कल्पतरु एक्सप्रेस में बदलाव का दौर शुरू

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कल्पतरु एक्सप्रेस में बड़े बदलाव का दौर शुरू हो गया है| अखबार को बचाने और नयी ऊँचाइयों तक पहुंचाने के लिये यथासंभव प्रयास प्रबंधन की ओर से किये जा रहे हैं| इस क्रम में सबसे पहले वरिष्ठ पत्रकार विनोद भारद्वाज को प्रबंध संपादक के रूप में अखबार के साथ जोड़ा गया और फिर तुरंत ही समूह संपादक पंकज सिंह, कार्यकारी संपादक अरुण कुमार त्रिपाठी व स्थानीय संपादक कुमार मुकुल से इस्तीफ़ा माँग उनको किनारे कर दिया गया| स्थानीय संपादक के रूप में सोम साहू को प्रमोट कर दिया गया| इसके बाद अन्य विभागों में भी ‘सफाई अभियान’ शुरू कर दिया गया| ब्यूरो स्तर पर भी आमूलचूल जरुरी बदलाव किये जाने लगे हैं| अखबार की सभी गतिविधियाँ अब केवल सिकंदरा स्थित मुख्य दफ्तर से ही संचालित हो रही हैं| पहले आगरा में ही कुछ किलोमीटर के फासले पर अखबार ने दो ऑफिस बना रखे थे एक सुल्तानगंज की पुलिया पर और एक सिकंदरा में| अब पूरा स्टाफ केवल सिकंदरा दफ्तर में ही रिपोर्ट करता है| इस समय कल्पतरु एक्सप्रेस की नौकरी को सरकारी नौकरी समझने वाले कर्मचारियों में खलबली मची हुयी है| हर विभाग में तैनात कुल कर्मचारियों एवँ उनके कार्यों की समीक्षा की जाने लगी है| ऐसे में कुछ स्वयँ को बदलने का प्रयास कर रहे हैं तो कुछ नए ठौर की तलाश में निकल चुके हैं| कह सकते हैं कि यहाँ कास्ट कटिंग भी की जा रही है लेकिन इसकी जद में अपने काम को पूरी ईमानदारी के साथ पूरा करने वाला कोई कर्मचारी नहीं आ रहा है| इनकी नौकरी और भविष्य दोनों ही सुरक्षित हैं, इसका अहसास इन कर्मचारियों को भी है| कास्ट कटिंग के नाम पर केवल फालतू के खर्चों पर लगाम लगायी जा रही है| अखबार के तेवर और कलेवर दोनों ही बदले हुये नजर आने लगे हैं| ऐसे ही कई सकारात्मक बदलाव इस अखबार में अभी होने बाकी हैं, और इनकी वास्तव में काफी जरुरत भी है| फिलहाल इन बदलावों को लेकर अपने कार्यों को पूरी ईमानदारी के साथ करने वाले कर्मचारी खुश हैं और ये सभी अपने संस्थान को तरक्की के नए आयाम तक पहुँचाने के लिये दृढ़ संकल्पित हैं|

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