आपातकाल को जायज ठहराने में जुटे राजदीप सरदेसाई और प्रियंका चतुर्वेदी, कहा- संविधान के तहत थी इमरजेंसी
राजदीप सरदेसाई ने भी आपातकाल का समर्थन किया है। राजदीप ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा, “ब्रेकिंग न्यूज़: मोदी सरकार ने कहा है कि वह 25 जून को 1975 की आपातकाल की वर्षगाँठ को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाएगी। विपक्ष के नारे ‘संविधान ख़तरे में है’ और ‘संविधान हत्या दिवस’ के बीच हम संविधान का ओवरडोज़ ले रहे हैं!”
उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना (UBT) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने सोशल मीडिया साइट X पर आपातकाल का समर्थन किया। उन्होंने लिखा, “क्या कोई माननीय गृह मंत्री अमित शाह को बताएगा कि आपातकाल संवैधानिक रूप से उपलब्ध धारा के आधार पर लगाया गया था? संविधान हत्या दिवस कहना हास्यास्पद है, क्योंकि यह वही संविधान था जिसमें आपातकाल की धारा थी!”
पत्रकार राजदीप सरदेसाई और प्रियंका चतुर्वेदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया है। इसी दिन 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार ने देश में आपातकाल घोषित करते हुए विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया था। साथ ही मीडिया पर भी अंकुश लगा दिया था। अब उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना (UBT) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी और कॉन्ग्रेस समर्थक पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने आपातकाल का समर्थन किया है।
उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना (UBT) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने सोशल मीडिया साइट X पर आपातकाल का समर्थन किया। उन्होंने लिखा, “क्या कोई माननीय गृह मंत्री अमित शाह को बताएगा कि आपातकाल संवैधानिक रूप से उपलब्ध धारा के आधार पर लगाया गया था? संविधान हत्या दिवस कहना हास्यास्पद है, क्योंकि यह वही संविधान था जिसमें आपातकाल की धारा थी!”
Will someone tell Hon. HM Amit Shah, that emergency was applied basis of a constitutional availability of the clause to declare emergency?
How ridiculous he sounds by calling it Samvidhan Hatya Diwas when it was the very samvidhan which had an emergency clause! It can be…— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) July 12, 2024
चतुर्वेदी ने आगे कहा, “यह आपातकाल की अति हो सकती है और इसे घोषित करने के लिए अधिकार को कमज़ोर किया जा सकता है या आपातकाल घोषित करने के लिए राजनीतिक कारण भी हो सकते हैं, लेकिन यह निश्चित रूप से संवैधानिकता की मृत्यु नहीं हो सकती है! ख़ुद बदलने चले थे संविधान, मिल गया उसका परिणाम, इसलिए हो रहे हैं हैरान। अब आये दिन दे रहें ऐसे बयान।”
प्रियंका चतुर्वेदी की तरह ही पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी आपातकाल का समर्थन किया है। राजदीप ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा, “ब्रेकिंग न्यूज़: मोदी सरकार ने कहा है कि वह 25 जून को 1975 की आपातकाल की वर्षगाँठ को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाएगी। विपक्ष के नारे ‘संविधान ख़तरे में है’ और ‘संविधान हत्या दिवस’ के बीच हम संविधान का ओवरडोज़ ले रहे हैं!”
Breaking now: Modi govt says it will now observe 1975 Emergency anniversary on June 25th as ‘Samvidhan Hatya Diwas’. Between ‘Samvidhan Khatre main hai’ slogan of the opposition and Samvidhan Hatya Diwas, we are getting a constitution overdose! Truth is the only way to truly…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) July 12, 2024
राजदीप ने आगे लिखा, “सच तो यह है कि संविधान को सही मायने में बचाने/सम्मान करने का एकमात्र तरीका संवैधानिक मूल्यों का सम्मान करना है। पहला कदम: हर सरकार, चाहे वह केंद्र हो या राज्य, एजेंसियों का दुरुपयोग बंद करे! 75 के आपातकाल की निंदा करने और फिर उसके मुख्य पापों को दोहराने का कोई मतलब नहीं है! सुर्खियाँ बटोरने वाली नौटंकी कम, ज़्यादा सारगर्भित बातें!”
संविधान हत्या दिवस का ऐलान करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कैसे इंदिरा गाँधी ने तानाशाही मानसिकता का परिचय देते हुए लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। उन्होंने याद किया कि कैसे लाखों लोग जेल में ठूँस दिए गए थे, मीडिया की आवाज़ को दबा दिया गया था। अमित शाह ने ऐलान किया कि हर साल इसकी स्मृति में भारत सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।