…तो अब दुष्टता निष्कृष्टता और बेहयाई पर उतर आई हैं तथाकथित पत्रकार ममता त्रिपाठी

एक्स पर वो क्या पोस्ट कर रहीं हैं, लास्ट में उन्होंने आशीष पटेल और अमित शाह को टैग किया है जिससे पता चलता है कि किसके इशारे पर और किसके संरक्षण में ये एकतरफा और निजी टिप्पणियां कर रहीं हैं।

ममता त्रिपाठी ख़ुद को पत्रकार बताती हैं लेकिन वे जिस किस्म की बिलो द बेल्ट टिप्पणियाँ कर रही हैं, उससे शक होता है कि उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई भी की है या नहीं। वे या तो एक आदमी को टारगेट कर उसका विरोध करते करते मानसिक संतुलन खो चुकी हैं या फिर सुपारी पत्रकारिता कर रही हैं, किसी के इशारे पर कुछ भी अनाप शनाप लिख रही हैं।

देखिए एक्स पर वो क्या पोस्ट कर रहीं हैं, लास्ट में उन्होंने आशीष पटेल और अमित शाह को टैग किया है जिससे पता चलता है कि किसके इशारे पर और किसके संरक्षण में ये एकतरफा और निजी टिप्पणियां कर रहीं हैं।

क्या ममता त्रिपाठी एक औरत होकर दूसरों की इस तरह बॉडी शेमिंग करेंगी? ये बहुत गंदा है, बहुत घिनौना है, बहुत बिलो द बेल्ट है। ये पोस्ट पत्रकारिता के छात्रों को पढ़ाया जाना चाहिए कि जीवन में किसी के लिए भी ऐसा नहीं लिखना है, अपने दुश्मन के लिए भी नहीं!

पहले पढ़िए ममता त्रिपाठी (जिन्हें अब पत्रकार कतई नहीं कहा जा सकता) की पोस्ट-

Mamta Tripathi-

आज आपकी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर देखकर काफ़ी चिंता हुई…@ShishirGoUP

आपको सच में एक बेहतर इलाज की ज़रूरत है…डरने की ज़रूरत नहीं है ये महज एक hormonal problem है।

बीमारी के बाद भी इतनी मेहनत ..hats off to you…@myogiadityanath जी आपने कोई पुण्य कार्य किए होंगे जो आपको ऐसा मेहनती अफसर मिला है

“अर्द्धनारीश्वर” भगवान शिव से प्रार्थना है कि आपको स्वस्थ रखें, अगर कोई दिक्कत हो तो crowd funding के लिए अपील करने में पूरी मदद करेंगे हम…

@brajeshpathakup जी अपनी सरकार के अफ़सर की मदद करें @ErAshishSPatel @AmitShah

दुनिया भर में ये एक सामान्य शिष्टाचार है कि किसी के रंग रूप आकार प्रकार नस्ल धर्म जाति बीमारी जेंडर कलर क्षेत्र आदि को लेकर टिप्पणी नहीं की जाती, मजाक नहीं उड़ाया जाता लेकिन ममता त्रिपाठी ख़ुद को वरिष्ठ पत्रकार कहलाने के बावजूद ऐसी ओछी हरकत कर गई हैं। ख़ुद उनकी पोस्ट के कमेंट में लोग उनकी इस छिछोरी हरकत की आलोचना कर आईना दिखा रहे हैं। पढ़िए कुछ टिप्पणियां-

कभी माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव की बेहद करीबी रहीं पत्रकार ममता त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से राहत

ममता त्रिपाठी में अगर थोड़ी भी संवेदना होगी, समझ होगी, सोच होगी तो वे अपनी इस घटिया पोस्ट को न सिर्फ़ डिलीट कर देंगी बल्कि अपनी हरकत के लिए माफ़ी भी माँगेंगी। मतभेद ज़रूरी है। विरोध लोकतंत्र का गहना है। लेकिन इस लेवल पर गिर कर? इस स्तर का लेखन? ये सच में मानसिक विक्षिप्तता है!

ईश्वर ममता पर अपनी ममतामयी नज़र डाले, इनका मन ठीक करे!

गेट वेल सून ममता!

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