नहीं रहे वरिष्ठ पत्रकार अमरेन्द्र कुमार

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वरिष्ठ पत्रकार अमरेन्द्र कुमार नहीं रहे…..मित्र विजय कृष्ण अग्रवाल ने अभी थोड़ी देर पहले यह दुखद सूचना दी….अचानक मिली इस सूचना से विचलित सा हो गया….दिन भर की भाग-दौड़ के बाद शाम में घर आया ही था कि….चाय का कप सामने टेबुल पर रखा रह गया और मैं अतीत में खो गया। अमरेन्द्र जी के साथ गुजरे एक-पल याद आने लगे। 90 का वह शुरुआती दिन था। तब मैं आज हिन्दी दैनिक, पटना में नौकरी की शुरूआत ही किया था। तब अमरेन्द्र जी प्रादेशिक डेस्क के इंचार्ज हुआ करते थे। आज के तत्कालीन प्रबंध संपादक श्री बेनीमाधब चटर्जी ने मुझे प्रादेशिक डेस्क पर काम करने का निर्देश दिया। उस दौरान अमरेन्द्र जी से बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। अगर मैं यह कहूं कि अमरेन्द्र जी पत्रकारिता के मेरे पहले गुरु थे, तो गलत नहीं होगा। तब डा. श्रीकान्त (वाराणसी वाले) भी प्रादेशिक डेस्क पर ही थे। अक्सर शाम में अमरेन्द्र जी हम दोनों को साथ लेकर चाय की दुकान पर जाते थे। चाय पीने के साथ ही गप्पशप और कुछ करने की सीख….। कुछेक वर्ष बाद अमरेन्द्र जी आज छोड़ कर दिल्ली चले गए। तब भी उनसे सम्पर्क बना रहा। जब वे युग पत्रिका का संपादन कर रहे थे तो पटना से मुझसे लिखवाते रहे। 2010-11 में वे दिल्ली से प्रकाशित युग सरोकार मासिक पत्रिका का संपादन करने लगे थे। इस पत्रिका से मैं श्री गंगवार जी के संपादन के दौर से ही जुड़ा था। अमरेन्द्र जी पत्रिका के संपादन का दायित्व संभालने से पहले कई बार मुझसे फोन पर बातें करते रहें। पिछले साल पटना आए थे तो उनसे मुलाकात हुई।
अमरेन्द्र जी से जुड़ी अनेक यादें और घटनाएं हैं। सब की चर्चा करना यहां संभव नहीं है। भीगे मन से पत्रकारिता के अपने ‘गुरु’ को भावभीनी श्रद्धांजलि…. ईश्वर उनकी आत्मा को चीरशांति प्रदान करें….

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