उत्तर प्रदेश में पत्रकरों के साथ मारपीट का सिलसिला जारी, अब गाजियाबाद में 2 पत्रकारों पर हमला

पत्रकार शक्ति सिंह और रोहित सिंह के साथ हुई मारपीट की घटना सीसीटीवी में कैद हुई है. दोनों ने हमलावरों से पुलिस की मिलीभगत का आरोप भी लगाया है.

यूपी के गाजियाबाद में पत्रकारों के साथ मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है. आरोप तो यह भी है पिटाई का शिकार हुए पत्रकार बीते कई दिनों से पुलिस प्रशासन की कार्यशैली को लेकर सवाल उठा रहे थे, जिसके बाद यह हमला हुआ.

पत्रकार शक्ति सिंह और रोहित सिंह के साथ हुई मारपीट की घटना सीसीटीवी में कैद हुई है. दोनों ने हमलावरों से पुलिस की मिलीभगत का आरोप भी लगाया है.

 

 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इन दिनों पत्रकारों की हालत और पत्रकारिता दोनों ही हाशिए पर हैं. फतेहपुर, हमीरपुर, बाँदा, कानपुर देहात, कानपुर नगर समेत तमाम जिलों के पत्रकारों की लगातार शिकायत है कि पुलिस व प्रशासन के जरिए उनकी आवाज को दबाया जा रहा है.

कानपुर देहात में ZEE न्यूज़ के पत्रकार से हुई गुंडई


वहीँ यूपी के कानपुर देहात में जी न्यूज यूपी-यूके के संवाददाता से सरकारी अस्पताल में दुर्व्यवहार किए जाने का मामला सामने आया है. आरोप है कि अव्यवस्थाओं से घिरे अस्पताल प्रबंधन ने रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार का न सिर्फ कैमरा बंद कराया बल्कि उन्हें एक कमरे में बंद करके अभद्रता भी की गई.जी संवाददाता आलोक त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल के सीएमएस ने अपने साथ प्राइवेट सिक्योरिटी तैनात कर रखी है. वह अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं की रिपोर्टिंग करने गए तो सीएमएस के सुरक्षा गार्डों ने उनके साथ काफी अभद्र व्यवहार किया.

आलोक ने बताया- “जिला अस्पताल में जब रियल्टी चेक करने पहुंचे तो 9 बजे तक ओपीडी में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था. मरीजों की भारी भीड़ मौजूद थी. जिले के कोने-कोने से आए मरीज़ घंटों तक डॉक्टर के इंतजार में दर्द से कराह रहे थे. जब मैंने कवरेज करना शुरू किया तो जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ खालिद रिज़वान कई सिक्योरिटी गार्ड्स के साथ आए और कैमरा बंद करा दिया और अभद्र व्यवहार किया. मैंने डीएम कानपुर देहात के नंबर पर कॉल कर पूरी जानकारी दी. इसके बाद क्षेत्रीय थाने में फोन किया पुलिस आई तब मैं वहां से निकल पाया. मैंने शिकायती पत्र थाने में भी दिया है.”

इस मामले में कानपुर देहात के पत्रकार मोहित कश्यप ने बताया कि कानपुर देहात के जिला अस्पताल में स्थिति बेहद खराब है. यहां मरीज घास-फूस की तरह समझे जाते हैं. ढंग की बैठने की जगह तक मरीजों को नहीं मिलती. सच्चाई दिखाने पर पत्रकारों से बदतमीजी की जाती है.

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