गुलदस्ता छाप पत्रकार और महिलाओ की टोली को किस आधार पर दिया जाता है विधान सभा में प्रवेश

उत्तर प्रदेश की विधानसभा और लोकभवन की सुरक्षा में लग सकती है सेंध

 

वी. के. शुक्ल के facebook wall से 

उत्तर प्रदेश के विधानसभा प्रेस रूम में जिस तरह आए दिन जन्मदिन के उपलक्ष में दावतों का आयोजन होता है और राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकारों के अतिरिक्त अन्य लोगों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तैरती नजर आती है उसको देखकर लगता है कि दिल्ली के संसद भवन की तरह किसी दिन उत्तर प्रदेश के विधान भवन के अंदर कोई बड़ा हादसा ना घटित हो जाए।

विधानसभा प्रेस रूम पत्रकारों के बैठने के लिए और पत्रकारिता के कार्य हेतु बनाया गया है लेकिन सोशल मीडिया पर तैरती तस्वीर इस बात का प्रमाण है कि विधानसभा का प्रयोग तस्वीरबाज़ी करके सोशल मीडिया पर केवल प्रचार किया जाता है।

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गुलदस्ता छाप पत्रकार और तस्वीर के शौकीन लोगों का आवागमन जिस सरलता और सुगमता से अति संवेदनशील और सुरक्षित भवन में हो रहा है किसी दिन कोई अप्रिय घटना का समाचार दिखाई दे सकता है। जो महिलाएं विधानसभा में दिखाई दे रही है इनमें से कुछ के खिलाफ आपराधिक मामले के मुक़दमे भी दर्ज है लेकिन सोशल मीडिया पर आये दिन तस्वीर दर्शाती है कि विधानसभा के अंदर बिना रोक टोक इनको आने जाने की सुविधा उपलब्ध है जो जाँच का विषय है।

आपसे अनुरोध है कि पूर्व में भी सोशल मीडिया पर आये दिन जन्मोत्सव के नाम पर विधान सभा प्रेस रूम का मख़ौल उड़ाती वायरल हो रही तस्वीरों का संज्ञान लेकर विधान सभा प्रेस रूम की गरिमा और स्वावलंबी पत्रकारो की निष्ठा और इज़्ज़त बनाये रखने के लिए मुछंदर, कलंदर, मियां हसन और कुरेशी बन्धुओं की सज रही दुकान पर रोकथाम लगाने हेतु उचित आदेश पारित करने हेतु निवेदन किया गया था परन्तु कार्यवाही न किये जाने से नजम हसन द्वारा आये दिन विधानसभा में जिस सुगमता से प्रवेश किया जाता है ये गंभीर जांच का विषय है।

 

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