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PTC नेटवर्क के प्रमुख रबिन्द्र नारायण बोले- जब तक कंटेंट अच्छा है, वह राज करेगा

हाल ही में हुए WAVES समिट के दौरान PTC नेटवर्क के मैनेजिंग डायरेक्टर और प्रेजिडेंट रवींद्र नारायण ने भारत की मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के भविष्य को लेकर बेहद प्रेरणादायक दृष्टिकोण पेश किया।

मुंबई में आयोजित हालिया WAVES समिट के दौरान PTC नेटवर्क के मैनेजिंग डायरेक्टर और प्रेजिडेंट रबिन्द्र नारायण ने भारत की मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के भविष्य को लेकर बेहद प्रेरणादायक दृष्टिकोण पेश किया। उन्होंने इस आयोजन को “एक असली मेला” बताया और कहा कि यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा क्रिएटर्स का संगम है। उनके मुताबिक, इस तरह के शिखर सम्मेलनों का आयोजन पहले केवल अमेरिका, एम्स्टर्डम, सिंगापुर और दुबई जैसे देशों में होता था, लेकिन पहली बार भारत में इतने बड़े स्तर पर यह संभव हो पाया है।

नारायण ने बताया कि जिस तरह से ब्रॉडकास्टर्स, स्टूडियोज, ऐक्टर्स, डायरेक्टर्स, म्यूजिशियन्स और डिजिटल क्रिएटर्स इस आयोजन में शामिल हुए, वैसा भारत में पहले कभी देखने को नहीं मिला। सौ से ज्यादा सत्रों के साथ यह समिट नए विचारों और तकनीकी नवाचारों का केंद्र बन गई है। उन्होंने एक स्टार्टअप का उदाहरण दिया जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कुछ ही मिनटों में फिल्मों के प्रोमो तैयार कर रहा है, वो भी मेटाडेटा और थीमेटिक डायरेक्शन के साथ। उनके अनुसार, मीडिया की दुनिया तेजी से बदल रही है और सरकार ने इसे पहचानते हुए ऐसा शिखर सम्मेलन आयोजित कर एक अहम कदम उठाया है।

उन्होंने सरकार की उस महत्वाकांक्षा का समर्थन किया जिसमें 2029 तक भारत को 50 अरब डॉलर की कंटेंट इकोनॉमी में बदलने की बात कही गई है, लेकिन इस दिशा में सफलता के लिए उन्होंने सिर्फ फंडिंग नहीं, बल्कि रचनात्मक स्वतंत्रता और संसाधनों की सहज उपलब्धता को ज्यादा अहम बताया। उनका मानना है कि जब सिस्टम क्रिएटर्स के सामने कोई रुकावट न खड़ी करें, तो परिणाम असाधारण होते हैं।

नारायण ने भारत की वैश्विक स्तर पर हो रही भागीदारी, विशेष रूप से वीएफएक्स, म्यूजिक और पोस्ट-प्रोडक्शन के क्षेत्र में, को रेखांकित करते हुए कहा कि अगर स्थानीय क्रिएटर्स को भी वैश्विक मानकों वाला माहौल और इन्फ्रास्ट्रक्चर दिया जाए, तो भारत वाकई एक ग्लोबल हब बन सकता है।

उन्होंने आने वाले वर्षों में क्षेत्रीय कंटेंट को सबसे बड़ा गेमचेंजर बताया। उनके अनुसार, अब “रीजनल ही नया ग्लोबल” है और हम उस दौर में प्रवेश कर रहे हैं जहां भाषा, क्षेत्र और देश गौण हो जाएंगे, कंटेंट ही प्रमुख भूमिका में रहेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए रियल-टाइम डबिंग और सॉफ्टवेयर जैसे Sora और Runway के जरिए एनीमेशन की दुनिया में हो रहे बदलाव इस ट्रेंड को और तेज कर रहे हैं।

नारायण ने कंटेंट की कमाई के तरीकों में भी बदलाव की बात कही। उनके मुताबिक, पारंपरिक टीवी रेटिंग सिस्टम की जगह अब रियल-टाइम, एड्रेसेबल मेट्रिक्स ले रहे हैं जो डीटीएच, मोबाइल और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर एक साथ लागू होंगे। इससे कंटेंट क्रिएटर्स को सीधे कमाई का मौका मिलेगा और उन्हें बेहतर शर्तों पर सौदे करने का आधार भी मिलेगा।

उन्होंने हाल ही में ट्राई द्वारा दिए गए उन सुझावों का स्वागत किया जिनमें सैटेलाइट अपलिंकिंग को अनिवार्य मानने की शर्त को हटाने और क्लाउड-आधारित प्लेआउट सिस्टम को प्रोत्साहन देने की बात कही गई है। उनका मानना है कि आने वाले समय में क्लाउड-आधारित न्यूजरूम और रिमोट कोलैबोरेशन की मदद से दुनिया भर के विशेषज्ञ एक साथ रीयल-टाइम चर्चाओं में हिस्सा ले सकेंगे।

नारायण ने अपनी बात को एक सशक्त निष्कर्ष के साथ समाप्त करते हुए कहा—“जब तक कंटेंट अच्छा है, वह राज करेगा।” यानी यदि कोई कंटेंट गुणवत्तापूर्ण है, तो वही लोगों का ध्यान खींचेगा और सफल होगा।

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