हम खबरों को सनसनीखेज बनाने में विश्वास नहीं रखते: कली पुरी

दो दिवसीय कॉन्क्लेव के आखिरी दिन ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और एग्जिक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ कली पुरी ने कहा, 'आज सोशल मीडिया की लोकप्रियता और उसकी ताकत को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता।'

Kalli Purieराजधानी दिल्ली में पिछले दिनों ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ 2024 का आयोजन किया गया। 15 मार्च से शुरू हुए इस दो दिवसीय आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और  नारायण मूर्ति समेत कई दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं और अपनी बात रखी।

इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर अरुण पुरी का कहना था, ‘इंडिया मोमेंट’ का लगातार विस्तार हुआ है और इसका दायरा लगातार बढ़ा है। उन्होंने कहा, मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि ‘इंडिया मोमेंट’ का लगातार विस्तार हुआ है और इसका दायरा लगातार बढ़ा है लेकिन थोड़ा महत्वाकांक्षी होकर इसे ‘इंडिया मूवमेंट’ कहें।‘

वहीं, कॉन्क्लेव के आखिरी दिन ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और एग्जिक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ कली पुरी ने सभी मेहमानों का आभार जताया। अपने संबोधन में कली पुरी का कहना था, ‘मैं किसी मीडिया ऑर्गेनाइजेशन की अगुवाई करने के इससे बेहतरीन और चुनौतीपूर्ण समय की कल्पना नहीं कर सकती।’ उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया की लोकप्रियता और उसकी ताकत को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता।

कली पुरी का कहना था, ‘इस समय दो ऐसे बड़े ट्रेंड देखने को मिल रहे हैं, जो एक-दूसरे के खिलाफ हैं। पहला, सोशल मीडिया ने लोगों को सशक्त किया है, जिससे अभिव्यक्ति की आजादी मजबूत हुई है। इससे देश के एक ऐसे बड़े वर्ग को ताकत भी मिली है, जिसे पहले नजरअंदाज कर दिया जाता था या फिर अनसुना कर दिया जाता था। इसके अलावा दूसरा बड़ा ट्रेंड ये है कि सोशल मीडिया पावरफुल तो है, लेकिन टाइम स्पैंड को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आपके पास कहने को बहुत कुछ है लेकिन कोई सुनना नहीं चाहता। इसलिए हर बार किसी न किसी को लगता है कि उसकी बात सुनी नहीं जा रही।’

इसके साथ ही कली पुरी का कहना था, ‘मीडिया विपक्ष की भूमिका नहीं निभा सकता, ऐसा नहीं करने पर उस पर गोदी या मोदी मीडिया के गलत आरोप लगते हैं। अगर विपक्ष बिखरा हुआ है तो इसके लिए मीडिया को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।  हम इसी तरह विपक्ष के उस दूसरे पक्ष को पेश नहीं कर सकते, जो है ही नहीं। हम इस बॉक्सिंग मैच में एक ऑब्जर्वर के तौर पर हैं, हम प्लेयर्स नहीं हैं। अगर एक पक्ष कमजोर है या कमजोर दिखाई दे रहा है, तो हम उसे ताकतवर नहीं दिखा सकते। ये डर नहीं है। ये नियमों, भूमिकाओं और क्षमताओं का मामला है। हम सिर्फ मीडियम (माध्यम) हैं, हम मैसेज नहीं हैं।’

उनका कहना था, ‘मुझे लगता है सच किसी एक तरफ नहीं बल्कि कहीं बीच में होता है। न्यू मीडिया की भूमिका इन दूरियों को कम करने की है। उसकी जिम्मेदारी लेफ्ट और राइट दोनों तरफ की दूरियों को कम करने की है। हम खबरों को सनसनीखेज बनाने में विश्वास नहीं रखते।

कली पुरी ने कहा, ‘ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हमें नए-नए तरीके अख्तियार कर इन दूरियों और असहमतियों की दीवार को तोड़ने का काम करना होगा। आपने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के बीते दो दिनों में कई सत्र सुने और समझा कि हम सवाल पूछने से नहीं कतराते। मीडिया के तौर पर हमारा काम आपको खबरों तक पहुंचाना है, देश में जल्द ही लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में सोच-समझकर अपना लीडर और कॉन्क्लेव की भीड़ में सोच-समझकर अपना कॉन्क्लेव चुनें।’

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