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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपर मुख्य सचिव एस पी गोयल पर लगा अरबों के जमीन घोटाले का आरोप

अमिताभ ठाकुर के अनुसार उन्हें अंसल ग्रुप के सुशांत सिटी, लखनऊ की अक्टूबर 2022 से दिसंबर 2024 के बीच बेची गयी 10 ऐसी संपत्तियों के रजिस्ट्री के विवरण प्राप्त हुए हैं, जो उन्हें दी गयी जानकारी के अनुसार एसपी गोयल के अत्यंत नजदीकी रिश्तेदारों और उनसे जुड़ी कंपनियों के नाम बेचीं गयी हैं. इनमें 3 व्यावसायिक तथा 7 आवासीय संपत्तियों हैं. व्यावसायिक संपत्तियों का कुल क्षेत्रफल 1.71 लाख वर्ग फीट है, जबकि आवासीय संपत्तियों का क्षेत्रफल 55,700 वर्ग फीट है. रजिस्ट्री के अभिलेखों के अनुसार इन 10 संपत्तियों की स्टांप ड्यूटी सहित कुल कीमत लगभग 45 करोड़ 10 लाख रुपए है.

आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपर मुख्य सचिव एस पी गोयल के खिलाफ यूपी के लोकायुक्त के समक्ष शिकायत प्रस्तुत किया है.

शिकायत में उन्होंने कहा है कि एसपी गोयल पर पूर्व में उन्नाव के अभिषेक गुप्ता से 25 लाख रुपए लेने के आरोप लगे थे किंतु शिकायतकर्ता ने अत्यंत संदिग्ध स्थितियों में अपनी शिकायत वापस ले ली थी.

अमिताभ ठाकुर के अनुसार उन्हें अंसल ग्रुप के सुशांत सिटी, लखनऊ की अक्टूबर 2022 से दिसंबर 2024 के बीच बेची गयी 10 ऐसी संपत्तियों के रजिस्ट्री के विवरण प्राप्त हुए हैं, जो उन्हें दी गयी जानकारी के अनुसार एसपी गोयल के अत्यंत नजदीकी रिश्तेदारों और उनसे जुड़ी कंपनियों के नाम बेचीं गयी हैं. इनमें 3 व्यावसायिक तथा 7 आवासीय संपत्तियों हैं. व्यावसायिक संपत्तियों का कुल क्षेत्रफल 1.71 लाख वर्ग फीट है, जबकि आवासीय संपत्तियों का क्षेत्रफल 55,700 वर्ग फीट है. रजिस्ट्री के अभिलेखों के अनुसार इन 10 संपत्तियों की स्टांप ड्यूटी सहित कुल कीमत लगभग 45 करोड़ 10 लाख रुपए है.

उन्होंने शिकायत में कहा है कि पिछले दिनों अंसल समूह के संबंध में सामने आए तमाम तथ्यों से कथित रूप से एसपी गोयल के नजदीकी रिश्तेदारों को इस प्रकार विगत 2 वर्षों में 10 कीमती संपत्तियां रजिस्ट्री किया जाना स्वयं में जांच का विषय बन जाता है. निलंबित आईएएस अफसर अभिषेक प्रकाश मामले में अंसल समूह द्वारा उन्हें 2 विवादित संपत्ति दिए जाने का प्रकरण सामने आने के बाद से यह मामला और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है.

शिकायत में 7 ऐसी कंपनियों की जानकारी दी गई है, जिनका पता एसपी गोयल के विराम खंड-1 स्थित आवास का है किंतु वह पूरी तरह से आवासीय घर है और उस पर किसी भी कंपनी का कोई बोर्ड नहीं लगा है. एस पी गोयल के पारिवारिक बताये गए जो 2 लोग इन 7 कंपनियों में डायरेक्टर हैं, उन्हीं लोगों की 5 अन्य कंपनियों की जानकारी भी उन्हें मिली है, जिनसे नई दिल्ली के बाबर रोड और मालवीय नगर के साथ कोलकाता के बीबीडी बाग के पते सामने आये हैं, जो जाँच का विषय हैं.

अमिताभ ठाकुर ने पूर्व में उत्तर प्रदेश सरकार से इसकी जाँच की मांग की थी और कार्रवाई नहीं होने पर लोकायुक्त को शिकायत प्रस्तुत किया है.

देखें – लोकायुक्त को प्रस्तुत शिकायत की प्राप्ति…

आईएएस एसपी गोयल के पास कितनी संपत्ति है?

एक आम इंसान के पास अगर एक हजार वर्गफुट का एक फ्लैट हो जाए तो उसका जीवन धन्य हो जाता है। लगता है कि उसके जीवन के सारे अरमान पूरे हो गए। सर पर छत मिल गई।

एक रोज एक सज्जन ने पूछा कि एक जिलाधिकारी अगर भ्रष्ट हो जाए तो उसकी कितनी कमाई हो सकती है? आइए कैलकुलेट करते है।

योगी आदित्यनाथ जी महाराज के प्रमुख सचिव (एडिशनल चीफ सेक्रेटरी) हैं शशि प्रकाश गोयल, जिन्हें मीडिया और नौकरशाही में एसपी गोयल के नाम से जाना जाता है। 22 साल की उम्र में 1989 में आईएएस अधिकारी बने। पहली नियुक्ति इटावा में मिली थी। असिस्टेंट मजिस्ट्रेट, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर, जिलाधिकारी सहित तमाम पदों पर रहे, जो आईएएस होने के बाद कोई भी बन्दा होता है।

इनकी किस्मत चमकी 2014 में, जब मोदीजी देश के राजा बने। भारत सरकार के संयुक्त सचिव बने। उसके बाद जब योगी आदित्यनाथ मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए तब इन्हें यूपी में लगाया गया। मई 2017 में इन्होंने यूपी सरकार फिर ज्वाइन किया। 2020 में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी बने।

खबर के मुताबिक 1.71 लाख वर्गफुट यानी 1,71, 000 वर्गफुट व्यावसायिक संपत्ति है। 55,700 वर्गफुट आवासीय संपत्ति। दिल्ली से कलकत्ता तक कई कम्पनियां इनके पते पर दर्ज हैं। बहुत पहले एक व्यवसायी ने इनके ऊपर 50 लाख रुपये रिश्वत मांगने की शिकायत की तो वह जेल चला गया। उसने माफीनामा लिखा, तब जाकर उसे रिहाई मिली।

इतना ही नहीं। अंसल बिल्डर्स से भी इनके ऊपर तमाम फ्लैट लेने के आरोप लगे हैं, जो इनके सगे सम्बन्धियों के नाम से दर्ज हैं।

सबसे मजेदार बात यह कि ये योगी की नाक के नीचे बैठकर यह सब कर रहे हैं। ये भी कह सकते हैं कि योगी जी के कलेजे पर मूंग दल रहे हैं।

इतनी सम्पदा गाटा नम्बर, रजिस्ट्री नम्बर के साथ शिकायत में दर्ज है। किसी की औकात नहीं है कि इनकी जांच करा पाए, या इन्हें सस्पेंड कर पाए। Supreme Court Of India भी इस मसले को स्वतः संज्ञान में लेकर जांच नहीं करा पा रही है। इतना सिंपल सा केस है, फिर भी।

और वहां कश्मीरमें यह लोग आतंकी की जांच करेंगे! छोड़िए, जाने भी दीजिए भाई साहब। जस्ट चिल। और किसी की गणित तेज हो तो वह सम्पदाओं की कीमत बताए कि प्रातः स्मरणीय शशि प्रकाश गोयल जी ने महज 5 साल में कितनी सम्पदा बनाई है? पहले वाला तो छोड़ ही दीजिए।

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