प्रिंट मीडिया
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पत्रकारिता के अंतिम पैगंबर रवीश जी के अंतरात्मा की आवाज: सुप्रीम कोर्ट बेवफा है!
रवीश जी को कौन नहीं जानता! पत्रकारिता की जगत का चमचमाता सितारा हैं, या कहिए कि सूर्य हैं। आप उन्हीं…
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वो 8 मीडिया पोर्टल्स जिन्होंने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट को ही घेरा, हिन्दू देवताओं का उड़ाया मजाक
राम मंदिर पर फ़ैसला आने के बाद मीडिया की क्या प्रतिक्रिया रही? सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद जहाँ…
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पत्रकारों पर फर्जी मुकदमें व उनकी गंभीर समस्याओं को लेकर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मिला राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति
◆ पत्रकारों की गंभीर समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल…
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मीडिया को सत्ता का गुंडा बताने वाले रवीश के 4P- प्रपंच, पाखंड, प्रोपेगेंडा, प्रलाप
“काहे री नलिनी तू कुम्हिलानी, तेरी नाल सरोवर पानी। जल में उतपति जल में बास, जल में नलिनी तोर निवास।”…
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संजय जी…. लापरवाह तंत्र का ही नतीजा है हरदोई का मिड-डे मील का लोटा, कटोरा घोटाला
एच . बी . शर्मा समय बदल रहा है… साथ-साथ पत्रकारिता के मानक भी बदल रहेहैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था के इस…
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इन तथाकथित कलाकारों-बुद्धिजीवियों की पत्र-हरकत के पीछे कौन सी शक्तियां काम कर रही हैं?
प्रभात रंजन दीन कुछ लोगों ने गिरोह बना कर प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखी है। शैतानों का गिरोह बहुत जल्दी…
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भड़ास4मीडिया के सर्वर को गलगोटिया विश्वविद्यालय के मालिकान ने कराया बंद, खुद भड़ास4मीडिया के संपादक/मालिक यशवंत ने दी जानकारी
वो लोग फिलहाल जीत गए लगते हैं। भड़ास बन्द करा दिया है। गलगोटिया वालों! ये धन के बल पर हासिल…
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‘1984 का सिख दंगा RSS का रचा हुआ’ – The Caravan के संपादक का झूठ और लंदन में छीछालेदर
भारत की स्वघोषित “सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक-राजनीतिक पत्रिका” कारवाँ के सम्पादक विनोद के. होज़े को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना…
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‘द वायर’ वालो, ‘मोदी-विरोधी’ होने से गबन और क़त्ल करने का लाइसेंस नहीं मिलता
मृणाल प्रेम द वायर वालों को विचारों की कितनी कमी पड़ रही है, यह उनके लेखों को देखकर साफ हो…
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चुनाव हों या न हों, अगले दस-बीस साल हम ही को रहना है और हम मुखौटों में नहीं असली मुखड़ों में दिखेंगे
मुकेश कुमार एक ऐंकर स्टूडियो में ज़ोर-ज़ोर से चीखते हुए ऐसे दौड़ रहा था जैसे विजय-जुलूस का नेतृत्व कर रहा…
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