यूपी के दंगे, अखिलेश और मेहमाननवाजी

तो मोहर्रम अली था सहारनपुर का मास्टरमाइंड 
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श्यामल कुमार त्रिपाठी 
लखनऊ। यूपी सरकार औ दंगा, ये दोनों ही अब एक सिक्के के दो पहलू बन गए हैं। लेकिन इन दो साल में घटित दंगों में मुजफ्फरनगर का साम्प्रदायिक दंगा सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। उस समय भी इस दंगे के मास्टरमाइंड मुस्लिम नेताओं को अखिलेश सरकार ने हेलिकाप्टर से बुलाकर अपने यहां सम्मानित किया था और माननीय नेताजी ने उनसे विनती की थी कि चुनाव आ रहा है कृपया आप लोग किसी भी तरह का कोई बवाल न करिएगा। बावजूद इसके मुजफ्फरनगर का दंगा अपने चरम पर रहा। यह बात मीडिया की सुर्खियों में रहा तो जनता को कचोटता भी रहा। जहां सपा सरकार हर दंगे के लिए भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहरा रही है वहीं इस बात का उसके पास जवाब नहीं कि इन हर दंगों के मास्टर माइंड युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मेहमान कैसे बन जाते हैं। मजेदार बात यह भी है कि इनकी मेहमानी दंगे के पहले भी होती है। मेहमान बनने के बाद साम्प्रदायिक दंगे शुरू हो जाते हैं। ताजा मामला सहारनपुर का है। सहारनपुर में भी साम्प्रदायिक दंगे हुए। सुबह चार बजे से एक समुदाय के लोग दूसरे समुदाय पर तमाम तरह के हमले किए। दुकानों को आग लगाया और जमकर लूटपाट भी की। पुलिस व्यवस्था मूक बनी रही। जब इनके जुल्म का जवाब देने के लिए दूसरी कौम जगी तो तुरंत पुलिस हरकत में आई, लाठीचार्ज हुए और कफ्र्यू भी लगा दिया गया। सहारनपुर दंगे का मास्टरमाइंड मुहर्रम अली उर्फ पप्पू रहा। जो कुछ दिन पहले ही हमारे माननीय मुख्यमंत्री का मेहमान भी था। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। जहां भी दंगे हो रहे हैं। उनके मास्टरमाइंड अखिलेश के या अखिलेश सरकार के मेहमान कैसे बन जाते हैं। और अगर ये मेहमान ही मास्टरमाइंड हैं तो फिर सपा किस लिहाज से भारतीय जनता पार्टी को इन तमाम दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराती है। सरकार को जवाब तो देना ही पड़ेगा।
सहारनपुर में हुए दंगे के मास्टरमाइंड मोहर्रम अली ‘पप्पूÓ बेशक बसपा का सदस्य बताया जा रहा हो, लेकिन सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी से उसकी नजदीकियों के ढेरों सबूत मौजूद हैं। पप्पू मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का मेहमान भी रह चुका है।
एक अप्रैल को पप्पू ने सपा के पूर्व मंत्री संजय गर्ग के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग पर मुलाकात की थी। उसी दिन संजय गर्ग ने सपा की सदस्यता ली थी। इससे पहले संजय गर्ग बसपा में थे तो पप्पू उनके साथ था। फिलहाल मोहर्रम अली सहारनपुर उप चुनाव में सपा प्रत्याशी संजय गर्ग की मदद करने की तैयारी में था।
मोहर्रम अली के साथ जब अखिलेश यादव की मुलाकात हुई थी, उस समय सहारनपुर के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री राजेंद्र राणा के साथ एक अन्य दर्जा प्राप्त मंत्री सरफराज खान भी मौजूद थे। इस दिन संजय गर्ग ने सपा की सदस्यता ली थी। इसके पहले तक वह बसपा में थे।
पप्पू से संजय के संबंध की कहानी उनके फेसबुक एकाउंट पर पोस्ट एक फोटो भी बयां कर रही है। इसमें संजय गर्ग पप्पू के साथ हैं। इस बारे में पूर्व मंत्री संजय गर्ग का कहना है कि एक अप्रैल को उन्होंने सपा की सदस्यता ली थी और बहुत सारे लोग वहां मौजूद थे। संजय गर्ग ने कहा कि उस दौरान पप्पू वहां बैठा था, लेकिन उसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। संजय गर्ग ने अपने फेसबुक एकाउंट पर पप्पू के साथ फोटो होने की जानकारी से इन्कार किया है। उन्होंने कहा है कि पप्पू ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार किया था। वह आज भी खुद को कांग्रेसी बताता है।

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