मान्यता समिति चुनाव के बाद नवनिर्वाचित सचिव भारत सिंह एक्टिव मोड में
किसी की हिम्मत नहीं कि प्रेस क्लब के चुनाव के लिए आवाज़ उठा दे, इसी बीच कुछ वर्षो पूर्व सचिव जोखू तिवारी जी का निधन हो गया, लोगों नें संयुक्त सचिव को प्रभारी सचिव बनाने की बात रखी लेकिन नहीं बनाये गये और वो भी दो वर्ष पूर्व दिवंगत हो गये। अब प्रेस क्लब बगैर सचिव और संयुक्त सचिव का हो चुका है
2010 के बाद नहीं हुआ है प्रेस क्लब का कोई चुनाव
उप्र राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के पारदर्शिता पूर्वक चुनाव के बाद यू पी प्रेस क्लब लखनऊ की चुनाव की तारीख घोषित होनी चाहिए। सदस्यता अभियान भी चुनाव से पूर्व शुरू करना चाहिए।
आप लोगों को एक जानकारी दे रहा हूँ कि जब राम दत्त त्रिपाठी जी 2004 से 2006 तक यू पी प्रेस क्लब के अध्यक्ष थे तो उन्होने व्यापक परिवर्तन किया था, सामने मैदान का चौड़ीकरण, gemini होटल के तरफ खुली ज़मीन को क्लब के अंदर लिया गया लोगों को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता करने के लिये प्रेरित किया, उन्होंने कुछ और सुधार करने के लिए एक कार्यकाल और कार्य करने कि इच्छा व्यक्त कि लेकिन नकार दिया गया राम दत्त त्रिपाठी जी दुबारा चुनाव लड़े नहीं उन्होंने समय पूरा होने से पूर्व ही चुनाव करा दिया। उसके बाद रविंद्र सिंह जी चुनाव लड़े और अध्यक्ष चुने गये और 2006 से 2010 तक रहे, उसके बाद 2010 में अर्थात् दो कार्यकाल पूरा करने के बाद 2010 में चुनाव हुआ पुनः रविंद्र सिंह जीते और आज 2024 तक बरकरार हैं, किसी की हिम्मत नहीं कि प्रेस क्लब के चुनाव के लिए आवाज़ उठा दे, इसी बीच कुछ वर्षो पूर्व सचिव जोखू तिवारी जी का निधन हो गया, लोगों नें संयुक्त सचिव को प्रभारी सचिव बनाने की बात रखी लेकिन नहीं बनाये गये और वो भी दो वर्ष पूर्व दिवंगत हो गये। अब प्रेस क्लब बगैर सचिव और संयुक्त सचिव का हो चुका है,चौकाने वाली बात ये है कि अध्यक्ष रविन्द्र सिंह जी साल में 9 माह अमेरिका में रहते हैँ उनकी गैरमौजूदगी में हसीब सिद्दीकी साहब प्रेस क्लब का पूरा काम करते हैं जो कि प्रेस क्लब के किसी पद पर नहीं हैं। पत्रकार सिर्फ यही चाहते हैँ कि सदस्यता अभियान चले और प्रेस क्लब का चुनाव हो।
पत्रकार साथिओं का सुझाव मुझे शक्ति प्रदान करेगा।