छलका पुण्य प्रसून बाजपेयी का दर्द, बाबा पर साधा निशाना

जाने-माने पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ‘आजतक’ छोड़कर ‘एबीपी न्यूज़’ का हिस्सा बन गए हैं। मीडिया गलियारे में इस तरह की खूब चर्चा है कि बाजपेयी को बाबा रामदेव से तीखे सवाल पूछने के चलते इस तरह के अप्रत्याशित कदम उठाने पड़े । बाजपेयी शब्दबाणों से दूसरे को घायल करने वाले पत्रकारों में शुमार हैं। वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जो ज्यादा देर तक डिफेंसिव नहीं खेल सकते। ‘आजतक’ से विदाई लेकर बाजपेयी थोड़े आहत दिखाई पड़ रहे है और यह स्वाभाविक भी है।

हाल ही में दिग्गज पत्रकार स्व. आलोक तोमर की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में उनका दर्द छलक ही आया। इस मौके पर बोलते हुए पुण्य प्रसून बाजपेयी ने कहा  कि मीडिया पर सरकारों का दबाव पहले भी रहा है लेकिन पहले एडवाइजरी आया करती थी कि इस खबर को न दिखाया जाए या इस दंगे से तनाव फैल सकता है। अब सीधे पीएमओ से फोन आता है।

उन्होंने कहा कि खुद उनके पास प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आते हैं और अधिकारी बाकायदा पूछते हैं कि अमुक खबर कहां से आई?  ये अफसर धड़ल्ले से सूचनाओं और आंकड़ों का स्रोत पूछते हैं। प्रसून ने कहा कि अक्सर सरकार की वेबसाइट पर आंकड़े होते हैं लेकिन सरकार को ही नहीं पता होता।

उन्होंने कहा कि राजनैतिक पार्टियों के काले धंधे में बाबा लोग भी शामिल हैं। बाबा टैक्सफ्री चंदा लेकर नेताओं को पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही वो इसका खुलासा स्क्रीन पर करेंगे। प्रसून ने कहा कि जब तक संपादक के नाम से चैनलों को लायसेंस नहीं मिलेंगे, जब तक पत्रकार को अखबार का मालिक बनाने की अनिवार्यता नहीं होगी, तबतक कॉर्पोरेट दबाव बना रहेगा। 

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