माना आपकी तरह ‘एलीट’ नहीं था मुकेश चंद्राकर, पर जिसे तड़पा-तड़पाकर मारा गया वह भी पत्रकार ही था… कॉन्ग्रेस की ‘चाटुकारिता’ में अपने ही पेशे का दर्द भूल गए राजदीप सरदेसाई

राजदीप सरदेसाई ने लिखा, "पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का मुख्य आरोपित सुरेश चंद्राकर कॉन्ग्रेस का सदस्य था। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दावा है कि वह हाल ही में भाजपा में शामिल हुआ है।"

राजदीपराजदीप सरदेसाई कौन हैं? पत्रकार। मुकेश चंद्राकर कौन था? पत्रकार। पेशा एक ही होने के बावजूद यह माना जा सकता है कि राजदीप की तरह मुकेश ‘एलीट’ नहीं थे। वे न तो ‘खान मार्केट गैंग’ के प्रिय थे और न ही ‘लुटियन मीडिया’ का हिस्सा। फिर भी हमपेशा होने के कारण राजदीप से यह तो उम्मीद की ही जा सकती थी कि वे पत्रकारों का दर्द समझेंगे। कॉन्ग्रेस के प्रति अपनी वफादारी साबित करने के मौके के तौर पर इस घटना को नहीं लेंगे।

लेकिन जो उम्मीदों पर खरा उतरे, वह राजदीप सरदेसाई कैसा। इंडिया टुडे के इस वरिष्ठ पत्रकार ने अपनी ऊर्जा यह साबित करने में खपाई है कि मुकेश की हत्या में गिरफ्तार सुरेश चंद्राकर का अब कॉन्ग्रेस से कोई संबंध नहीं है।

हत्यारे सुरेश चंद्राकर को भूपेश बघेल की कॉन्ग्रेस सरकार और उसके बाद भी कैसे बड़े पद मिले, यह भी सामने आ चुका है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर के हत्यारे पर कड़ी कार्रवाई हो और उसे सजा मिले, इस पर बात ना करके अब राजदीप सरदेसाई कॉन्ग्रेस के बचाव में उतर पड़े हैं।

राजदीप सरदेसाई ने एक्स पर एक ट्वीट में यह दिखाने की कोशिश की कि सुरेश चंद्राकर कॉन्ग्रेस का नेता भले ही था लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गया था। उन्होंने लिखा, “पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का मुख्य आरोपित सुरेश चंद्राकर कॉन्ग्रेस का सदस्य था। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दावा है कि वह हाल ही में भाजपा में शामिल हुआ है।”

आगे सरदेसाई ने लिखा, “यह साफ़ है कि हत्या सड़क ठेकों में भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए की गई थी, ये भ्रष्टाचार का एक जाना-पहचाना तरीका है और जो सत्ता के संरक्षण में पनपता है। दोषी किस पार्टी से जुड़ा था, इस पर बहस के बगैर दोषियों को तुरंत सजा मिलनी चाहिए। मुकेश को न्याय मिलना चाहिए।”

राजदीप सरदेसाई इसी तरीके से काम करते हैं। कई ऐसे आधिकारिक दस्तावेज सामने आ चुके हैं, जिनसे साफ़ होता है कि सुरेश चंद्राकर का संबंध कॉन्ग्रेस से था। यह भी साफ़ हो चुका है कि महाराष्ट्र चुनाव तक कॉन्ग्रेस उससे काम ले रही थी और पद भी दे रही थी। लेकिन सिर्फ शक पैदा करने के लिए राजदीप इसमें भाजपा का नाम घसीट लाए।

भाजपा ने मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद बताया था कि हत्यारोपित सुरेश चंद्राकर छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस के SC मोर्चा का उपाध्यक्ष है। उसे महाराष्ट्र चुनाव के दौरान अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर ऑब्जर्वर बना कर भेजा गया था। 2023 में हुए छत्तीसगढ़ चुनाव के दौरान उसे 3 जिलों का प्रभारी बनाया गया था।

यह सब जानकारी होने के बावजूद राजदीप ने यह लिखा कि ‘चाहे वह जिस पार्टी से हो’। भाजपा नेताओं का नाम किसी मामले में आने पर रोना-पीटना मचा देने वाले राजदीप इस बार स्पष्ट तौर पर पार्टी का नाम नहीं लिख पाए। इसके लिए उनको एक दावे का सहारा लेना पड़ गया।

राजदीप ने सिर्फ इतनी ही चोरी नहीं की कि वह भाजपा को इस मामले में घसीटते रहे, बल्कि वह यह बताना भी भूल गए कि सुरेश चंद्राकर को इतना ताकतवर बनाने वाली भी कॉन्ग्रेस ही रही है। 2023 तक कॉन्ग्रेस राज्य में सत्ता में थी।

ना राजदीप ने यह बताया कि कुछ साल पहले तक सामान्य सी पृष्ठभूमि रखने वाला सुरेश चंद्राकर 2021 आते-आते अपनी शादी में हेलीकॉप्टर बुलाने लगा? कैसे वह बीजापुर के स्टेडियम में शादी की दावत देने लगा? कैसे उसे धमाधम एक से एक बड़े ठेके उसको मिले? कैसे 10वीं पास सुरेश चंद्राकर A क्लास का ठेकेदार बन गया?

इन सारी बातों को राजदीप ने नजरअंदाज कर दिया और उनकी सुई एक जगह पर जाकर अटकी कि वह कॉन्ग्रेस का नेता ना होकर भाजपा का था या किसका था, पता नहीं। उल्लेखनीय है कि मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी, 2025 को लापता थे। उनका शव ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के घर के सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि उनको तड़पा-तड़पा कर मारा गया था।

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