सुब्रत रॉय सहारा के निधन पर बोले ब्रजेश मिश्रा, समय से आज तक कोई नहीं जीता

स्वास्थ्य में गिरावट के कारण 12 नवंबर को सुब्रत रॉय को मुंबई के ‘कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट’ में भर्ती कराया गया था।

‘सहारा’ (Sahara) समूह के चेयरमैन सुब्रत रॉय का मंगलवार की रात मुंबई में निधन हो गया है। करीब 75 वर्षीय सुब्रत रॉय लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए अपने विचार व्यक्त किए।

उन्होंने लिखा, ‘सुब्रत रॉय सहारा एक करिश्माई व्यक्ति थे। वो भारत के उद्योग जगत के पहले सुपर स्टार थे। एक दौर था। उनकी शोहरत का सूरज कभी अस्त नही होता था। बड़े बड़े नेता लाइन लगाकर  खड़े रहते थे। बॉलीवुड के सुपर स्टार उनके घर चाय वितरण करते थे।

उद्योग जगत नतमस्तक था सुब्रत रॉय के सामने। पत्रकार उन्हें सहारा प्रणाम करके गौरवान्वित महसूस करते थे। रॉय ने जिस पर भी हाथ रख दिया वो दौलत, शोहरत और ताकत की बुलंदी पर होता था। चिट फंड से लेकर एयरलाइंस तक सब धंधा किया। उनके बेटों की शादी हुई थी लखनऊ से। भारत के प्रधानमंत्री, दर्जन भर से अधिक केंद्रीय मंत्री, कितने मुख्यमंत्री, राज्यपाल और पूरा उद्योग जगत रॉय के बुलावे पर आया था। क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी मेहमानो को खाना परोसते थे। वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सभी सदस्यों को अम्बे वैली को घर गिफ्ट में दिए।

बड़े क्रिकेटर उनके बच्चों की शादी हो या घरेलू आयोजन बिना सहारा श्री के पूरा नहीं होता था। सुपर स्टार महोदय तो खाना परोसते थे। बेहिसाब दौलत और बेशुमार ताकत। तब सिर्फ नाम ही काफी था। सुब्रत रॉय। लेकिन एक राजनीतिक भूल ने सुब्रत रॉय के एंपायर को लगभग धूल में मिला दिया। उनके आलोचक भी बहुत हैं जो आज भी इलजाम लगाते हैं। लेकिन वक्त बदला तो जो ताकतवर लोग रॉय के घर झाड़ू पोछा करके भी गौरव की अनुभूति करते थे उन्होंने भी पीठ दिखा दी। सुब्रत रॉय का साथ उन सबने छोड़ दिया जिन पर उन्हें बहुत भरोसा था।

वो घिरते गए। जेल गए। साम्राज्य सिकुड़ता गया। कैसे तैसे जेल से निकले। कभी शान ओ शौकत का एंपायर उनके ही सामने खंडहर हो गया। किसी ने उनका साथ नहीं दिया। आज भी सेबी के पास सहारा का 25 हजार करोड़ है। लेकिन सहारा ग्रुप का पतन हो गया। वो जितने बड़े शो मैन थे आज उतनी ही खामोशी से चले गए। सर, इसीलिए कहता हूं समय से न लड़ो। आज तक कोई जीत नही पाया। जीत भी नही सकता।’

Loading...
loading...

Related Articles

Back to top button