प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश जी बैठेंगे पटना, अखबारों में मचेगा हड़कंप
अखबार और सरकार के बीच कभी मजबूत कड़ी रहे प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश जी अब बिहार के अखबारों की नींद उड़ाने पटना आ रहे हैं। यानी वे पटना में बैठकर भास्कर, हिंदुस्तान और जागरण को टक्कर देंगे। टक्कर क्या देंगे सबको धराशायी करेंगे। सूत्र बता रहे हैं कि वे प्रभात खबर को मजबूती देने के लिए और बिहार में अखबार को बिहार का अखबार बनाने के लिए वे पटना में बैठना शुरू करेंगे। साथ ही शुरू करेंगे बिहार सरकार के साथ तालमेल और पूरे सूबे में घूमकर अखबारों को नई दिशा, नया रंग, नया तेवर और नई धार देंगे। आपको बता दें कि हरिवंश जी के कद का पटना में अभी कोई संपादक नहीं है। यदि हरिवंश जी पटना में बैठते हैं तो न केवल यह भास्कर के लिए बल्कि हिंदुस्तान और जागरण के लिए भी चिंता का विषय है। क्योंकि उनके पास भी जो संपादक हैं वह न केवल कुछ यूनिटों के संपादक रहे हैं बल्कि उनके पास भी अनुभव की भयानक कमी है। यदि भास्कर को ही ले लें तो यहां इस समय प्रमोद मुकेश को कमान दी गई है जो कुछ समय पहले तक हरिवंश जी के निर्देशन में ही अखबार निकाल रहे थे। उनका यह पहला अनुभव है जब वे भास्कर की कमान को प्रत्यंचे पर चढ़ाएंगे। रही बात हिंदुस्तान की तो यहां तीरविजय सिंह संपादक हैं। वे लंबे समय तक वाराणसी में अमर उजाला के संपादक रहे। उसके बाद उनका स्थानांतरण बरेली हो गया। जहां वे कुछ महीना रहे और हिंदुस्तान के साथ अपना तारतम्य बैठा लिया। वे मेरठ में रहतक दो यूनिटों को देखा है पर हरिवंश जी के मुकाबले उनके पास भी वह विजन और धार की काफी कमी है। हां इस मामले में दैनिक जागरण जरूर कुछ भाग्यशाली है क्योंकि यहां लंबे समय तक शैलेंद्र दीक्षित अखबार को देख रहे हैं। पर उनका हाथ भी कंटेंट के मामले में कमजोर हैं। हालांकि उनका अपना अखबार में प्रबंधन जरूर ठीक है। सूत्र बता रहे हैं कि प्रभात खबर अपने अखबार को बिहार का अखबार बनाने के लिए एक खास रणनीति पर काम कर रहा है। उसकी रणनीति को सरकार की तरफ से भी हरी झंड़ी मिली हुई है क्योंकि आपने देखा होगा कि जब भी हरिवंश जी की कलम चलती है तो उसमें नीतीश का जिक्र जरूर होता है और उनकी लेखनी तब तक चलती है तब तक की नीतीश की तारीफ न हो जाए। इसलिए नीतीश सरकार से भी प्रभात खबर को बहुत मदद मिलने वाली है। आपको बता दें कि हरिवंश जी सरकार के काफी करीब रहने में विश्वास करते हैं। वे इस समय नीतीश सरकार के करीब हैं इससे पहले वे चंद्रशेखर सरकार में प्रेस अटैची हुआ करते थे। कुछ मिलाकर बिहार में अखबार औऱ सरकार औऱ सरकार और अखबार एक बार फिर हचलच मचाने के लिए तैयार हो रहे हैं।