अवमानना के मामले में पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी

ऐसे न्यूज़ पोर्टल जिनका उद्देश्य सिर्फ सनसनीखेज़ खबरो को लगाकर पाठकों को एकत्रित करना होता है उनके द्वारा दिनांक 29 जुलाई 2024 को हुई सुनवाई का फैसला अपने मीडिया ट्रायल में सुना दिया जबकि दिनांक 3 अगस्त 2024 को आदेश आने के बाद स्थितियां एकदम स्पष्ट है, ना तो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वादी को कोई चेतावनी दी गई और ना ही किसी तरह का नोटिस जारी किया गया है बल्कि बार काउंसिल आफ इंडिया के प्रचलित नियमों के प्रावधानों के बारे में अवगत कराने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं वहीं इस आदेश में खबर के असली पहलू को समाचार जगत द्वारा न प्रकाशित किया जाना और तोड़ मरोड़ कर सिर्फ पाठकों को मसालेदार खबर भेजना मानहानिकारक है बल्कि निंदा किए जाने योग्य है।

भड़ास4जर्नलिस्ट की खबरों की विश्वसनीयता पर फिर लगी मोहर

विगत कुछ दिनों से अनेक कानूनी वेबसाइट और न्यूज़ पोर्टल द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के संबंध में जिस तरह मानहानिकारक समाचार प्रकाशित एवं प्रसारित किया गया उसके संबंध में भड़ास4जर्नलिस्ट द्वारा सहित तथ्यों को न सिर्फ प्रकाशित किया गया बल्कि सर्वोच्च न्यायालय के किसी भी फैसला के सार्वजनिक होने से पूर्व ऐसे समाचारों का पूरी तरह से खंडन भी किया गया।

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ऐसे न्यूज़ पोर्टल जिनका उद्देश्य सिर्फ सनसनीखेज़ खबरो को लगाकर पाठकों को एकत्रित करना होता है उनके द्वारा दिनांक 29 जुलाई 2024 को हुई सुनवाई का फैसला अपने मीडिया ट्रायल में सुना दिया जबकि दिनांक 3 अगस्त 2024 को आदेश आने के बाद स्थितियां एकदम स्पष्ट है, ना तो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वादी को कोई चेतावनी दी गई और ना ही किसी तरह का नोटिस जारी किया गया है बल्कि बार काउंसिल आफ इंडिया के प्रचलित नियमों के प्रावधानों के बारे में अवगत कराने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं वहीं इस आदेश में खबर के असली पहलू को समाचार जगत द्वारा न प्रकाशित किया जाना और तोड़ मरोड़ कर सिर्फ पाठकों को मसालेदार खबर भेजना मानहानिकारक है बल्कि निंदा किए जाने योग्य है।

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सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद कैसरगंज के बाहुबली पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें आसान होते नहीं दिख रही हैं, पत्रकारों के खिलाफ अनर्गल लिखने और अपमानजनक भाषा शैली के कारण लखनऊ की विशेष अदालत ने पत्रकार डॉ मोहम्मद कामरान द्वारा दर्ज मानहानि के मामले में जमानत अधिपत्र जारी करते हुए दिनांक 03.03.2024 को न्यायालय में हाज़िर होने के आदेश जारी किए गए थे जिसको उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किया गया था । उच्च न्यायालय के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने की याचिका को स्वीकार करते हुए पूर्व सांसद को नोटिस जारी की गई है।

वकालत के साथ पत्रकारिता करने की इजाज़त देते है बार काउंसिल आफ इंडिया के नियम

ये पहला मामला नही है जब सांसद द्वारा निजी ठेकेदार कंपनी वीना ट्रेड्स के फर्जीवाड़े से संबंधित समाचार को प्रकाशित करने से रोकने हेतु पत्रकारों पर ब्लैकमेलर का आरोप लगाते हुए शासन प्रशासन को पत्र जारी किया गया। उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम में वीना ट्रेडर्स द्वारा करोड़ों रुपए का हेर फेर के घोटाले की खबरें लिखे जाने पर कैसरगंज संसद सदस्य ब्रजभूषण शरण सिंह द्वारा शासन प्रशासन को कुश्ती का अखाड़ा बना दिया और खबर लिखने वाले पत्रकार के ख़िलाफ़ साम, दाम, दंड, भेद के सारे दांव आज़माइश पर लगा दिए लेकिन दमदार, ईमानदार खबरनवीस से सामना था, साथी बाराती यहाँ तक पत्रकारों के तमाम संघठन चुप्पी मारकर बैठे रहे, ऐसा लगता था कि बाहुबली के नाम से ही चौथे स्तंभ की मज़बूत दीवार हिलने लगती है लेकिन कुश्ती नरेश के सारे दांव से बिना डरे निडर भाव से पत्रकारो के हितों के लिए चल रहा संघर्ष रंग लाता दिख रहा ।

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सांसद जी का इतिहास और भूगोल कौन नही जानता, भाजपा पूर्व सांसद और भारतीय कुश्‍ती संघ के पूर्व अध्‍यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी दबंगई का बखान खुद ही कर डाला. उन्होंने एक मंच को साझा करते हुए कहा कि शुरुआत से ही उनका दबदबा कायम है. इतना ही नहीं भाजपा पूर्व सांसद ने कहा कि वह 8वीं में तीन बार फेल हो गए थे. परीक्षा के दौरान बगल बैठे छात्र से कॉपी लिखने के लिए कहा तो मना करने पर उसका पैर-हाथ तोड़ने की धमकी दे दी थी तो ऐसे में पत्रकारो के लिए कुछ भी लिखने वाले पूर्व संसद  सदस्य की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है।

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