उमेश, उमेश कुमार, उमेश शर्मा, उमेश कुमार शर्मा, एस. उमेश, और अब… उमेश कुमार सिंह….
उमेश, उमेश कुमार, उमेश शर्मा, उमेश कुमार शर्मा, एस. उमेश, और अब… उमेश कुमार सिंह…. समाचार प्लस चैनल का पार्टनर और एडिटर इन चीफ उमेश कुमार ने एक बार फिर अपना नाम बदल लिया है. वह अब उमेश कुमार सिंह बन गया है. इसके पहले भी उसने कई दफे अपना नाम बदला. कभी उमेश शर्मा तो कभी उमेश कुमार के नाम से जाना जाता रहा. समाचार प्लस चैनल में काम करने वाली एक लड़की से रेप के आरोप में फंसे उमेश कुमार को लेकर इंडियन एक्सप्रेस ने जो खबर चलाई है उसमें उमेश का नाम ‘उमेश कुमार सिंह’ लिखा हुआ है.
जाहिर है, उमेश ने उस लड़की को अपना नाम यही बताया होगा. इसी वजह से लड़की ने अपनी शिकायत में उमेश का नाम उमेश कुमार सिंह लिखा है. नई दिल्ली जिले के एसीपी बीके सिंह ने भी मीडिया से बातचीत में आरोपी उमेश को उमेश कुमार सिंह कहकर संबोधित किया.
शुरुआत में एक अखबार के स्ट्रिंगर, उसके बाद एक मोबाइल न्यूज एजेंसी के संचालक के तौर पर मीडिया में करियर शुरू करने वाले उमेश कुमार ने एनडी तिवारी के उत्तराखंड के सीएम रहने के दौरान उनके करीबियों से नाता जोड़ा और फिर जमीनों के धंधे में लग गया. इसके बाद उसने स्टिंग, ब्लैकमेलिंग, जमीन कब्जाने का कारोबार शुरू किया. इम काम में नौकरशाही, राजनेताओं और मीडिया का खूब इस्तेमाल करता रहा और समय-समय पर इन सबको ओबलाइज करता रहा.
उत्तराखंड से दिल्ली का रुख करने के बाद वह लगातार अपने संपर्क बढ़ाता गया. रजनीगंधा वालों के सौजन्य से समाचार प्लस चैनल खोलने में कामयाब हुआ. उधर, शीर्ष भाजपा नेताओं का करीबी बनकर उनके इशारे पर उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम हरीश रावत का स्टिंग कर डाला. इस बीच उसने जान के खतरे का हवाला देकर सीआईएसएफ समेत कई राज्यों की पुलिस का सेक्युरिटी कवर लेने में कामयाब हुआ.
करीब इक्कीस सरकारी गनर लेकर घूमने वाला उमेश कुमार आजकल इन गनर्स की आड़ में जमीन कब्जा से लेकर बलात्कार समेत कई कुकृत्य में लिप्त है. उमेश कुमार के चैनल समाचार प्लस के वॉश रूम में एक महिला कर्मी का एमएमएस बनाए जाने का पहले भी एक मामला हो चुका है जिसे चैनल प्रबंधन ने अपने रसूख के बल पर दबवा दिया था. लेकिन उन दिनों कुछ एक अखबारों में इस बाबत खबर छपी थी. आधुनिक मीडिया के संचालकों का यह रूप मीडिया के छात्रों के लिए शोध का विषय जरूर होना चाहिए.