नामी कथावाचक की जमीन पर प्लॉटिंग करा रहा था अवनीश, पुलिस ने मांगी कस्टडी…सुनवाई आज
अवनीश की आय के स्रोतों का पता लगा रही एसआईटी को उन्नाव में भी करोड़ों की संपत्ति में हिस्सा होने की जानकारी मिली है। जमीन एक नामी कथावाचक की है। सूत्रों के अनुसार अवनीश उस जमीन में प्लॉटिंग कर मोटा हिस्सा ले रहा था। मामला संज्ञान में आने के बाद उच्चाधिकारों ने पुलिस की एक टीम को उन्नाव सदर तहसील भेजकर संपत्ति का ब्यौरा एकत्र करने के आदेश दिए हैं।
कानपुर के सिविल लाइंस में एक हजार करोड़ रुपये की नजूल की जमीन कब्जाने के प्रयास में जेल भेजे गए अवनीश दीक्षित की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। नौ दिन में आठ मुकदमे दर्ज होने के बाद एसआईटी जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। टीम को पता लगा है कि एक नामी कथावाचक की उन्नाव स्थित जमीन पर अवनीश प्लॉटिंग कर मोटी कमाई कर रहा था। पुलिस की एक टीम बुधवार को उन्नाव सदर तहसील पहुंचकर संपत्ति की जांच करेगी। देखा जाएगा कि जमीन विवादित तो नहीं?
अवनीश इस पर किस हैसियत से प्लॉटिंग करा रहा था। अवनीश की आय के स्रोतों का पता लगा रही एसआईटी को उन्नाव में भी करोड़ों की संपत्ति में हिस्सा होने की जानकारी मिली है। जमीन एक नामी कथावाचक की है। सूत्रों के अनुसार अवनीश उस जमीन में प्लॉटिंग कर मोटा हिस्सा ले रहा था। मामला संज्ञान में आने के बाद उच्चाधिकारों ने पुलिस की एक टीम को उन्नाव सदर तहसील भेजकर संपत्ति का ब्यौरा एकत्र करने के आदेश दिए हैं।
अवनीश और उसके वसूलीबाज सहयोगियों पर तीन और मामले दर्ज, एक को हिरासत में लिया, पूछताछ में जुटी पुलिस
कानपर में सिविल लाइंस की करोड़ों की जमीन कब्जाने के प्रयास में जेल में बंद प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित और उसके वसूलीबाज सहयोगियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पुलिस ने अवनीश व उसके साथियों के खिलाफ पिछले चौबीस घंटे में पुलिस ने शहर के अलग-अलग थानों में रंगदारी मांगने, गाली गलौज व एससी-एसटी की धाराओं में तीन मामले दर्ज किए हैं।
कोतवाली व बर्रा थाने में रंगदारी और हनुमंत विहार में एसटीएसटी व अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है। बता दें कि करोड़ों की सरकारी जमीन कब्जाने के मामले के सामने आने के बाद नौ दिन में नौ मामले दर्ज हो चुके हैं।
अनिल वर्तमान में चकेरी के चंद्रनगर में परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि दो जून को वह नवीन मार्केट स्थित क्रिस्टल पार्किंग में अपनी गाड़ी खड़ी करने के लिए गए थे। शाम करीब 5ः30 बजे अजीत यादव उर्फ जितेश, अवनीश दीक्षित, मनोज यादव उर्फ वसूली बंदर, अभिनव शुक्ला व चार-पांच अज्ञात लोगों से गाड़ी खड़ी करने की फीस पूछी, तो उन्होंने पांच सौ रुपये मांग लिए।