सहारा हो रहा है दिन पर दिन बेसहारा, कई ने पकड़ी नई पगडंडी

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सेबी के नकेल के बाद सुब्रत राय सहारा के जेल जाते ही सहारा के कर्मचारी बेसहारा हो गए हैं। वेतन भी समय पर नहीं मिल पा रहा है और मिल भी रहा है तो आधी अधूरी। इसलिए यहां के कर्मचारी परेशान हैं और नई पंगडंगी पर चलने के लिए तैयार हो गए है। पर पगडंडी पर भी उनके पांव ठीक से नहीं पड़ रहे हैं क्योंकि सहारा के इन कर्मचारियों को बाजार में भी कोई पूछ रहा है। मोल तोल की स्थिति में ये हैं नहीं और मजीठिया वेजबोर्ड ने सभी की कमर तोड़ दी है। बाजार भी उन्हें उतना मूल्य देने को तैयार नहीं है जितना वे सहारा में पाते थे इस कारण यहां के कर्मचारी काफी परेशान हैं।
एक सूत्र ने बताया कि सुब्रत के जेल जाने और अनिश्चितता के माहौल को देखते हुए कई जगहों से कई लोगों ने पलायन किया है। सहारा देहरादून से अनिल सिंह पवार ने विदाई ले ली है। वे दैनिक जागरण पानीपत पहुंचे हैं। अनिल देशपाल पवार के भतीजे हैं जो कई जगहों पर संपादक रहे हैं।
वहीं यहां से आभा शर्मा भी रुखसत हो गई हैं। हालांकि वे अपनी नई पारी किस संस्थान के साथ शुरू करने जा रही हैं इसके बारे में जानकारी नहीं हो सकी है। वहीं वाराणसी से खबर है कि यहां से अजित सिंह ने भी विदाई ले ली है। ये आईनेक्स्ट बरेली पहुंचे हैं। इससे पहले सहारा से नीलकंठ भट्ट, कमलेश भट्ट, अनूप पवार औऱ सुभाष क्षेत्री ने सहारा को बेसहारा ही छोड़कर जा चुके हैं।

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