‘मेरी जिंदगी खतरे में, वकीलों से भी बात नहीं करने दी जा रही’ – अर्णब गोस्वामी को तलोजा जेल ले गई महाराष्ट्र पुलिस
‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के संस्थापक और मुख्य संपादक अर्णब गोस्वमी ने अपनी जान को खतरा बताया है। बुधवार (नवंबर 4, 2020) की सुबह उन्हें गिरफ्तार किया गया था। रविवार को अर्णब गोस्वामी को पुलिस द्वारा तलोजा तेल में शिफ्ट किया गया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी इस मामले में सुनवाई की है और अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अर्णब गोस्वामी के प्रशंसकों को उम्मीद है कि अदालत से उन्हें राहत मिलेगी और वो रिहा होंगे।
अर्णब गोस्वामी ने जेल शिफ्ट किए जाते समय पुलिस वैन के भीतर से ही मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें उनके वकीलों से भी बात नहीं करने दी जा रही है। उन्होंने बताया कि उन्हें सुबह के 6 बजे जगा दिया गया और रविवार की सुबह उन्हें धक्का भी दिया गया, उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ। अर्णब गोस्वामी ने महाराष्ट्र की मुंबई पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे उसकी कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगता है।
अर्णब गोस्वामी ने ये भी खुलासा किया कि पुलिस उनसे कह रही है कि वो उन्हें उनके वकीलों से संपर्क ही नहीं करने देगी। उन्होंने कहा, “मेरी ज़िंदगी खतरे में है। मैं भारत की जनता को, पूरे देश की जनता को बताना चाहता हूँ कि मेरी जान खतरे में है।’ अर्णब गोस्वामी इससे पहले अलीबाग क्वारंटाइन सेंटर में जुडिशल कस्टडी में थे। अब सभी की नजरें सोमवार को आने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर टिकी हुई हैं।
"My life is under threat. My life is under threat. Not being allowed to speak to lawyers. They assaulted me this morning. Woke me up at 6am, said I can't speak to my lawyers. Please tell people of India my life is under threat": ARNAB GOSWAMI #LIVE https://t.co/RZHKU3wOei pic.twitter.com/45DZ9KNaUm
— Republic (@republic) November 8, 2020
अर्णब गोस्वामी मीडिया से बात कर ही रहे थे कि पुलिसकर्मियों ने आकर उन्हें रोक दिया और फिर वैन को आगे बढ़ा दिया। कोर्ट को दी गई अर्जी में अर्णब गोस्वामी ने बताया था कि गिरफ्तारी के दौरान और एक पुलिस वैन में अलीबाग में ट्रांसफर होने के दौरान पुलिस ने उन्हें जूते से मारा, पानी तक नहीं पीने दिया। अर्णब ने अपने हाथ में 6 इंच गहरा घाव होने, रीढ़ की हड्डी और नस में चोट होने का दावा भी किया है। उनका कहना है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त जूते पहनने तक का समय नहीं दिया।