कोबरा पोस्ट के संपादक अनिरुद्ध बहल ने क्यों मांगी माफी
दावा था बड़े खुलासे का, पेश की कॉमिक्स
जाने कैसी-कैसी अटकलें चलीं
कोबरापोस्ट की तिकड़म से चकरघिन्नी हुईं खुफिया एजेंसियां, 24 घंटे कई
तरह की अटकलें चलती रहीं
नई दिल्ली।’सर कोई बड़ा खुलासा होने वाला है।’ सोमवार दोपहर गृह मंत्रालय के एक सीनियर अफसर के पास पहुंचे कुछ पत्रकारों ने खबर दी। हाथ में वेब पोर्टल
कोबरापोस्ट का आमंत्रण था। लिखा था, ‘ऑपरेशन-आर:एक साल की मेहनत के बाद सबसे बड़ा खुलासा। सिर्फदेश की सुरक्षा में खामी का पता चलेगा, बल्कि
सुरक्षा एजेंसियों की संवादहीनता भी सामने जाएगी।’
पत्रकार इस खुलासे की थाह लेने आए थे। पर अफसर ही अनजान थे। अफसरों ने तुरंत इंटेलीजेंस ब्यूरो को फोन लगाया। वहां के सीनियर अफसर से पूछा, ‘यह
किस खुलासे की खबर है?’ ‘कोई आइडिया नहीं है, सर। हम पता लगा रहे हैं’, दूसरी तरफ से जवाब मिला।…इसके बाद सिलसिला चल पड़ा। गृह मंत्रालय और
सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियाें के बीच फोन घनघनाते रहे। पोर्टल के संपादक अनिरुद्ध बहल को भी फोन किया। कुछ पता नहीं चला। अौर फिर मंगलवार सुबह
बहल प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रकट हुए। अपनी लिखी कॉमिक्स ‘एडवेंचर्स ऑफ रिया, कोबरापोस्ट अफेयर’ जारी कर दी। इसलिए गंभीरता से लिया…कोबरापोस्टकई बड़े खुलासे कर चुका है। इनमें संसद में सवाल के बदले सांसदों की घूसखोरी का मामला प्रमुख है। इसके बाद 11 सांसद बर्खास्त हुए थे। इसीलिए पोर्टल के दावे को गंभीरता से लिया गया।
…लेकिन तिकड़म भारी पड़ी
कॉमिक्स का प्रमुख किरदार पत्रकार रिया है। उससे जुड़ी कहानियां बहल के अनुभवों पर आधारित हैं। लेकिन जिस तिकड़म से इसे पेश किया गया उसकी मौके
और सोशल मीडिया में चौतरफा आलोचना हुई। इसके बाद बहल को माफी मांगनी पड़ी। {यूपीए शासन में अमेरिकी डेल्टा फोर्स भारत में तैनात थी।
{प्रधानमंत्री कार्यालय तक को इसकी भनक तक नहीं थी। {भारत में आईएसआई, तालिबान के सपोर्ट से काम कर रही थी। {आतंकी समूह राजनयिकों के अपहरण की कोशिश में।
{दिल्ली गोल्फ कोर्स में आतंकी बैठकें और ऑपरेशन की चर्चा।
भास्कर से साभार
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