आख़िरकार बरखा दत्त ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वह नरेंद्र मोदी से इतनी नफरत क्यों करती हैं

एक साक्षात्कार में बरखा दत्त ने मोदी जी के कामकाज की शैली के बारे में शिकायत की है, जिसे मोदी जी को नफरत करने का उनका एक कारण समझा जा सकता है। जब एक ऐंकर ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी का उल्लेख किया की वे मीडिया के लिए कभी नहीं सुलभ है, कभी भी पहुंच नहीं पा रहे हैं बरखा दत्त ने तुरंत प्रधानमंत्री मोदी जी का नाम ले लिया और कहा कि मोदी जी नमस्ते कहने के इलावा उनके साथ कभी बातचीत नहीं करते हैं। उन्होंने खुले तौर से इस बात को व्यक्त किया कि कांग्रेस शासन के दौरान, हालांकि सोनिया और राहुल गांधी ने कभी मीडिया से बात नहीं की, पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सरकारी सचिवों ने मीडिया को अन्दर के कामकाज की सारी जानकारी दी। उन्होंने ये भी कहा कि देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव ने हमेशा परदे के पीछे से मीडिया के साथ बातचीत जारी रखी है और उन्हें सारी सूचनाएं भी दी हैं।

क्या यह चौंकाने वाला नहीं है कि देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव ने अन्दर के कामकाज की सारी जानकारी दी और प्रेस से बातचीत की?
बरखा दत्त का कहना है कि जब से मोदी सरकार ने कामकाज सम्भाला है तब से सरकार के निर्णय पर जानकारी प्राप्त करना बेहद मुश्किल हो गया है और कोई भी सरकारी अधिकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस के अलावा मीडिया या पत्रकारों से बात नहीं कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा की मोदी अपने अंतरराष्ट्रीय दौरे के दौरान केवल सरकारी अधिकारियों और एमआईबी (MIB) की टीम को ही शामिल करते हैं, वे अपने साथ कोई निजी मीडिया चैनल नहीं लेके जाते है, इसलिए निजी मीडिया को विदेश यात्रा के लिए अपना पैसा खर्च करना पड़ता है।बरखा दत्त खुले तौर पर कहती हैं कि नरेंद्र मोदी मुख्य धारा मीडिया से कतराते हैं और मीडिया को छोड़कर सीधे लोगों से जुड़ना चाहते हैं, वे मुख्य धारा मीडिया पर विश्वास नहीं करते हैं।बरखा दत्त ने झिझकते हुए स्वर में ये भी कहा कि मोदी कभी भी मुख्य धारा मीडिया को प्रोत्साहित नहीं करते और हर किसी को अपना दुश्मन मानते हैं।

मुझे लगता है कि यह सबसे खरा साक्षात्कार है जो बरखा दत्त ने कभी किसी को दिया है। उन्होंने वास्तव में इस विवादास्पद सत्य को प्रकट किया है कि यूपीए सरकार के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव (PS) सहित सभी सरकार के अधिकारियों ने उसे सभी अन्दर के कामकाज की सूचनाएं दीं हैं।

क्या ये नहीं दर्शाता की यूपीए सरकार ने किस स्तर पर काम किया? सारी गोपनीय और महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा मुख्य धारा मीडिया के लिए ! अब मीडिया के वास्तविक दर्द को समझा जा सकता है, क्योंकि अब मीडिया के लिए राष्ट्रवाद विरोधी की अपनी विचारधारा या तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों में उनके राजनीतिक स्वामियों के पक्ष में कार्यवली स्थापित करने की कोई भूमिका नहीं रही

देखिये बरखा दत्त के मुख से कुछ सुनहरे बोल

 

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