आज तक के लाइव शो में एंकर अंजना ओम कशियप का दिखा जंगलीपन भरा अहंकार !

aaj-tak

एंकरों को इतना गुस्सा कियों आता है ? प्रोफेशन का अहंकार; काम के बोझ का मसितष्क पर पड़ता दबाव या फिर पर्दे के पीछे हुई कोई डील की मजबूरी ! आज तक के लाइव शो में एंकर अंजना ओम कशियप के जंगलीपन भरे अहंकार से आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और जाने माने खोजी पत्रकार आशीष खेतान से की गई बदतमीज़ी ने तो इस पेचीदे सवाल को और भी उलझा दिया है ? कारण चाहे कुछ भी हो लेकिन इतनी वफ़ादारी दिखाने के बाद भी आख़िर मालिक ने फिर भी कहा “बाज़ारू” ही ! बाज़ारू किया ? सर्वेक्षण या फिर ऐसे पत्रकार या कॉर्पोरेट टीवी मालिक जो अपने ज़मीर की हर रोज़ एक नई बोली लगाते हैं ? कहते हैं कोई किसी को गलीज़ गाली देने की हिम्मत तभी जुटाता है जब सामने वाले का ज़मीर बहुत ही गिरा हुआ हो या फिर उसके फेंके हुए टुकड़े पर तलवे चाटने में गुरेज़ ना करता हो ! एक चैनल है जिसमें सुना है मायावती के भाई का बेनामी पैसा लगा है उसके एंकर को भी आजकल उत्तर प्रदेश की सरकार के मुखिया अखिलेश यादव पर खूब गुस्सा आता है ! एक चैनल राष्ट्रवादी एबीवीपी वाले शर्मा जी का है उसके पॉवरफुल हेवी वेट एंकर महाराज किसी ख़ास की एक मुस्कराहट पाने की ख़ुशी में ही अपना चैनल चलाते है ! बहुत ही बड़े ज्ञानि है ! किस किस की बात करें !
एक जनाब १०० करोड़ की ब्लेक मेलिंग के आरोप में कई महीने जेल काट कर आये हैं लेकिन दूसरों के भ्र्ष्टाचार को उजागर करते है ! पता नही चैनलों के नाम आईबीएन -७; इंडिया न्यूज़; इंडिया टीवी; न्यूज़ नेशन; आज तक; ज़ी न्यूज़ वगैरह कियों रखते हैं ! अच्छा हो पार्टी के नाम से अपनी आइडेंटिटी खोलकर रखे तो कितना अच्छा हो ! या फिर जिसका नमक खाया हो उसका स्ट्रिंग भी साथ में चला दें ! जनता को भी आसानी रहेगी अपनी पसंद वाले एंकर को सुनेगा ! अपने पसंद वाले चैनल को ही देखेगा ! फिर कोई दलाल या फिर बाज़ारू भी कहने की हिम्मत नही करेगा ! अंजना ओम कशियप तुम अपनी जगह बिलकुल ठीक हो ! नमक का हक़ अदा करना कोई तुमसे सीखे ! तुम्हारी हैसियत या औक़ात तो बहुत ही बड़ी है ! लेकिन इस गंदगी के “हम्माम” में कुछ तो तुमसे भी बड़े औक़ात वाले है ! अंजना जी अच्छा हुआ यह आशीष खेतान था बेचारा बर्दाश्त कर गया ! एक छोटी-मोटी फ़िल्मी अदाकारा “डोली बिंद्रा और राखी सावंत ” और एक महिला जो कभी दिल्ली भाजपा महिला विंग की एक पुरानी नेता “टीना शर्मा” जी भी हैं ! उनसे “औक़ात पूछने-अहंकार दिखाने ” और “इतनी बदतमीज़ी” करने की गलती मत कर बैठना ! यक़ीनन तुमसे भी बड़ी “औक़ात” वाली और “आत्म-स्वभवमानी” महिलाएं हैं यह ! लाइव शो में पब्लिक डिबेट के साथ-साथ जनता को कहीं “सन्नाटे को चीरती सनसनी” दिखाई ना दे जाये ! और तुम भी किरण बेदी जी की तरह कहती दिखाई दो कि जनता के प्यार ने “मुझे इमोशनल” कर दिया था !

 

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