उ. प्र. मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति ने लागातार पत्रकरों पर हो रहे हमले की कड़ी निंदा, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति के महासचिव अरुण कुमार त्रिपाठी के अनुसार एटा जिले के जलेसर में पत्रकार गौरव गुप्ता पुत्र शरद गुप्ता गली बोहरान जलेसर का निवासी है। वह दैनिक राजपथ समाचार पत्र से संवाददाता है। गौरव को 26 अक्टूबर को करीब रात 10:30 बजे सूचना मिली कि एसडीएम जलेसर ने एक अवैध राशन चावल का ट्रक निधौली चौराहे पर खड़ा करा दिया है। जिसकी कवरेज करने गौरव और उसका साथी पत्रकार योगेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र शीलेन्द्र पाल सिंह मौके पर पहुंचा। वहां इन दोनों पत्रकारों को चावल माफिया राकेश गुप्ता पुत्र धनीराम, सोनू पुत्र वीरेश, मोन्टी पुत्र अशोक, गणेश पुत्र पप्पू, पप्पू पुत्र नामालूम, राजकुमार पुत्र राकेश गुप्ता, रोहित, प्रिंस निवासी महावीरगंज, भानू, अजब सिंह पुत्रगण ध्यानपाल निवासीगण बुधेरा ने घेर लिया।

उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर हमलों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में हमीरपुर के सरीला नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा दो पत्रकारों को घर में बुलाकर उन पर हमला करने की घटना के बाद अब एटा जिले के

जलेसर में एक व्यापारी और उसके समर्थकों द्वारा दो पत्रकारों पर हमला करने का मामला प्रकाश में आया है। आए दिन हो रही इन घटनाओं से उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति चिंतित है। समिति ने निर्णय लिया है कि पत्रकारों पर आए दिन हो रहे हमलों पर लगाम लगाने और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर ठोस समाधान निकाला जाएगा। इस दौरान इन दोनों घटनाओं का भी जिक्र मुख्यमंत्री से किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग उठाई जाएगी।

उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति के महासचिव अरुण कुमार त्रिपाठी के अनुसार एटा जिले के जलेसर में पत्रकार गौरव गुप्ता पुत्र शरद गुप्ता गली बोहरान जलेसर का निवासी है। वह दैनिक राजपथ समाचार पत्र से संवाददाता है। गौरव को 26 अक्टूबर को करीब रात 10:30 बजे सूचना मिली कि एसडीएम जलेसर ने एक अवैध राशन चावल का ट्रक निधौली चौराहे पर खड़ा करा दिया है। जिसकी कवरेज करने गौरव और उसका साथी पत्रकार योगेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र शीलेन्द्र पाल सिंह मौके पर पहुंचा। वहां इन दोनों पत्रकारों को चावल माफिया राकेश गुप्ता पुत्र धनीराम, सोनू पुत्र वीरेश, मोन्टी पुत्र अशोक, गणेश पुत्र पप्पू, पप्पू पुत्र नामालूम, राजकुमार पुत्र राकेश गुप्ता, रोहित, प्रिंस निवासी महावीरगंज, भानू, अजब सिंह पुत्रगण ध्यानपाल निवासीगण बुधेरा ने घेर लिया।

इसके साथ ही, ये सभी दोनों पत्रकारों के साथ हाथापाई व गाली गलौज करने लगे। मना करने पर जान से मारने की धमकी देते हुए लाठी-डंडों से मारपीट शुरू कर दी। गौरव गुप्ता के अनुसार आरोपियों ने जबरन उसकी जेब से 3500 रूपये और दोनों मोबाइल छीन लिये। यही नहीं, योगेन्द्र प्रताप से भी मोबाइल और रूपये भी लूट लिये। अंधेरे में ले जाकर गौरव के माथे पर कट्टा लगाकर उसे व योगेन्द्र को फिर पीटा। इस कारण दोनों पत्रकारों के कई जगह चोटें आई हैं।

पांच कदम दूर थी चौकी, नहीं आई पुलिस

घटनास्थल के पांच कदम की दूरी पर पुलिस चौकी है लेकिन कोई सिपाही मौके पर नहीं आया। आधे घंटे बाद थाने की गाड़ी आयी और गौरव को हमलावरों से बचाया फिर थाने पर छोड़ दिया। इसके बाद गौरव पर लगातार दबाव बनाया गया कि वह रिपोर्ट दर्ज न कराए। इसके बावजूद गौरव ने तहरीर दी और रिपोर्ट दर्ज कराई।

फतेहपुर में पत्रकार की हत्या के सभी दोषी सलाखों के पीछे हों

फतेहपुर में एक अखबार के रिपोर्टर दिलीप सैनी पर बुधवार की रात को हमला हुआ था। उन पर ये हमला भिटौरा बाईपास के पास कुछ चाकूधारी लोगों ने किया था। इलाज के दौरान पत्रकार ने कानपुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस ने शनिवार को इस मामले में पांच संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार मामले में चार अन्य नामजद और छह अज्ञात व्यक्ति अभी भी फरार हैं। पत्रकारों में इस घटना को लेकर खासा आक्रोश है। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति ने शासन से सभी दोषियों को जल्द से जल्द हिरासत में लेने की मांग की है।

आशीष सागर दीक्षित-
बुंदेलखंड के जिला हमीरपुर मे तहसील स्तर के क्षेत्रीय पत्रकारों के साथ हुआ यह घटनाक्रम बेहद हिंसात्मक, क्रूरतापूर्ण, अमानवीय एवं लोकशाही मे भ्रस्ट व्यवस्था की बानगी है। बीते शनिवार जब भड़ास ने लखनऊ की मान्यता प्राप्त पत्रकारों की समिति के लगातार मौन और इस तरह की प्रदेश व्यापी घटनाओं पर नजरअंदाजी के मद्देनजर घेराबंदी की तो थोड़ी सुगबुगाहट शुरू हुई है। बीते शनिवार इस क्रम मे #बाँदा मे भी ज्ञापन मांग पत्र दिया है। लेकिन सच्चाई यह है कि पत्रकार ही छोटे ज़िले स्तर पर पत्रकार का दुश्मन बन बैठा है। गौरतलब है फतेहपुर के एएनआई न्यूज़ एजेंसी संवाददाता मृतक दिलीप सैनी की हत्या का घटनाक्रम हो या हमीरपुर प्रकरण यह उत्तरप्रदेश की सरकारी और प्रजातांत्रिक ‘कोलैप्स’ कर चुकी व्यवस्था को उजागर करता है।
उल्लेखनीय है दिलीप सैनी केस मे नामजद आरोपियों मे 5 गिरफ्तार हो गए है। वीडियो पोस्ट के साथ है। वहीं हमीरपुर केस मे बीजेपी नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा अपने साथियों के साथ दो क्षेत्र के पत्रकारों पर दबंगई की वारदात फिर क्रॉस केस बनाने को कूटरचित एफआईआर लिखवाना यह दर्शाता है कि खाकी का सिस्टम कैसे समाज को अदालती चक्रव्यूह मे उलझाकर न्याय की गरिमा पर कुठाराघात कर रहा है। जिस तरह हमीरपुर के दो पत्रकारों को नग्न कर जलील किया गया है उनके बयान सुनकर लगता है कि एक भीड़ है जो न्यायालय व कानून पर भरोसा न करके खुद ही न्यायदाता बनकर फैसला करने को तत्पर है। खैर उत्तरप्रदेश मे अब ईमानदार पत्रकारिता करना जींवन सुरक्षा को दांव मे लगाने से कमतर रास्ता नही है। शायद इसलिए ही खांटी पत्रकार से मौसमी पत्रकार तक ब्यूरोक्रेसी के इर्दगिर्द खपकर अपनी ऊर्जा आपसी वैमनस्यता मे खर्च कर रहें है। नितांत आवश्यक है कि पत्रकार सुरक्षा कानून दिल्ली के सदन मे पारित हो और सत्ता पर विपक्ष इसके लिए प्रेशर ग्रुप की तरह निगरानी एवं पैरवी करे।
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