहुल के पास ही चले गए, यानी दोनों माँ-बेटे 100% शेयरों के मालिक बन गए। YIL का गठन 23 नवंबर, 2010 को हुआ था। कॉन्ग्रेस ने AJL को 90 करोड़ रुपए का ऋण दे रखा था, जिसे मात्र 50 लाख रुपए में सेटल करते हुए YIL ने संस्था के 2000 करोड़ रुपए की संपत्तियों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया।
जाँच एजेंसी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग के लिए फर्जी डोनेशन और फर्जी रेंट अग्रीमेंट्स का जुगाड़ किया गया। करोड़ों रुपयों की हेराफेरी हुई। 2012 में सुब्रमण्यन स्वामी द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर इस मामले की जाँच शुरू की गई थी। 2022 में राहुल गाँधी इस मामले में पूछताछ के लिए 5 बार ED के समक्ष उपस्थित हुए थे। CBI भी इस मामले की जाँच कर रही है, इसका मनी लॉन्ड्रिंग वाला हिस्सा ED के पास है। पूरा मामला आपराधिक साजिश का भी बताया गया है।
बता दें कि भोपाल के प्रेस कॉम्प्लेक्स में AJL को 1981 में 1.14 एकड़ जमीन महज 1 लाख रुपए में 30 साल के लिए लीज पर आवंटित की गई थी। AJL ने उस समय अंग्रेजी दैनिक ‘नेशनल हेराल्ड’, हिंदी दैनिक ‘नवजीवन’ और उर्दू दैनिक ‘कौमी आवाज़’ प्रकाशित की थी। 2011 में लीज समाप्त होने के बाद ‘भोपाल विकास प्राधिकरण’ (BDA) यहाँ मालिकाना हक लेने पहुँचा तो पाया कि इसका इस्तेमाल समाचार पत्रों के प्रकाशन के बजाय व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा था।
ED files chargesheet against Sonia & Rahul Gandhi in money laundering case linked to National Herald based on complaint by Dr Subramanian Swamy. #NationalHerald pic.twitter.com/ziyPasEwLK
— Subramanian Swamy (@Swamy39) April 15, 2025
समाचार पत्रों का प्रकाशन तो 1992 में ही बंद हो चुका था और उसके बाद से इसका कॉमर्शियल इस्तेमाल हो रहा था। प्रेस को दिए गए प्लॉट पर व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स बनने का पता चलने के बाद भोपाल विकास प्राधिकरण ने इसे अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई शुरू की लेकिन इसी बीच कई खरीददार सामने आ गए और मामला अदालत पहुँच गया। इस वजह से कार्रवाई बीच में ही अटक गई। हालाँकि, 2012 में भोपाल विकास प्राधिकरण ने इस प्लॉट की लीज को रद्द कर दिया था लेकिन तब से लेकर अब तक इस प्लॉट के अलग-अलग खरीददार और भोपाल विकास प्राधिकरण के बीच मालिकाना हक को लेकर मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
‘जीजा जी’ रॉबर्ट वाड्रा से भी ED ने की है पूछताछ
हरियाणा के गुरुग्राम के एक जमीन घोटाले के मामले में सोनिया गाँधी के दामाद और राहुल गाँधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा से भी प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की है। रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गाँधी केरल के वायनाड से सांसद हैं, ये सीट उनके भाई राहुल गाँधी ने उनके लिए छोड़ दी थी। उनसे 6 घंटे पूछताछ हुई है। इससे पहले 8 अप्रैल को उन्हें समन भेजा गया था लेकिन वो पेश नहीं हुए थे। दूसरे समन के बाद वो पेश हुए। उन्हें बुधवार को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
रॉबर्ट वाड्रा ने केंद्र सरकार पर बदले की राजनीति व जाँच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि वो हमेशा से सारे सवालों के जवाब देते रहे हैं और आगे भी देंगे। 2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ‘स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी’ ने जमीन ख़रीदी थी। 7.5 करोड़ में क़रीब 3 एकड़ की जमीन ली गई। हरियाणा की तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार ने कॉलोनी बनाने की अनुमति दी। इसके बाद ये जमीन रॉबर्ड वाड्रा की कंपनी ने DLF को 58 करोड़ रुपए में बेच दी।
