निष्पक्ष दिव्य संदेश और तिजारत की संपादिका रेखा गौतम एवं अन्य के विरुद्ध थाना वजीरगंज में संगीन धाराओं मुकदमा दर्ज

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर सिंह द्वारा दागी पत्रकारो के खिलाफ शुरू की गई मुहीम का नतीजा है कि मुकदमों में नामित पत्रकारों, संपादकों की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी है जबकि कानूनी विशेषज्ञों की बात माने तो मात्र किसी मुकदमे में नामित होने से किसी भी व्यक्ति को अपराधी मान लिया जाना उचित नहीं है और न ही पत्रकारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होने पर उनकी मान्यता समाप्त किए जाने का निर्णय को सही ठहराया जा सकता है, लेकिन पत्रकारों के तमाम संगठन की खामोशी के बीच सूचना निदेशक द्वारा जारी तानाशाही के चलते अनेक वरिष्ठ पत्रकारों की मान्यता अधर में लटकी है।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर सिंह द्वारा दागी पत्रकारो के खिलाफ शुरू की गई मुहीम का नतीजा है कि मुकदमों में नामित पत्रकारों, संपादकों की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी है जबकि कानूनी विशेषज्ञों की बात माने तो मात्र किसी मुकदमे में नामित होने से किसी भी व्यक्ति को अपराधी मान लिया जाना उचित नहीं है और न ही पत्रकारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होने पर उनकी मान्यता समाप्त किए जाने का निर्णय को सही ठहराया जा सकता है, लेकिन पत्रकारों के तमाम संगठन की खामोशी के बीच सूचना निदेशक द्वारा जारी तानाशाही के चलते अनेक वरिष्ठ पत्रकारों की मान्यता अधर में लटकी है।

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ताज़ा घटना लखनऊ से प्रकाशित होने वाले हिंदी दैनिक समाचार पत्र निष्पक्ष दिव्य संदेश और तिजारत के संपादिका से संबंधित है जिनकी प्रति दिन 68000 प्रतियां प्रकाशित की जाती हैं एवं साप्ताहिक समाचार पत्र के रूप में 30000 प्रतियों का प्रकाशन होता है जिसके माध्यम से प्रदेश सरकार की नीतियों को धरातल पर समाज के सामने प्रस्तुत किया जाता है। ऐसे समाचार पत्र की संपादिका रेखा गौतम एवं अन्य के विरुद्ध थाना वजीरगंज में संगीन धाराओं 419, 420, 467, 468, 471, 120B में दिनांक 24.7.2023 को मुकदमा दर्ज किए जाने की घटना मामूली नहीं हो सकती, कहीं ना कहीं इस पूरे प्रकरण के पीछे कोई बड़ी साजिश दिखाई देती है क्योंकि मात्र थोड़े समय में ही हिंदी समाचार पत्र दिव्य संदेश और तिजारत द्वारा लगभग 68000 प्रतियों का प्रतिदिन प्रकाशित किया जाना अपने आप में एक बड़ा कीर्तिमान है। समाचार पत्र द्वारा जिस तरह कामयाबी दर्ज की गई है उसको देखकर लगता है की आने वाले वक्त में वर्षो पुराने प्रतिष्ठित अखबार को पीछे छोड़ देगा और कहीं ना कहीं संभवतः द्वेषवश थाना वजीरगंज में मुकदमा दर्ज कराया गया है क्योंकि 2022 में एक वरिष्ठ पत्रकार द्वारा थाना हजरतगंज में अनेक धाराओं में समाचार पत्र के संपादक एवं अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था परंतु मुकदमा दर्ज किया जाने के कुछ दिनों उपरांत, दिनांक 3.8. 2022 को मुकदमा अपराध संख्या 0277 के माध्यम से राजेंद्र गौतम द्वारा उक्त वरिष्ठ पत्रकार, उनकी पत्नी एवं बेटे के ऊपर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 की उचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया गया जिसको देखने के उपरांत ऐसा प्रतीत होता है कि गौतम परिवार से कुछ बड़े टाइप के लोग जातिसूचक मानसिकता के शिकार है लेकिन उक्त मामले में ऐसा समाचार प्राप्त हुआ कि दोनों पक्षों में समझौता होने के उपरांत वाद विवाद समाप्त हो गया, समझौता तो हो गया होगा लेकिन कहीं ना कहीं यह बात निकल कर आती है कुछ लोग गौतम परिवार द्वारा की गई प्रगति और उन्नति को पचा नहीं पा रहे हैं जो थाना हज़रतगंज में मक़दमा दर्ज कराने हेतु दिए गए प्रार्थना पत्र से प्रमाणीत दिखता है जिसमे राजेन्द्र गौतम द्वारा लिखा गया है कि जाति सूचक, गाली-गलौज, मारपीट, बर्बाद करने और हत्या कर देने की धमकी निरंतर दी जा रही है। उक्त मुकदमे में समझौता तो हो गया है लेकिन प्रार्थना पत्र में तथ्यों का लिखा जाना झूठ नही हो सकता जो इस बात की तरफ स्पष्ट अंदेशा है कि एक बड़ी साजिश के तहत संभवत थाना वजीरगंज में मुकदमा दर्ज कराया गया हों क्योंकि जिस करोड़ों रुपए की जमीन की बात मुकदमे में की जा रही है उससे संबंधित अनेक साक्ष्य गौतम परिवार के पास मौजूद हैं ।
ग्राम धावा देवा रोड चिनहट लखनऊ स्टेट गाटा संख्या 392 के संबंध में स्वयं राजेंद्र गौतम द्वारा जिलाधिकारी लखनऊ को दिनांक 29 सितंबर 2023 को खाताधारक के रिकॉर्ड के संबंध में जानकारी एवं जांच कराने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है वही उपरोक्त मुकदमे के सिलसिले में रेखा गौतम द्वारा स्पष्ट रूप से बताया गया है की प्लॉट पर उनका कब्जा है एवं रजिस्ट्री और बिजली बिल की छाया प्रति साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की गई है और वादी मुकदमा द्वारा लगाए गए समस्त आरोपों को निराधार बताया है और विवेचना के निस्तारण किए जाने की अपील की गई है ।
करोड़ों रुपए की कीमती जमीन को लेकर विवाद गहरा होता जा रहा है और उच्च सूत्रों से प्राप्त खबरों के अनुसार कहीं ना कहीं समाचार पत्र की लोकप्रियता और प्रसिद्धि को देखकर यह पूरा मामला किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रहा है क्योंकि जिस मेहनत और तपस्या से गौतम परिवार द्वारा आज उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता या समाचार जगत में लोकप्रियता बनाई है और लगभग 68000 समाचार पत्रों की प्रतियां प्रतिदिन एवं 30000 प्रतियां साप्ताहिक लखनऊ एवं आसपास के जनपदों में प्रसारित की जा रही है उससे कहीं ना कहीं न सिर्फ बड़े समाचार पत्र बल्कि अन्य बड़े पत्रकारों का जलना स्वाभाविक है।

FIR की कापी…………..

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