मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाना चाहते थे ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक, सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका: कहा था – इससे बेइज्जती होती है
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (15 दिसंबर 2023) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एवं तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के सांसद अभिषेक बनर्जी को राहत देने से इनकार कर दिया। याचिका में उनसे जुड़े मामले को अन्य पीठ को स्थानांतरित करने और इसकी कार्यवाही की मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की माँग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (15 दिसंबर 2023) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एवं तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को राहत देने से इनकार कर दिया। याचिका में उनसे जुड़े मामले को अन्य पीठ को स्थानांतरित करने और इसकी कार्यवाही की मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की माँग की गई थी।
अभिषेक बनर्जी ने अपनी याचिका में कहा था कि कलकत्ता हाईकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा की एकल पीठ द्वारा की जा रही टिप्पणियाँ मीडिया में प्रकाशित की जा रही हैं। इससे उनके सम्मान को नुकसान पहुँच रहा है। इसलिए उन्होंने शीर्ष न्यायालय से मामले की मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की माँग की थी।
बनर्जी की इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा, “हम ऐसा कोई आदेश नहीं दे सकते। यदि कोई आवेदन हो तो हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में जाएँ।” बता दें कि यह मामला पश्चिम बंगाल में सैकड़ों करोड़ रुपए के शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ा हुआ है। इसको लेकर भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने बनर्जी पर कटाक्ष किया है।
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी चाहते थे कि मीडिया पर लगाम लगाई जाए, ताकि वे भर्ती घोटाले में कलकत्ता हाईकोर्ट की कार्यवाही पर रिपोर्ट न कर सकें। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। आप चोरी करते हैं लेकिन नहीं चाहते कि दुनिया को पता चले? सुविधाजनक।”
Abhishek Banerjee, West Bengal CM Mamata Banerjee’s nephew, wanted media gagged, so that they can’t report on the Calcutta HC proceedings in the Recruitment Scam.
Supreme Court rejected the plea.
You steal but don’t want the world to know? Convenient. https://t.co/lyNChjVq2v
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 16, 2023
जस्टिस अमृता सिन्हा ने अभिषेक बनर्जी, उनकी माँ लता बनर्जी, पत्नी रुजिरा और लीप्स एंड बाउंड्स के बाकी निदेशकों को संपत्ति के दस्तावेज जमा करने की अनुमति दी थी। बनर्जी ने उस आदेश को चुनौती दी और न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार की खंडपीठ के पास गए। डिवीजन बेंच ने जस्टिस अमृता सिन्हा के आदेश के अधिकांश हिस्से को बरकरार रखा। इसके बाद बनर्जी सुप्रीम कोर्ट पहुँचे थे।
इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 8 दिसंबर 2023 को को खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से साफ मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि जस्टिस अमृता सिन्हा की सिंगल बेंच और जस्टिस सौमेन सेन की डिवीजन बेंच के आदेश में वे कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे।