ऐसा लगा कि सपा के कार्यक्रम में अखबार को किया गया लांच

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शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठन में सांध्य दैनिक अखबार द मिड-डे-एक्टिविस्ट मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आगमन के बाद लांच किया गया लेकिन पूरे कार्यक्रम में जिस तरह से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिंदाबाद, समाजवादी पार्टी जिंदाबाद के नारे लगते रहे उससे यही लगा कि यह किसी अखबार की लांचिंग का कार्यक्रम न होकर समाजवादी पार्टी के किसी राजनैतिक कार्यक्रम में अखबार को लांच कर दिया गया हो। बार-बार पूरे हॉल में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिंदाबाद, समाजवादी पार्टी जिंदाबाद के नारे लगते रहे और किसी भी व्यक्ति ने उन्हेंं रोकने का प्रयास नहीं किया। बड़ी अजीब विडंबना है। इस अखबार को लांच करने वाले तीन मित्र संजय शर्मा, उमेश कुमार और अमिताभ अग्निहोत्री इन तीनों ने ही बैनरों पर अपनी फोटो के साथ यह लिखकर अखबार की लांचिंग का प्रयास किया था कि देश के विश्वसनीय पत्रकारों की देखरेख में उत्तर प्रदेश में द-मिड-डे एक्टिविस्ट सांध्य दैनिक जिसका पंच लाइन भी दमदार दिख रहा था ‘तीखा….मगर सचÓ यह सब कुछ धरा का धरा रह गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अखबार के संपादक संजय शर्मा ने पूर्णतया मुख्यमंत्री की चरण वंदना से किया। जिस उत्तर प्रदेश में उसकी जनता सिर्फ दो साल ढाई सौ दंगों को झेल चुकी हो, विकास का नामोनिशान न हो और राजनीतिक गुंडागर्दी अपने चरम पर हो वह सब संपादक संजय शर्मा की आंखों से ओझल थे। संजय शर्मा ने तो बस अपने पूरे भाषण में मुख्यमंत्री की चरण वंदना को ही जगह दी, लेकिन उनके बाद अखबार के दूसरे सहयोगी अमिताभ अग्निहोत्री ने अपने ही अंदाज में समाजवादी पार्टी और सरकार की बखिया उधेड़ दी। जहां एक तरफ संजय शर्मा के भाषण से ऐसा लगा कि शहर-ए-लखनऊ को एक अखबार नहीं बल्कि अखबार के रूप में एक सरकारी पंपलेट मिलने वाला है वैसे ही अमिताभ अग्निहोत्री की बात को सुनकर लगा कि शायद यह अखबार भी हो सकता है। यह पहली बार देखा गया कि किसी अखबार की लांचिंग के प्रोग्राम में बार-बार समाजवादी पार्टी जिंदाबाद, मुख्यमंत्री जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं। वहीं लांचिंग कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस अखबार के प्रति जो दरियादिली दिखा रहे थे वह भी अखबार को कहीं न कहीं कठघरे में खड़ा कर रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के दौरान साफ-साफ कहा कि सरकार एवं स्वयं मुख्यमंत्री इस अखबार को हर तरह की मदद देते रहेंगे। अखबार के बैनरों को देखकर ऐसा लगता था कि शहर को एक और तेज तर्रार अखबार की सौगात मिलने वाली है लेकिन अखबार की लांचिंग में लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अब देखना यह बाकी है कि आने वाले समय में यह अखबार कौन रुख अपनाता है। बावजूद इसके bhadas4journalist.com संपादक संजय शर्मा और उनके सहयोगी उमेश कुमार एवं अमिताभ अग्निहोत्री को बधाई देता है और साथ ही यह उम्मीद भी करता है कि आने वाले समय में द मिड-डे-एक्टिविस्ट अखबारी गरिमा को न सिर्फ बनाए रखेगा बल्कि आगे भी ले जाएगा।

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