जनसंदेश, इलाहाबाद पर लगा ताला, आशीष बागची को वाराणसी बुलाया
सभी कर्मचारियों को आफिसियल नोटिस, 15 तक खोज लें नौकरी
गोरखपुर को भी बंद करने की तैयारी, वाराणसी में छपेगा सिर्फ फाइल कापी
आखिरकार शिवकन्या के चुनाव हारने के बाद जनसंदेश अखबार की सांसें भी थमने लगी हैं। खबर है कि प्रबंधन ने इलाहाबाद आफिस में तालाबंदी कर दी है। कुछ ही दिनों पहले वाराणसी से इलाहाबाद भेजे गए स्थानीय संपादक आशीष बागची को पुनः वाराणसी बुला लिया गया है और सभी कर्मचारियों को आधिकारिक नोटिस दे दिया गया है कि आप लोग 15 तक अन्य जगह नौकरी ढूंढ लें। इससे तो अब साफ हो गया है कि जनसंदेश प्रबंधन धीरे धीरे अखबार को बंद करने लगे लगा है। बताया जा रहा है कि अखबार वाराणसी से केवल 1000 कापी छपा करेगा। गोरखपुर को भी पूरी तरह बंद करने की तैयारी है। वाराणसी में अगले हफ्ते सभी को नोटिस दिया जाएगा। कम के कम कर्मचारियों से हजार कापी निकालकर अखबार को जिंदा रखने की तैयारी है।
आपको बता दें कि जनसंदेश को बाबू लाल कुशवाहा के काल में निकाला गया था। पर एनआरएचएम घोटाले में उनकी गिरफ्तारी ने अखबार को बंदी के कगार पर ला दिया। अखबार को कुछ दिनों तक कुछ बिल्डर टाइप लोग निकालते रहे पर वे भी अब इसे जिंदा रखने में अपना फायदा नहीं देख रहे हैं जिससे उन्होंने इसमें फाइनेंस करने से मना कर दिया। चुनाव के दौरान ही अजय राय के पक्ष में एक पक्षीय रिपोर्टिंग भी अखबार को बंद होने में महती भूमिका निभाई।