भ्रष्ट एनडीटीवी (NDTV)और जेम्स प्रणय रॉय पर कोई दया न दिखाई जाये और कड़ी कारवाई की जाए!!!- सुब्रमनियम स्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी को लगाई गुहार
एनडीटीवी के जेम्स प्रणय रॉय द्वारा कल प्रधानमंत्री मोदी को लिखे गये उनके पत्र जिसमे उन्होंने मोदी जी से एनडीटीवी पर कारवाई रोकने के लिए आग्रह किया और सुब्रमनियम स्वामी जी पर आरोप लगाया की वे जांच एजेंसियों को प्रभावित कर रहे है उसका जवाब देते हुए सुब्रमनियम स्वामी ने एनडीटीवी के मुहं पर कड़ा तमाचा मारा है|
सुब्रमनियम स्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है की कर का भुगतान न करने वाले भ्रष्ट एनडीटीवी और जेम्स प्रणय रॉय पर कोई दया न दिखाई जाये और कड़ी कारवाई की जाए|उन्होंने मोदी जी को आश्वाशन दिया है की उनका न्याय के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं है|
सुब्रमनियम स्वामी ने जेम्स रॉय के इस दावे की अगर एनडीटीवी या एनबीसी के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है तो वे भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को रोक सकती है और भारत को इसका भुगतान करना होगा को सिरे की बकवास कहा है और कहा है की एनडीटीवी और प्रणय रॉय को जो उन्होंने काले धन को सफ़ेद करने,शेयरों को अपने व्यक्तिगत खातों में लिप्त करने और विदेश में फर्जी कंपनियों के बेनामी लेनदेन के उनके कुकर्मों की सज़ा जरुर मिलनी चाहिए|
अपने दो पन्नों के इस लम्बे ख़त में स्वामी ने कहा है की अमेरिका ने कई बड़े कंपनियों पर नियमित रूप से मुकदमा चलाया है और रॉय और उनके “अंग्रेजी साथी” बिलकुल भी किसी दया के हक़दार नही है| स्वामी ने कहा की अपने कुकर्मों के सब के सामने खुल जाने के कारण प्रणय रॉय इतने खिन्न है की उन्होंने आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय पे आरोप लगा दिया है की वे मेरे दबाव में काम कर रहे हैं और मैं इसे बदला लेने के कार्य के रूप में कर रहा हूँ।
प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग द्वारा लगाये गये सभी आरोप केवल गंभीर ही नहीं हैं बल्कि अदालतों द्वारा लगातार पहल पर उनका कड़ा मौय्ना किया जा रहा है|
स्वामी ने मोदी जी को ये भी याद करवाया की किस तरह एनडीटीवी ने उनके गुजरात के मुख्यमंत्री के दौर में उनके खिलाफ झूठा प्रचार प्रसार किया था वो भी सोनिया गाँधी और चिदम्बरम के इशारों पर| उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया की किस तरह एनडीटीवी ने आयकर विभाग अधिकारी एस के श्रीवास्तव जिन्होंने कर का भुगतान न करने और उनके कुकर्मों को सब के सामने उजागर किया था उनके खिलाफ संदिग्ध व्यक्ति की खोज का अभ्यान चलाया था|
स्वामी ने कहा भारत एक लोकतंत्र है और यह मूल रूप से कानून के शासन पर है। उच्च और शक्तिशाली और यहां तक कि गोरे अंग्रेजी विदेशियों पर मुकदमा चलाने में दया करने का कोई सवाल नहीं है। इसलिए मुझे यकीन है कि आप मुझसे सहमत होंगे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारे प्रयासों किसी भी अनुचित प्रभाव के अधीन नहीं हैं और प्रणय रॉय के कुछ पसंदीदा लोगों की और से न्याय के न्यायालयों में हस्तक्षेप हो सकता है|
पढ़िये सुब्रमनियम स्वामी का पत्र