जालसाजी में लिप्त 272 पत्रकारो की सूची जिलाधिकारी कार्यालय लखनऊ से प्राप्त कर मान्यता नवीनीकरण प्रकरण से अतिशीघ्र नाम हटाये जाने के सम्बन्ध में अपर निदेशक को एक और पत्र
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पत्रकारो को निर्गत की जाने वाली पत्रकार मान्यता के संदर्भ में नियमावली में मान्यता देने के प्रावधानों को दरकिनार करते हुये जिसको मान लिया अपना या जिसने रख दिया नोटों की थैली उसको मान्यता मिल जाती है फिर चाहे जमानत पर हो हो संगीन धाराओं में मुदकमा ही क्यों न दर्ज हो
श्रीमान अंशमान राम त्रिपाठी –
अपर निदेशक जी,
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश,
लखनऊ l
विषय : EOW द्वारा धोखाधड़ी, जालसाजी में लिप्त 272 पत्रकारो की सूची जिलाधिकारी कार्यालय लखनऊ से प्राप्त कर मान्यता नवीनीकरण प्रकरण से अतिशीघ्र नाम हटाये जाने के सम्बन्ध में ।
महोदय
विनम्र निवेदन है कि प्रार्थी एक पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट हैं जो कि सामाजिक, नैतिक, संविधान के अनुच्छेद 51क में दिये गये दायित्वों, कर्तव्यों को पूरा कराने एवं देश के संविधान व कानून का पालन कराने और समाज के उत्थान के लिये कार्य करता हैं ।
मुझे विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि EOW द्वारा धोखाधड़ी, जालसाजी में लिप्त 272 पत्रकारो की सूची जिलाधिकारी कार्यालय लखनऊ व सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश में उपलब्ध है l
उसके बावजूद सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग में ललित मोहन, प्रमोद, शालिनी, राजा, मधु का पाचक तंत्र मान्यता का तमगा दिलाने में नियमो को किनारे लगा कर कितने पंजे, छक्के बनाये जा रहे है ये गंभीर जांच का विषय है । और पत्रकारिता की तड़क भड़क और ग्लैमर की दुनिया की चका चौंध के साथ पुलिस प्रशासन के बीच भौकाल बनाने के लिए पत्रकारिता क्षेत्र सबसे आसान है, न लिखाई पढ़ाई से कोई लेना देना और न ही काम काज का कोई प्रिशिक्षण, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ वेब, पोर्टल और सोशल मीडिया जैसे दूसरे साधन आने से मात्र 10 रुपए का प्रेस लगा रेडियम का स्टीकर और 1200 का माइक बना देता है पत्रकार जिसके चलते पत्रकारिता वर्तमान में अपराधियों और ठेकेदारों का सबसे पसंदीदा क्षेत्र बनता जा रहा है ।
आपके सम्मुख पूर्व में हंसराज जी के शिकायती पत्रों के उपरांत तथाकथित पत्रकारो द्वारा आनन फानन में जिलाधिकारी कार्यालय में आने स्वामित्व में चल रहे समाचार पत्रों को अपने नजदीकी रिश्तेदारों के नाम हस्तांतरित करने का काम शुरू किया गया जिसके संबंध में आप द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय से पूरी सूची प्राप्त की जा सकती है और पत्रकारिता का स्तर बनाये रखने के लिए LIU विभाग से राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकारो की सूची भेज कर विगत 2 वर्षों में किये गए स्वामित्व हस्तांतरण के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है ।
आपको अवगत कराना है कि अपराधियों और ठेकेदारों को पत्रकारिता की ग्लैमर की दुनिया से सत्ता तक पहुंचने का रास्ता प्रेस प्रभाग से निकलता है जिसके लिए मोटी धनराशि पेश की जाती है और नियमो के विपरीत राज्य मुख्यालय मान्यता का दर्जा देकर वाहनों का पास देकर हनक और दबदबा बन जाता है। साधारण मान्यता हेतु साधारण धनराशि, स्वतंत्र पत्रकार और वरिष्ठ पत्रकार के लिए मोटी धनराशि इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि व्यक्ति को कोई अनुभव हो या न हो, दागी हो या ठेकेदार हों सबको मुख्यालय मान्यता मिल जाती है, पत्रकारिता का अनुभव हो या न हों स्वतंत्र और वरिष्ठ का तमगा दिया जाता है जिसके चलते पत्रकारिता जगत बदनाम हो रही है ।
इसके अतिरिक्त सूचना विभाग से मान्यता प्राप्त लगभग 950 पत्रकारों में से अधिकतर पत्रकार अपने खुद के अखबार और आवास होते हुए भी झूंठा शपथ-पत्र देकर सरकारी आवास अवैधानिक रूप से हथियाए हुए हैं और अन्य अख़बारों से सरकारी मान्यता अवैधानिक रूप से लेकर अपने स्वयं के अखबारों पर प्रतिमाह मोटी धनराशि सरकारी विज्ञापनों के माध्यम से अवैधानिक रूप से हथिया रहे हैं जिसकी गहराई से जांच आवश्यक है l
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पत्रकारो को निर्गत की जाने वाली पत्रकार मान्यता के संदर्भ में नियमावली में मान्यता देने के प्रावधानों को दरकिनार करते हुये जिसको मान लिया अपना या जिसने रख दिया नोटों की थैली उसको मान्यता मिल जाती है फिर चाहे जमानत पर हो हो संगीन धाराओं में मुदकमा ही क्यों न दर्ज हो ।
आपसे पूर्व में भी अनुरोध किया गया है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता को अपराधियों, ठेकेदारों से बचाने के लिए आप द्वारा दागी पत्रकारो के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी, उसी क्रम में अन्य पत्रकारो के नाम आपके सम्मुख प्रेषित है जिनका संज्ञान लेकर आप द्वारा मान्यता नवीनीकरण की सूची से इनका नाम हटाया जाएगा और जिलाधिकारी कार्यालय से लगभग 300 पत्रकारो की EOW द्वारा संगीन मुक़दमे में दर्ज नामो की सूची प्राप्त की जाएगी और उनको मान्यता नवीनीकरण के प्रकरण से हटाए जाने की महती कृपा की जायेगी । जो जनहित में अति आवश्यक है l
अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया आपराधिक पृष्ठभूमि के मान्यता प्राप्त पत्रकारों के आपराधिक मामलों की जांच जिला प्रशासन,पुलिस महकमे और एल.आई.यू. के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के सभी थानों से गोपनीय जांच कराकर जांच रिपोर्ट के आधार पर मान्यता कार्ड निरस्त करने और इन मान्यता प्राप्त पत्रकारों को दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,परिवहन विभाग की सुविधा ,रेल पास की सुविधा समेत अन्य सभी सरकारी सुविधायें बापस किये जाने की कार्यवाही तत्काल कराने की कृपा करें । जो जनहित में अति आवश्यक है l
सादर सहित l
स्थान – लखनऊ
दिनांक – 28-12-2023
भवदीय
( शमीम अहमद }
पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट
12/23 पुराना किला ,कैंट रोड, थाना हुसैनगंज ,
लखनऊ,उत्तर प्रदेश-226001
मो० 9307691188