पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ़्तारी पर क्या छत्तीसगढ़ पुलिस इन सवालों का जवाब देगी ?

पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ़्तारी एक्सटॉरशन यानी रंगदारी का अनोखा ऐसा मामला है जहाँ रंगदारी की रकम और सबूत जड़ से नदारद हैं। छत्तीसगढ़ के जिस मंत्री का सेक्स वीडियो बना है उन्होंने अब कहा है कि न उनके पास किसी का फ़ोन आया और न ही रंगदारी की कोई बात हुई। मंत्री की तरफ से जिस प्रकाश बजाज ने एक्सटॉरशन और ब्लैकमेलिंग की एफआईआर लिखवाई वे भी मीडिया से किनारा कर रहे हैं।

सिर्फ राज्य की पुलिस है जो दावा कर रही है कि बीबीसी के पूर्व पत्रकार विनोद वर्मा कुछ दिनों से सेक्स सीडी के नाम पर मंत्री राजेश मूणत को ब्लैकमेल कर रहे थे। ये सही है कि पत्रकार विनोद वर्मा छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल के रिश्तेदार हैं लेकिन सच ये भी है कि वर्मा की साख कभी बैकमैलेर की नहीं रही और उन्हें उस सीडी कांड में फंसाया गया जो सीडी पिछले चार महीने से रायपुर में सत्ता के गलियारे में घूम रही थी।

क्या हुआ सुबह से कोतवाली में 

पुलिस ने विनोद वर्मा को सुबह के तीन बजे उनके इंदिरापुरम स्थित घर से गिरफ्तार किया। सुबह के तीन बजे से उन्हें इंदिरापुरम कोतवाली में बैठाया गया था। सुबह से ही कोतवाली इंदिरापुरम के बाहर बड़ी संख्या में पत्रकार इकट्ठा थे लेकिन पुलिस ने किसी भी पत्रकार को उनसे नहीं मिलने दिया।

यहाँ तक कि सुबह से ही पत्रकार वर्मा के घर वाले भी वहां मौजूद से थे लेकिन किसी को मिलने नहीं दिया गया। 12 बजे के लगभग पुलिस विनोद वर्मा को मीडिया से बचाते हुए कोर्ट ले गई। जिस वक्त पुलिस उन्हें गाडी में बैठा रही थी, उस वक्त विनोद वर्मा ने साफ़ कहा कि ”मेरे पास छत्तीसगढ़ के एक मंत्री की सेक्स सीडी है। इसी कारण मुझे जानबूझकर साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।

विनोद वर्मा की गिरफ़्तारी से पुलिस पर उठे कुछ सवाल 

बीबीसी में काम कर चुके और अमर उजाला डिजिटल के संपादक रहे पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ़्तारी को लेकर कई सवाल छत्तीसगढ़ पुलिस पर भी उठ रहे हैं।

1- इस मामले में पहला सवाल यह है कि ब्लैकमेलिंग हमेशा उस स्थिति होती है जब कोई स्टिंग करे और उसके बदले पैसे मांगे लेकिन सूत्रों की माने तो यह सीडी तो पहले से हो छत्तीसगढ़ में कई लोगों के पास मौजूद थी। फिर ब्लैकमेलिंग कोई क्यों करेगा। यहाँ तक कि अब वह मीडिया में भी आ चुकी है।

2 – दूसरा सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस उनपर ब्लैकमेलिंग का आरोप किस आधार पर लगा रही है। क्योंकि मंत्री राजेश मूणत खुद कह रहे हैं कि उन्हें किसी ने ब्लैकमेल नहीं किया। फिर प्रकाश बजाज नामक व्यक्ति का रोल इस पूरी कहानी में कहाँ से आया।

3 – तीसरा सवाल यह है कि अगर सीडी में मंत्री हैं तो फिर उनसे पैसा क्यों नहीं माँगा गया। विनोद वर्मा ने प्रकाश बजाज नामक शख्स को फोन क्यों किया।अगर पैसा माँगा गया तो पुलिस ने अपनी प्रेस रिलीज में उस रकम का जिक्र क्यों नहीं किया।

मंत्री राजेश मूणत का का कहना है कि मुझे किसी ने ब्लैकमेल नहीं किया।पुलिस ने कोर्ट से विनोद वर्मा के खिलाफ ट्रांजिट रिमांड मांगी लेकिन कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड पर सवाल उठाए और कहा, बिना सीडी के गिरफ्तारी क्यों की?

पुलिस को अभी नहीं पता कि ब्लैकमेलिंग वाला कॉल वर्मा का ही था 

उधर, रायपुर के एसपी संजीव शुक्ला ने बताया कि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि विनोद वर्मा ने ही प्रकाश बजाज को फोन किया है। यह अभी कन्फर्म नहीं है. एसपी संजीव शुक्ला ने कहा कि अभी यह जांच का विषय है कि विनोद वर्मा ने ही प्रकाश बजाज को फ़ोन किया या नहीं।

अदालत ने क्या कहा ? 

इस मामले अदालत ने कहा कि पुलिस ऐसे सबूत पेश करें जिससे विनोद वर्मा दोषी साबित हो। अभी पुलिस के पास इस बात को भी कोई सबूत नहीं है कि जिस व्यक्ति को ब्लैकमेलिंग का फोन किया गया वह विनोद वर्मा का ही था या नहीं। इस मामले में कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि जब पत्रकार के खिलाफ सबूत नहीं थे तो उन्हें गिरफ्तार क्यों किया गया। ख़बरों के अनुसार कोर्ट ने पुलिस से वह सीडी मांगी लेकिन वह पुलिस ने वह उपलब्ध नहीं करवाई।

पुलिस के आरोप 

पुलिस इस मामले में जो खुलासा कर रही है उसके अनुसार उन पर नेता को ब्लैकमेल करके अवैध उगाही करने का आरोप है।  पुलिस का कहना है कि वर्मा के घर से करीब 500 सीडी मिली हैं जिन्हें जब्त कर लिया गया है। विनोद वर्मा के घर 500 सीडी मिली ये बात पुलिस कह रही है।

वर्मा को गिरफ्तार करने वाली रायपुर पुलिस टीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि प्रकाश बजाज नाम के एक शख्स की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि बजाज ने अपनी शिकायत में कहा है कि खुद को विनोद वर्मा बताने वाले एक शख्स ने उसे फोन पर धमकी दी और किसी अश्लील सीडी का हवाला देकर ब्लैकमेल करने की कोशिश की। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि फोन करनेवाले शख्स ने उससे कहा कि उनके पास उसके आका की सीडी है और अगर मांगें नहीं मानी गई तो वह उन सीडी को बांट देगा।

गुजरात चुनाव पर पड़ सकता था असर 

सूत्रों का कहना है कि इस सीडी से बीजेपी को गुजरात चुनाव में भी झटका लग सकता है क्यों मूणत बीजेपी के गुजरात प्रभारी भी हैं। इस मामले में छत्तीसगढ़ भाजपा ने प्रेस कान्फ्रेंस कर अपना रुख स्पष्ट किया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल तथा विनोद वर्मा के रिश्ते पर सवाल उठाया। भाजपा के भाटापारा विधायक ‌शिवरतन शर्मा ने कहा कि यह मामला ब्लैकमेलिंग का है इसलिए इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने पत्रकार विनोद वर्मा को कांग्रेस का एजेंट बताया और कहा कि भूपेश बघेल से उनका क्या रिश्ता है।

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