फर्जी मान्यता से फोटू खिंचवाओ पत्रकार ने रचाया खेल, ख़बर छापने का डर दिखा कर कमाया मॉल

उर्दू दैनिक वारिसे अवध के मान्यता प्राप्त खिलाड़ियों का सिलसिलेवार होगा 

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उत्तर प्रदेश ने सदियों पुरानी कहावत को चरितार्थ करते हुए एक नई परिभाषा बना दी है जहां आम लोगों में यह धारणा बन गई है कि सूचना विभाग के अधिकारी मेहरबान तो गधा भी पहलवान। अति सुरक्षित और संवेदनशील सचिवालय परिसर और मुख्यमंत्री कार्यालय, लोकभवन परिसर में मंत्रियों और उच्च अधिकारियों के साथ तस्वीरों का खेल सोशल मीडिया पर वायरल करके दुनिया के सामने खुद को इस खेल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित करने की प्रतियोगिता में मीडिया जगत के कईं धुरंधर दौड़ रहे है।
खेल विभाग में नातेदार रिश्तेदार काबिज़ हो तो खिलाड़ी दिखना स्वभाविक हो जाता है जबकि ये ऐसे खिलाड़ी है जिनको एक राजनीतिक दल की प्रेस वार्ता से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है लेकिन तेल लगाने की कला में महारत के चलते हर मुकाम में फेल हो चुके महाशय ने फर्जी पत्रिका के स्वामित्व को ही अपना खेल का मैदान बना लिया है और खेल के बहाने मीडिया जगत में अपने हाथ पैर ऐसे फैलाये कि कुछ सालो में हीं लाखो का वारा न्यारा कर डाला।
भारत सरकार के समाचार पत्र के पंजीयक कार्यालय द्वारा वर्ष 2023 में एक पत्र जारी करते हुए इस खिलाड़ी की पत्रिका the indian view द्वारा 5 वर्षों से वार्षिक विवरणी ना किए जाने का प्रमाण देखते हुए पत्रिका के शीर्षक को निष्क्रिय कर दिया गया परंतु सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा नियमों को दरकिनार करते हुए निष्क्रिय पत्रिका को लाखों का विज्ञापन दिया गया जो इस खिलाड़ी की प्रतिभा को दर्शाता है। फेसबुक से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह खिलाड़ी सिर्फ विभागों से विज्ञापन के नाम पर ही पैसा नहीं वसूलता बल्कि लोगों को डरा धमका कर उनके बारे में उल्टी-सीधी खबरें छापने की बात करके खुलेआम धन उगाही की धमकी फेसबुक के माध्यम से देता फिरता है और अपनी जेब गरम करने के बाद ना तो कोई लेख प्रकाशित किया जाता है और ना ही ऐसी कोई खबर देखने को मिलती है। निष्क्रिय पत्रिका की आड़ में फर्जी खबरें छापने का डर दिखाने वाले इस खिलाड़ी के संबंध में बहुत बड़ा खुलासा शीघ्र किया जाएगा। फिलहाल अपनी करतूतों को बचाने के लिए इस खिलाड़ी द्वारा एक हिंदी भाषी चैनल में एसोसिएट एडिटर के रूप में अपनी तस्वीरें प्रचारित की जा रही हैं ताकि इसकी काली करतूतों पर परदा पड़ा रहें और दुकान चलती रहे ।
इस खिलाड़ी को उर्दू भाषा का कोई ज्ञान नही और न हीं उर्दू भाषा का कोई प्रमाण दिखता है लेकिन मासिक पत्रिका के स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक और संपादक की अहम भूमिका निभाते हुए तेल यंत्र के सहारे राज्य मुख्यालय की मान्यता में खेला कर डाला और मुख्यमंत्री कार्यालय में अपनी पत्रिका उच्च अधिकारियों के हाथों में थमा कर तस्वीरें सोशल मीडिया पर लगा कर अपने खेल को प्रचारित और प्रसारित करने में जुटे हैं, फिलहाल राजनीति से जुड़े एक बड़े उद्योगपति को फ़साने की कोशिश में इनकी सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट से इनकी पोल तो खुल गयी लेकिन इनका काम बन गया और जेब भी गरम हो गयी, लेकिन राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार का तमगा इस खिलाड़ी द्वारा पत्रिका के स्वामित्व, एसोसिएट एडिटर और उर्दू दैनिक वारिसे अवध के सवांददाता के रूप में कार्यरत रहते हुए कैसे खेला जायेग ये दिलचस्प कहानी का खुलासा भी देखने वाला होगा।

सूचना डायरी 2023 में प्रकाशित उर्दू दैनिक वारिसे अवध से झोला भर पत्रकारों की सूची

उर्दू दैनिक वारिसे अवध के खेल के मैदान में ऐसे कई खिलाड़ी अपना खेल बना रहे जिनको ना तो उर्दू भाषा का ज्ञान है और ना ही इनके द्वारा लिखी गई खबर को किसी ने पढ़ा होगा, ऐसे ही एक मशहूर खिलाड़ी जिनका नाम अनेक गैर कानूनी संगठनों और मुस्लिम माफियाओं के साथ जुड़ता रहा है उनके द्वारा डालीबाग स्थित सरकारी आवास पर कब्जा जमा कर न सिर्फ एक पत्रिका का व्यवसाय किया जा रहा है बल्कि गैर कानूनी रूप से अपने ही कुनबे के आधा दर्जन से ज्यादा जालसाज और फर्जीवाड़े में लिप्त भाई बंधुओं को सरकारी आवास आवंटित कराया गया है जिसकी जांच के लिए अनेक स्तर पर पूर्व में शिकायतें भी प्रेषित की गई है परंतु इनके द्वारा उन सभी शिकायती पत्रों को या तो दबवा दिया जाता है या धनबल दिखाकर उनको फर्जी तरीके से निस्तारित कराने का काम किया जाता है। पूर्व में शारिब जाफरी, आसिफ जाफरी और नावेद शिकोह द्वारा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से हथियाई फर्जी मान्यता के संबंध में अनेक प्रमाण सूचना निदेशक शिशिर महोदय के सामने है लेकिन कार्यवाही न होने के कारण इन खिलाड़ियों के हौसलें बुलंद है और एक गैंग बनाकर मान्यता और सरकारी आवास पर काबिज होने का कार्य किया जा रहा है।
आखिर किन नियमों के प्रावधान के तहत इन पत्रिकाओं के स्वामी, प्रकाशक, मुद्रकों को राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार का तमगा दिया गया है और सरकारी आवासों से लाखों-करोड़ों के व्यवसाय के प्रमाण को देखते हुए भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है, यह एक बड़ा विचारणीय प्रश्न है जिसका संज्ञान लिया जाना अत्यंत आवश्यक है।

एच ए इदरीसी (9956475992)
अध्यक्ष
मान्यता प्राप्त उर्दू मीडिया एसोसिएशन उ प्र लखनऊ

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