पत्रकार भूखे मर रहे हैं और उनके नेता शादी की सालगिरह पर आलीशान जश्न मना रहे हैं
जीवन के कुछ पल ऐसे होते हैं हमेशा के लिए यादगार बन जाते हैं। लखनऊ के इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में पत्रकारों के नेता हेमन्त तिवारी ने अपनी शादी की 25वीं सालगिरह धूमधाम से मनायी। प्रदेश के कई आलाधिकारियों और मंत्रियो ने पहुंचकर उनको मुबारकबाद दी और गिफ्ट भी दिया, जैसा फेसबुक पर अपलोड की गई फोटुओं में नजर आ रहा है। पत्रकार की तरक्की देखकर खुशी हुई। वहीं कुछ दल्ले पत्रकारों की मौजूदगी भी दूध में मेगनी की तरह नजर आई।
इसी बीच फेसबुक पर 10 जुलाई की शाम को हेमन्त तिवारी जी के फोटो पर वरिष्ठ पत्रकार रिजवान मुस्तफा का कमेन्ट ‘पत्रकार भूखे मर रहे हैं और पत्रकारों के नेता शादी की 25वीं सालगिरह पर आलीशान जश्न मना रहे हैंं… खुदा ख़ैर करे’ देखा तो ताज्जुब हुआ। कई बार पढ़ा, पढ़-पढ़ कर खुशी हुई कि कोई तो बोला। इसी दौरान हर फोटो पर लगा यह कमेन्ट डिलीट होने लगा। मुझे लगा, नेताजी को शायद कमेंट बुरा लग गया। और थोड़ी देर बाद रिजवान मुस्तफा उनकी फ्रेन्ड्स लिस्ट से डिलीट हो चुके थे।
लेकिन मैं सोचता रहा, क्या सही लिखने वालों का कत्ल ऐसे ही होता रहेगा। उनकी खरी बातों को ऐसे ही डिलीट किया जाता रहेगा। और अफसोस इस बात का है कि हेमन्त तिवारी जी जो पत्रकारों के नेता हैं वो ऐसा कर रहे हैं। रिजवान मुस्तफा जी का आखरी जुमला ‘खुदा खैर करे’ मेरे जेहन में गूंज रहा है। ईमानदार पत्रकारों तुम भूखे रहोगे, दल्ले बनोगे तो ऐश करोगे। ईमानदार रहोगे तो ना घर के रहोगे न घाट के।
हेमंत जी की शादी की 25वीं साल गिरह के जश्न-जमावड़े ने बहुत कुछ सोचने को मजबूर कर दिया। क्या अफसर, क्या नेता, क्या छोटा, क्या बड़ा… सभी हाजिर। हेमंत जी की शादी की इस 25वीं सालगिरह पर कई किस्म का पैगाम मिला है। जितना खर्च हुआ होगा उतनी रकम तो लोग शादी में खर्च नहीं कर पाते होंगे। हेमंत तिवारी जी अभी तक सालगिरह पर आए बड़े बड़े लोगों के फोटो फेसबुक पर अपलोड करने में लगे हैं। पत्रकारों के नेताजी… आपकी जय हो !!