वरिष्ठ पत्रकार प्रभात रंजन दीन ने दिया ‘कैनविज टाइम्स’ से इस्तीफा
वरिष्ठ पत्रकार प्रभात रंजन दीन ने ‘कैनविज टाइम्स’ के प्रधान सम्पादक के पद से इस्तीफा दे दिया है। ‘कैनविज टाइम्स’ में प्रभात रंजन दीन तीन वर्ष रहे। दो साल से ‘कैनविज टाइम्स’ लखनऊ से दैनिक के रूप में और उसके पूर्व साप्ताहिक के रूप में निकल रहा था। श्री दीन ने ‘कैनविज टाइम्स’ को उत्तर प्रदेश में स्थापित किया और उसे ऊंचाइयों तक पहुंचाया। राजनीतिक-प्रशासनिक क्षेत्र से लेकर नागरिकों तक ‘कैनविज टाइम्स’ अपनी खास धारदार लेखन-शैली और बेधड़क खबरों के लिए विशेष तौर पर चर्चित रहा।
22 जनवरी को ‘कैनविज टाइम्स’ का बरेली संस्करण भी प्रकाशित हुआ, लेकिन प्रभात रंजन दीन ने 20 जनवरी को ही अपना त्यागपत्र कैनविज मैनेजमेंट को भेज दिया था। ‘कैनविज टाइम्स’ बरेली के सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए यह भी बताया कि कैनविज बरेली के प्रबंधन द्वारा अखबार के मान्य सिद्धान्तों और प्रावधानों की अवहेलना किए जाने के खिलाफ प्रभात रंजन दीन ने संस्थान को छोड़ने की घोषणा की है। सूत्रों का यह भी कहना है कि प्रबंधन प्रभात रंजन दीन के रहते हुए अखबार पर हावी नहीं हो पा रहा था और लोकसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों और नेताओं से ‘बारगेनिंग’ श्री दीन के कारण सम्भव नहीं थी। इसीलिए ऐसा वातावरण बनाया गया कि वे अपने स्वभाव के तहत इस्तीफा दे दें। प्रभात रंजन दीन ‘कैनविज टाइम्स’ छोड़ने के बाद कहां जाएंगे, इसका अब तक कोई संकेत नहीं मिला है। इस्तीफे के बारे में जब श्री दीन से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। उन्होंने अपने उत्तर में कबीर का एक दोहा सुनाया, ‘ना मैं जानूं सेवा बंदगी, ना मैं घंट बजाई। ना मैं शीश धरूं सिंहासन, ना मैं पुष्प चढ़ाई। सगरी दुनिया रहे सयानी, मैं ही इक बौराना।’