जनसंदेश के प्रिंट लाइन में भी धोखाधड़ी, कर्मचारियों के उत्पीड़न मामले में सीएम कार्यालय जागा
जनसंदेश टाइम्स प्रबंधन जालसाजी के अपने ही बुने जाल में दिन प्रतिदिन फंसता चला जा रहा है। कर्मचारियों के उत्पीड़न मामले में मानवाधिकार आयोग के कार्रवाई के निर्देश और केन्द्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार से कर्मचारियों के उत्पीड़न मामले में कार्रवाई रिपोर्ट तलब करने के बाद अब प्रिंट लाइन में भी धोखाधड़ी करने का नया मामला उभर गया है, जिसकी शिकायत भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक से लगायत सूचना प्रसारण मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, वाराणसी के कमिश्नर, जिलाधिकारी, डीएवीपी के महाप्रबंधक और प्रदेश के सूचना निदेशक से की गयी है।
बनारस में तीन नवंबर को जनसंदेश टाइम्स के अपने प्रेस बून एक्जिम प्रा. लि. जीटी रोड, रोहनियां से अचानक सभी कर्मचारियों को निकालकर बंद कर दिया गया। उसके बाद अखबार शहर के मड़ौली स्थित मोतीलाल स्टेट से प्रिंट हो रहा है, लेकिन एक माह बाद भी अखबार की प्रिंट लाइन में बून एक्जिम प्रा. लि. जीटी रोड, रोहनियां में अखबार मुद्रित होने की गलत जानकारी दी जा रही है। यह समाचार पत्र प्रकाशन के लिए आरएनआई के नियमों के विपरीत है। अखबार प्रबंधन के उत्पीड़न के शिकार एक कर्मी ने इसकी लिखित शिकायत करते हुए प्रबंधन के खिलाफ धोखाधड़ी की कार्रवाई करने की गुहार लगायी है। शिकायत के बाद अखबार की टाइटिल रद होने के साथ ही डीएवीपी एवं अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा विज्ञापन बंद करने का खतरा मंड़राने लगा है। वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों के उत्पीड़न मामले में मिली शिकायत को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी वाराणसी के जिलाधिकारी को कार्रवाई के लिए (पत्रांक संख्या- पीजी-05553586) अग्रसारित किया है।