बकलोल पत्रकार को लोक भवन और सचिवालय प्रवेश से प्रतिबंधित करने के लिए लामबंद हुए पत्रकार

उत्तर प्रदेश की मीडिया जगत को कलंकित करने में तथाकथित अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के साथ-साथ कहीं ना कहीं सूचना विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की संलिप्तता भी सामने आती है। बकलोल में माहिर भोजपुरी फिल्म के निर्माता निर्देशक जिसने अभी हाल ही में अयोध्या धाम में प्रसाद की दुकान खोलने की घोषणा की गई है उसको राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार का दर्जा देकर अति सुरक्षित सरकारी भवनों में प्रवेश करने का गेट पास मिलने के उपरांत उच्च अधिकारियों के सामने उसकी बकलोल की सीमा बढ़ते जा रही है।

हॉकर, RTI एक्टिविसिट से पत्रकार का रूप धारण करें राजेन्द्र गौतम ने बकलोल पत्रकार, अभिनेता को प्रसाद की दुकान के नए व्यवसाय के लिए दी बधाई।

राज्य मुख्यालय की मान्यता जिस न्यूज एजेंसी से बकलोल ने प्राप्त की है उसका मालिकाना हक भी उसके परिवार के नाम से है जिसमें फर्जी प्रपत्रों को लगाकर स्वयं को प्रधान संपादक दिखाते हुए बकलोल की मान्यता किस आधार पर की गई है इसकी जांच की जानी चाहिए ।

उत्तर प्रदेश की मीडिया जगत को कलंकित करने में तथाकथित अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के साथ-साथ कहीं ना कहीं सूचना विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की संलिप्तता भी सामने आती है। बकलोल में माहिर भोजपुरी फिल्म के निर्माता निर्देशक जिसने अभी हाल ही में अयोध्या धाम में प्रसाद की दुकान खोलने की घोषणा की गई है उसको राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार का दर्जा देकर अति सुरक्षित सरकारी भवनों में प्रवेश करने का गेट पास मिलने के उपरांत उच्च अधिकारियों के सामने उसकी बकलोल की सीमा बढ़ते जा रही है।

भोजपुरी फिल्मों के निर्माता निर्देशक और आपराधिक मामलों में नामित…

बकलोल पत्रकारिकता से दूषित हो रही उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता,…

शासन प्रशासन के उच्च अधिकारी अक्सर ऐसे बकलोल लोगों के ट्रांसफर पोस्टिंग, विज्ञापन के पत्रों पर संस्तुति कर उनसे पीछा छुड़ाने के प्रयास में रहते हैं परंतु ऐसे बकलोल अपनी बकलोली की वीरता का बखान करते घूमते है और कार्य हो जाने के बाद अधिकारी को अपना चिंटू बताते घूमते हैं जबकि उच्च अधिकारियों के कक्ष में बकालोलों को उनके पैरों में नाक रगड़ते देखा गया है ऐसा भी वाक्य हुआ है कि कुछ अधिकारियों के कमरे में उच्च अधिकारियों के कानों में बकलोली की सूचना आने के बाद जब उसकी पेशी हुई तो बकलोल ने कान पकड़कर उठक -बैठक करके अपनी गलती की माफ़ी मांगी जिसका वीडियो भी वायरल हुआ। परंतु ऐसे बकलोल की बकलोली के चलते उत्तर प्रदेश की मीडिया जगत पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लग गया है ।

राज्य मुख्यालय की मान्यता जिस न्यूज एजेंसी से बकलोल ने प्राप्त की है उसका मालिकाना हक भी उसके परिवार के नाम से है जिसमें फर्जी प्रपत्रों को लगाकर स्वयं को प्रधान संपादक दिखाते हुए बकलोल की मान्यता किस आधार पर की गई है इसकी जांच की जानी चाहिए ।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से अपने ही परिवार के नाम से आधा दर्जन समाचार पत्रों को फर्जी रूप से प्रकाशित करके बकलोल द्वारा सूचना विभाग से लाखों रुपए का विज्ञापन लिया गया है । अपनी बकलोली को कामयाबी का मंत्र समझकर इस बकलोल को लगा कि अब मुंबई के रुपहले पर्दे पर अपना चमत्कार दिखाने में कामयाब हो जाएगा और भोजपुरी फिल्मों में सूचना विभाग से कमाया लाखों रुपया लेकर फिल्मों की चमकीली दुनिया में बकलोल करता नजर आएगा लेकिन किसी भी कार्य के लिए कोई गुण होना जरूरी है सिर्फ बकलोल से कोई काम नहीं बनता ।

हॉकर से RTI एक्टिविस्ट से तथाकथित पत्रकार राजेंद्र गौतम ने बकलोल की प्रसाद की दुकान खुलने पर बधाई देते हुए लिखा है कि पत्रकार में फ्लॉप अभिनेता में फ्लॉप के बाद अब अयोध्या धाम में प्रसाद की दुकान खुलने पर बकलोल की बकलोली वहां भी दौड़ती नजर आएगी लेकिन लखनऊ के मीडिया जगत में इस बात का हर्ष है की कम से कम लोकभवन और सचिवालय भवन से इस बकलोल से छुटकारा मिल जाएगा और जो पत्रकार साथी अयोध्या जाएंगे उनको बकलोल की दुकान से प्रसाद खरीदने में छूट मिलेगी क्योंकि प्रसाद के साथ बकलोल की बकलोली सुनने के लिए वक्त देना पड़ेगा ।

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इस बकलोल को राज्य मुख्यालय की मान्यता किस आधार पर दी गई जबकि न तो इसको भाषा का ज्ञान है और न ही इसकी शिक्षा दीक्षा के बारे में किसी को जानकारी है बस पूरे परिवार को मीडिया जगत में उतारकर मान्यता प्राप्त पत्रकार बना दिया गया है और सूचना विभाग से लाखों रुपए का विज्ञापन लेकर खुद को भोजपुरी फिल्मों का निर्माता निर्देशक बढ़कर अन्य लोगों को फिल्मों में हीरो बनाने का हीरो बनाने की लालच देकर पैसा भी बैठ जाता है जिसके चलते आपराधिक मुकदमा दर्ज है ।

बकलोल से कलंकित होती उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता खास तौर पर लोकभवन और सचिवालय के प्रेस रूम से छुटकारा दिलाने के लिए लखनऊ के पत्रकारो द्वारा लामबंद होकर सूचना निदेशक से बकलोल की मान्यता समाप्त कर इसको प्रतिबंध किए जाने की मांग की गई है।

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