कन्नौज के पुलिस कप्तान ने पत्रकारों को भी नहीं बख्शा

कन्नौज। साइकिल यात्रा में शामिल कुछ कार्यकर्ताओं से पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार जैन भिड़ गए। काफी कहा-सुनी होने के बाद वह जब बाहर गेट की तरफ आए तो उन्होंने कुछ पत्रकारो से भी अभद्रता करनी शुरू कर दी। उधर कुछ कार्यकर्ताओं ने भीड़ को रोकने का आरोप पुलिस पर लगाया है। गेट के अंदर जाने को लेकर कुछ पुलिसवालों ने मीडिया प्रेस पास होने के बाद भी पत्रकारों को नहीं घुसने दिया। इसको लेकर पत्रकारों की झड़प हुई।

इसी बीच मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार जैन ने गेट पर खड़े कन्नौज केसरी के संपादक मनोज शुक्ला को गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। विरोध करने पहुंचे पंजाब केसरी के ब्यूरो चीफ देवेश त्रिपाठी से उन्होंने अभद्रता कर दी। इसके बाद अमर उजाला के पत्रकार योगेंद्र बघेल व हिंदुस्तान के संवाददाता अजय कुमार मिश्र को भी उन्होंने निशाना बनाया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जाने के बाद पत्रकारों ने कार्यक्रम स्थल पर ही विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

साइकिल यात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं से एसपी की होती झड़प व धक्कामुक्की


इसके बाद मुख्यमंत्री के निजी सचिव गजेंद्र सिंह व डीएम राजेश कुमार ने पत्रकारों के साथ बैठक की। बैठक में एसपी को निलंबित किए जाने की मांग रखी गई है जिस पर उन्होंने सीएम अखिलेश यादव से बात करने का आश्वासन दिया है। उधर दोपहर बाद डीएम राजेश कुमार ने सभी पत्रकारों को अपने कार्यालय बुलाकर वार्ता की और कहा कि घटना बेहद खेदजनक है। आगे से एसपी को इस तरह के व्यवहार में सुधार लाने की बात कही गई है।

डीएम का कहना था कि एसपी ने उन्हें बताया कि मंच पर करीब दो-ढाई सौ लोग चढ़ गए थे। सीएम की सुरक्षा में किसी तरह की चूक न हो इस कारण वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठे। यही वजह रही कि वह इस तरह की भाषा का अनजाने में इस्तेमाल कर गए। डीएम ने मामले को फिलहाल सुलझा दिया है। खास बात यह है कि घटना के भुक्तभोगी मनोज शुक्ला कान्यकुब्ज प्रेस क्लब के महामंत्री हैं।

प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरुण तिवारी पहले तो एसपी को निलंबित करने की मांग कर रहे थे, लेकिन बाद में वह डीएम की चाय पीने के बाद प्रशासन की हां में हां करने लगे। फिर क्या था, सभी पत्रकार वापस लौट आए। इतना ही नहीं, डीएम के बुलाने के बाद भी एसपी उनके दफ्तर नहीं आए। डीएम ने एसपी की तरफ से आगे ऐसी कोई बात न होने का भरोसा दिलाया है। प्रेस क्लब के बिना किसी नतीजे के बात खत्म कर लेने से सभी पत्रकारों में खासा रोष है।

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