‘ZEE’ में ‘उथल-पुथल’ का दौर, अपने कई एंप्लॉयीज को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी में

विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो यहां 20 प्रतिशत वर्कफोर्स कम करने की तैयारी है। इसी कड़ी में कई एंप्लॉयीज को घर जाने के लिए बोल भी दिया गया है।

दुनियाभर की तमाम कंपनियों में हो रही छंटनी की खबरों के बीच अब कुछ इसी तरह की खबर ‘जी मीडिया’ (Zee Media) से निकलकर सामने आ रही है। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, ‘जी मीडिया’ अपने ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करने जा रही है। इसके तहत तमाम कदम उठाए जा रहे हैं।

इसी दिशा में एक और कदम उठाते हुए कंपनी कॉस्ट कटिंग के तहत अपने कई एंप्लॉयीज को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी में है। सूत्रों की मानें तो यहां 20 प्रतिशत वर्कफोर्स कम करने की तैयारी है। इसी कड़ी में कई एंप्लॉयीज को घर जाने के लिए बोल भी दिया गया है।

जिन लोगों को कंपनी से जाने के लिए बोला गया है, उनमें ‘जी न्यूज’ से पूजा मक्कड़, अमित भारद्वाज और ब्रह्मप्रकाश दुबे समेत रिपोर्टिंग से करीब सात नाम शामिल हैं। पूजा मक्कड़ की बात करें तो वह यहां 15 साल से ज्यादा समय से जुड़ी हुई थीं। उन्होंने वर्ष 2008 में यहां बतौर रिपोर्टर जॉइन किया था। इसके बाद उन्हें प्रमोशन देकर दिल्ली ब्यूरो में भेजा गया था। यहां वह शुरू से हेल्थ बीट पर काम करती रही हैं। इसके अलावा वह पॉलिटिकल ब्यूरो में भी अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।

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वहीं, अमित भारद्वाज यहां चीफ स्पेशल करेसपॉन्डेंट के पद पर कार्यरत थे और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन देखते थे। उन्हें मंगलवार को ही एचआर ने बुलाकर जाने को कह दिया है। ब्रह्मप्रकाश दुबे भी यहां लंबे समय से जुड़े हुए थे और रिपोर्टिंग में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

इसके अलावा डेस्क से नीरज पांडेय का नाम भी इस लिस्ट में शामिल बताया जा रहा है। वहीं, ब्यूरो से भी कुछ लोगों को हटाए जाने की खबर है। फिलहाल उनके नाम-पदनाम का पता नहीं चल सका है।

बताया जाता है कि इस छंटनी से सबसे ज्यादा आउटपुट की टीमें प्रभावित हुई हैं। यही नहीं, जी मीडिया के अंग्रेजी चैनल ‘विऑन’ (WION) में भी छंटनी की खबरें हैं। डिजिटल की टीम को इस छंटनी से फिलहाल दूर रखा गया है और वहां अभी तक किसी को पिंक स्लिप नहीं दिए जाने की सूचना है।

हालांकि, इस तरह की खबरों के बारे में संस्थान का कोई भी एंप्लॉयी खुलकर कुछ भी कहने के लिए तैयार नहीं है। आखिर इस तरह की खबरों में कितनी सच्चाई है और कितने एंप्लॉयीज को संस्थान द्वारा बाहर का रास्ता दिखाया गया है अथवा दिखाया जाना है, इस बारे में bhadas4journalist ने ‘जी’ के प्रबंधन को मेल भेजकर उनका पक्ष जानना चाहा, लेकिन खबर लिखे जाने तक वहां से कोई जवाब नहीं मिला था।

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